रांची: 2002 गुजरात दंगे के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की शिकार हुई बिलकिस बानो मामले में दोषसिद्ध 11 लोगों की उम्रकैद की सजा माफ कर दिए जाने पर झारखंड में सियासत शुरू हो गई है. जेएमएम के बाद कांग्रेस ने भी सजा माफी पर सवाल खड़ा किया है. झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि इस तरह के जघन्य कृत्य को अंजाम देने वाले छूट जाते हैं तो उसका मैसेज अच्छा नहीं जाता है.
ये भी पढ़ें:- जेएमएम ने उठाया बिलकिस बानो के गुनाहगारों की सजा माफी का मामला, पूछा कहां गया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा
कानून से उठेगा लोगों का विश्वास: कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा एक तरफ हम बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है ,ऐसे में अगर जघन्य अपराध के बाद अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए व्यक्ति छूट जाता है तो कानून से लोगों का विश्वास उठ जाएगा. कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है.
बीजेपी ने किया बचाव: वहीं गुजरात सरकार के फैसले का बचाव करते हुए झारखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद किसी की रिहाई या सजा माफ का फैसला हाई पावर कमिटी करती है. इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस किसी दूसरे मुद्दे पर राजनीति करें.
जेएमएम ने भी उठाए थे सवाल: कांग्रेस से पहले जेएमएम ने भी इस मुद्दे को उठाया था. पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि 2002 में गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानो नाम की गर्भवती महिला के साथ बलात्कार और उसके पांच साल की बेटी की हत्या मामले में उम्रकैद पाए गुनाहगारों की सजा माफी की गई. इस फैसले ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व में अपने निर्णयों में साफ किया है कि किन लोगों की सजा माफ की जा सकती है. उन्होंने कहा कि हत्या,बलात्कार और साम्प्रदायिक दंगे में दोष सिद्ध सजायाफ्ता की सजा माफ नहीं की जा सकती है.