रांची: झारखंड के सियासी गलियारों में 21 दिसंबर को पेट्रोल पंप बंद रखने के झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के ऐलान की गूंज सुनाई पड़ने लगी है. विपक्ष जहां पहले ही इस मामले में काफी मुखर रही है और सरकार से वैट की दर कम करने की मांग करती रही है. वहीं अब तक कई मामलों में सरकार का साथ निभा चुकी माले भी विपक्ष के सुर में सुर मिला रही है.
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जनता पर बोझ डाल रही है सरकार
पेट्रोल डीजल के मुद्दे पर सरकार से अलग रूख अख्तियार करते हुए माले ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर विचार करने की मांग की है. विधायक विनोद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि कर जनता पर बोझ डाले हुए हैं. ऐसे में झारखंड में सरकार को कीमतों में कमी की मांग पर विचार करना चाहिए ताकि जनता को थोड़ी राहत मिल सके.
जेएमएम सरकार को जनता से मतलब नहीं
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मनीष जायसवाल ने भी राज्य सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार चल रही है लेकिन उनको जनता से कोई वास्ता नहीं है. कांग्रेस और जेएमएम पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं थे. जब केंद्र सरकार ने वेट कम किया तो राज्य सरकार मौन हो गई है. जितने भी बीजेपी शासित राज्य हैं उन राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है. लेकिन झारखंड सरकार की मंशा इससे साफ हो जाती है कि वे जनता के बारे में कितना सोचती है.
कीमतों को लेकर सरकार गंभीर
वही कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने सरकार का बचाव किया और कहा कि कीमतों को लेकर सरकार गंभीर है और तमाम चीजों पर मंथन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से बात हुई है जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा. उन्होंने जल्द ही कीमतों में राहत की संभावना जताई है.
21 दिसंबर को पेट्रोल पंप का हड़ताल
झारखंड में वैट की दरों में कमी की मांग को लेकर झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 21 दिसंबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बंद पेट्रोल पंप बंद का ऐलान किया है. एसोसिएशन का कहना है कि झारखंड एक खनिज प्रधान राज्य होने के बावजूद यहां पर सरकार वेट काम नहीं कर रही है जबकि निकटवर्ती राज्यों में वेट कम हो गया है. जिस वजह से झारखंड के पेट्रोल पंपों पर बिक्री में काफी कमी आई है और नुकसान झेलना पड़ रहा है.