ETV Bharat / city

Janjatiya Gaurav Divas: राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर राजनीति, राज्य की 28 रिजर्व सीटों पर BJP की नजर

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Union Minister Arjun Munda) के सुझाव के बाद अब भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में पूरे देश में मनाया जाएगा. लेकिन अब इस फैसले को राजनीतिक जश्मे से देखा जाने लगा है. कहा जा रहा है कि बीजेपी इस फैसले से झारखंड के 28 रिजर्व सीट पर अपनी पैठ बनाना चाहती है.

politics over Janjatiya Gaurav Divas
politics over Janjatiya Gaurav Divas
author img

By

Published : Nov 13, 2021, 6:16 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 6:41 PM IST

रांची: झारखंड के भगवान कहे जाने वाले भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) का जन्म 15 नवंबर को खूंटी जिले के उलिहातू में हुआ था. उनका जन्म दिवस जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में पूरे देश में मनाया जाएगा. बिरसा मुंडा (Birsa Munda) देश के उन पहले स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दी थी. झारखंड की आने वाली पीढ़ियों के लिए बिरसा मुंडा (Birsa Munda) एक आर्दश हैं. बिरसा मुंडा के योगदान को देखते हुए केंद्रीय सरकार ने उनकी जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में मनाने का फैसला किया है. लेकिन अब इस पर राजनीति भी तेज हो गई है.

झारखंड में 81 विधानसभा सीट पर 28 सीटें ऐसी हैं जो एसटी के लिए रिजर्व हैं. इन सीटों पर बीजेपी सिर्फ दो पर ही जीत हासिल कर पाई है. ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि बीजेपी आदिवासियों को खुश करने के लिए बिरसा मुंडा जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में मनाने का फैसला किया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इसका स्वागत तो किया लेकिन इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया. JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा कि झारखंड में जनजातीय समाज से बीजेपी को रिजेक्ट कर दिया है. इसके बाद अब बीजेपी को भगवान बिरसा मुंडा याद आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ चुनाव और समय की मांग को देखते हुए सब कुछ करती है. उन्होंने इसे बीजेपी का एक इवेंट करार दिया और ये भी कहा कि आदिवासी समाज को बरगलाना उतना आसान नहीं हैं.

JMM केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य

ये भी पढ़ें: 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाई जाएगी बिरसा मुंडा की जयंती, पीएम ने जताई खुशी

दरअसल, पिछले महीने बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में ये बातें भी कही कई थी कि बिरसा मुंडा को केंद्र में रखकर कुछ ऐसा कार्यक्रम होना चाहिए जिससे देश के आदिवासी बीजेपी से जुड़ सकें. इसके लिए जरूरी है कि जनजातिय योद्धाओं का संघर्ष और उनका इतिहास देश के सामने लाया जाए. माना जा रहा है कि के बाद बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासियों से जोड़ कर राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फैसला किया है.

देखें वीडियो

वहीं, वाम दल के नेता अजय कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा को सम्मान जो मिलना चाहिए वह सम्मान नहीं मिल पा रहा है. एक तरफ जहां बिरसा मुंडा पर राजनीति हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ रांची में उनकी समाधी स्थल को कोई देखने वाला भी नहीं है. बिरसा की समाधि स्थल अक्सर नशेड़ियों धुत देखा जा सकता है. अजय कुमार कहते हैं बिरसा मुंडा के समाधि स्थल और उनके जन्म स्थली पर सरकारी तंत्र की मजबूत व्यवस्था की जाए ताकि सिर्फ विशेष दिन ही नहीं बल्कि प्रतिदिन उनके प्रतिमा और समाधि स्थल को साफ सुथरा रखा जा सके. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि सिर्फ विशेष मौके पर ही इस समाधि स्थल पर बड़े-बड़े लोगों की भीड़ होती है. उस दिन लोग माल्यार्पण कर उन्हें याद करते हैं और उनके सिद्धांतों पर चलने की बात करते हैं. आदिवासी समाज के ही लोग रोजगार के अभाव में समाधि स्थल के आसपास नशा करके समय बिताते हैं जो बिरसा मुंडा के सपनों को चूर चूर करता है.


जेएमएम के मनोज पांडे ने बताया कि बिरसा मुंडा के नाम पर झारखंड में सबसे ज्यादा दिनों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी सिर्फ राजनीति करती है. उनका कहना है कि उनकी सरकार ने ही बिरसा की जन्मस्थली और समाधि स्थल को बेहतर बनाया गया है. हेमंत सरकार के नजर में आदिवासियों और झारखंड के पूर्वजों का सम्मान सर्वप्रथम है. झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ तौसीफ बताते हैं कि वर्तमान सरकार भगवान बिरसा मुंडा के प्रति संवेदनशील है. क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आदिवासी समाज से हैं और हम आदिवासी समाज को बढ़ावा देने के लिए बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राज्य में अत्यधिक वर्षों तक राज्य करने वाली भाजपा पार्टी में बिरसा मुंडा के सिद्धांतों को मिटा रही है जो कांग्रेस भी नहीं होने देगी.

