रांचीः झारखंड सरकार के द्वारा विभिन्न जिलों में कार्य कर रहे पोषण सखी को सेवा से हटाए जाने के फैसले के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका के माध्यम से अदालत से गुहार लगाई है कि वह झारखंड सरकार के आदेश को रद्द करने का आदेश दें. पूर्व की भांति पोषण सखी की सेवा बहाल रखने का निर्देश दें. पोषण शिक्षकों ने अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता के माध्यम से अदालत में याचिका दायर की है.
अधिवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि चयन मुक्त पोषण सखी ने न्याय के लिए झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. झारखंड सरकार ने 24 मार्च 2022 को एक आदेश से राज्य के 6 जिलों में कुपोषण के खिलाफ लड़ रहे पोषण सखियों को बिना किसी कारण, बिना पूर्व नोटिस के कार्यमुक्त कर दिया. केंद्र के निर्देश में झारखंड के 6 जिला, गोड्डा चतरा दुमका गिरिहडीह कोडरमा धनबाद में 52वीं परियोजनाओं में कार्यरत विभिन्न आंगनबड़ी केंद्र में अतिरिक्त आंगनबाड़ी सेविका सह पोषण सखी को कार्यमुक्त कर दिया है. कुल 10388 पोषण सखी जिसमें विधवा, दिव्यांग, अत्यंत पिछड़े, जनजातीय महिलाओं को रोजगार मिला था. उसको राज्य सरकार की अदूरदर्शिता के करण कार्य मुक्त कर दिया गया. उसी आदेश के खिलाफ झारखंड के पोषण सखी संघ की राज्य सचिव प्रमिला कुमारी, गिरिहडीह ने अपने अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता एवं पिंकी साव के माध्यम उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.