रांची: झारखंड के भगवान कहे जाने वाले भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) का जन्म 15 नवंबर को खूंटी जिले के उलिहातू में हुआ था. उनका जन्म दिवस जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में पूरे देश में मनाया जाएगा. बिरसा मुंडा (Birsa Munda) देश के उन पहले स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दी थी. झारखंड की आने वाली पीढ़ियों के लिए बिरसा मुंडा (Birsa Munda) एक आर्दश हैं. बिरसा मुंडा के योगदान को देखते हुए केंद्रीय सरकार ने उनकी जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में मनाने का फैसला किया है. लेकिन अब इस पर राजनीति भी तेज हो गई है.

झारखंड में 81 विधानसभा सीट पर 28 सीटें ऐसी हैं जो एसटी के लिए रिजर्व हैं. इन सीटों पर बीजेपी सिर्फ दो पर ही जीत हासिल कर पाई है. ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि बीजेपी आदिवासियों को खुश करने के लिए बिरसा मुंडा जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के रूप में मनाने का फैसला किया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इसका स्वागत तो किया लेकिन इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया. JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा कि झारखंड में जनजातीय समाज से बीजेपी को रिजेक्ट कर दिया है. इसके बाद अब बीजेपी को भगवान बिरसा मुंडा याद आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ चुनाव और समय की मांग को देखते हुए सब कुछ करती है. उन्होंने इसे बीजेपी का एक इवेंट करार दिया और ये भी कहा कि आदिवासी समाज को बरगलाना उतना आसान नहीं हैं.

JMM केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य

ये भी पढ़ें: 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाई जाएगी बिरसा मुंडा की जयंती, पीएम ने जताई खुशी

दरअसल, पिछले महीने बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में ये बातें भी कही कई थी कि बिरसा मुंडा को केंद्र में रखकर कुछ ऐसा कार्यक्रम होना चाहिए जिससे देश के आदिवासी बीजेपी से जुड़ सकें. इसके लिए जरूरी है कि जनजातिय योद्धाओं का संघर्ष और उनका इतिहास देश के सामने लाया जाए. माना जा रहा है कि के बाद बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासियों से जोड़ कर राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फैसला किया है.

देखें वीडियो

वहीं, वाम दल के नेता अजय कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा को सम्मान जो मिलना चाहिए वह सम्मान नहीं मिल पा रहा है. एक तरफ जहां बिरसा मुंडा पर राजनीति हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ रांची में उनकी समाधी स्थल को कोई देखने वाला भी नहीं है. बिरसा की समाधि स्थल अक्सर नशेड़ियों धुत देखा जा सकता है. अजय कुमार कहते हैं बिरसा मुंडा के समाधि स्थल और उनके जन्म स्थली पर सरकारी तंत्र की मजबूत व्यवस्था की जाए ताकि सिर्फ विशेष दिन ही नहीं बल्कि प्रतिदिन उनके प्रतिमा और समाधि स्थल को साफ सुथरा रखा जा सके. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि सिर्फ विशेष मौके पर ही इस समाधि स्थल पर बड़े-बड़े लोगों की भीड़ होती है. उस दिन लोग माल्यार्पण कर उन्हें याद करते हैं और उनके सिद्धांतों पर चलने की बात करते हैं. आदिवासी समाज के ही लोग रोजगार के अभाव में समाधि स्थल के आसपास नशा करके समय बिताते हैं जो बिरसा मुंडा के सपनों को चूर चूर करता है.


जेएमएम के मनोज पांडे ने बताया कि बिरसा मुंडा के नाम पर झारखंड में सबसे ज्यादा दिनों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी सिर्फ राजनीति करती है. उनका कहना है कि उनकी सरकार ने ही बिरसा की जन्मस्थली और समाधि स्थल को बेहतर बनाया गया है. हेमंत सरकार के नजर में आदिवासियों और झारखंड के पूर्वजों का सम्मान सर्वप्रथम है. झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ तौसीफ बताते हैं कि वर्तमान सरकार भगवान बिरसा मुंडा के प्रति संवेदनशील है. क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आदिवासी समाज से हैं और हम आदिवासी समाज को बढ़ावा देने के लिए बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राज्य में अत्यधिक वर्षों तक राज्य करने वाली भाजपा पार्टी में बिरसा मुंडा के सिद्धांतों को मिटा रही है जो कांग्रेस भी नहीं होने देगी.

Last Updated : Nov 13, 2021, 6:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.