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लॉकडाउन में सुरक्षा के साथ रियायतों के पक्षधर राजनीतिक दल, सीएम ने कहा समय आने पर लेंगे निर्णय

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Published : May 11, 2020, 1:05 PM IST

Updated : May 11, 2020, 1:15 PM IST

झारखंड में लॉकडाउन में रियायत को लेकर राजनीतिक दल एक है. सभी का मानना है कि कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन में छूट देनी चाहिए. वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि समय आने पर निर्णय लिया जाएगा.

Concession Lockdown in jharkhand, लॉकडाउन में रियायत
लॉकडाउन में रियायत

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. लगभग डेढ़ महीने से ऊपर बीत जाने के बाद लॉकडाउन अभी भी कंटिन्यू चल रहा है, जो 17 मई तक चलेगा. इसको लेकर राजनीतिक दलों के अंदर अलग-अलग विचार उत्पन्न हो रहे हैं. सरकार में शामिल दल जहां इसके लिए सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

वहीं, विपक्षी दल बीजेपी का मानना है कि कुछ चीजों के लिए लॉकडाउन में थोड़ी रियायत मिलनी चाहिए. इस बाबत कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के संगठन प्रभारी रविंद्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन हटाने या फिर उसमें रियायत काफी सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए. ऐसी व्यवस्था हो कि सभी लोग सुरक्षित रहें.

उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि 10 दिन के लिए थोड़ी सी ढील मिले और फिर संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ जाए. लोगों को मुसीबत मोल लेनी पड़ जाए. इसलिए सरकार इस पर विचार करेगी और सोच समझकर निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर भी वह यही सोचते हैं कि जब तक लोग सुरक्षित न हो तब तक लॉकडाउन में छूट नहीं मिलनी चाहिए.

वहीं, बीजेपी का मानना है कि झारखंड में संक्रमितों की संख्या की बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार जिम्मेदार है. पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पहले लॉकडाउन का संदेश दिया, उसके बाद से झारखंड में सरकार को कड़ाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे बड़े कंटेनमेंट हिंदपीढ़ी में अभी भी स्थिति सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य में टोटल मरीजों की संख्या है उसमें 90% हिंदपीढ़ी से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सीआरपीएफ का डिप्लॉयमेंट किया, लेकिन उसे सिर्फ एंट्री पॉइंट पर ही लगाया गया है.

बाहर से लौट रहे मजदूर हों क्वॉरेंटाइन

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मजदूर वापस अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. ऐसे में सरकार को उनके क्वॉरेंटाइन के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांच कर उनका टेंपरेचर लेकर छोड़ा जा रहा है. इससे आगे चलकर परेशानी हो सकती है. बीजेपी नेता ने कहा कि कई बार देर से भी संक्रमण का पता चलता है ऐसे में सरकार को उन मजदूरों को भी क्वॉरेंटाइन करना चाहिए. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिन कुछ उद्योगों पर ढील देने की बात कही है उस पर राज्य सरकार को एक बार विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें:रेलवे की 12 मई से 15 ट्रेनें चलाने की तैयारी, आज से शुरू होगी बुकिंग

समय आने पर होगा आकलन

वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लॉकडाउन कंटिन्यू किया जाए या नहीं इसका आकलन समय आने पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संक्रमण के आधार पर यह निर्भर करेगा कि निर्णय क्या होगा. इस तरह के सिलसिले में हम लोग किस प्रकार कितने दिन चलेंगे. उन्होंने कहा कि किस इलाके में छूट मिलेगी और किस प्रकार की छूट मिलेगी आने वाला वक्त बताएगा.

24 मार्च को हुआ था पहला लॉकडाउन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहला लॉकडाउन 24 मार्च की आधी रात से शुरू करने की घोषणा की थी. यह अगले 21 दिनों तक चला, जबकि दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से शुरू हुआ जो 3 मई तक चला. वहीं, तीसरे लॉकडाउन की अवधि 3 मई से 17 मई तक निर्धारित की गई है

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. लगभग डेढ़ महीने से ऊपर बीत जाने के बाद लॉकडाउन अभी भी कंटिन्यू चल रहा है, जो 17 मई तक चलेगा. इसको लेकर राजनीतिक दलों के अंदर अलग-अलग विचार उत्पन्न हो रहे हैं. सरकार में शामिल दल जहां इसके लिए सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

वहीं, विपक्षी दल बीजेपी का मानना है कि कुछ चीजों के लिए लॉकडाउन में थोड़ी रियायत मिलनी चाहिए. इस बाबत कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के संगठन प्रभारी रविंद्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन हटाने या फिर उसमें रियायत काफी सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए. ऐसी व्यवस्था हो कि सभी लोग सुरक्षित रहें.

उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि 10 दिन के लिए थोड़ी सी ढील मिले और फिर संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ जाए. लोगों को मुसीबत मोल लेनी पड़ जाए. इसलिए सरकार इस पर विचार करेगी और सोच समझकर निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर भी वह यही सोचते हैं कि जब तक लोग सुरक्षित न हो तब तक लॉकडाउन में छूट नहीं मिलनी चाहिए.

वहीं, बीजेपी का मानना है कि झारखंड में संक्रमितों की संख्या की बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार जिम्मेदार है. पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पहले लॉकडाउन का संदेश दिया, उसके बाद से झारखंड में सरकार को कड़ाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे बड़े कंटेनमेंट हिंदपीढ़ी में अभी भी स्थिति सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य में टोटल मरीजों की संख्या है उसमें 90% हिंदपीढ़ी से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सीआरपीएफ का डिप्लॉयमेंट किया, लेकिन उसे सिर्फ एंट्री पॉइंट पर ही लगाया गया है.

बाहर से लौट रहे मजदूर हों क्वॉरेंटाइन

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मजदूर वापस अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. ऐसे में सरकार को उनके क्वॉरेंटाइन के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांच कर उनका टेंपरेचर लेकर छोड़ा जा रहा है. इससे आगे चलकर परेशानी हो सकती है. बीजेपी नेता ने कहा कि कई बार देर से भी संक्रमण का पता चलता है ऐसे में सरकार को उन मजदूरों को भी क्वॉरेंटाइन करना चाहिए. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिन कुछ उद्योगों पर ढील देने की बात कही है उस पर राज्य सरकार को एक बार विचार करना चाहिए.

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समय आने पर होगा आकलन

वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लॉकडाउन कंटिन्यू किया जाए या नहीं इसका आकलन समय आने पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संक्रमण के आधार पर यह निर्भर करेगा कि निर्णय क्या होगा. इस तरह के सिलसिले में हम लोग किस प्रकार कितने दिन चलेंगे. उन्होंने कहा कि किस इलाके में छूट मिलेगी और किस प्रकार की छूट मिलेगी आने वाला वक्त बताएगा.

24 मार्च को हुआ था पहला लॉकडाउन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहला लॉकडाउन 24 मार्च की आधी रात से शुरू करने की घोषणा की थी. यह अगले 21 दिनों तक चला, जबकि दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से शुरू हुआ जो 3 मई तक चला. वहीं, तीसरे लॉकडाउन की अवधि 3 मई से 17 मई तक निर्धारित की गई है

Last Updated : May 11, 2020, 1:15 PM IST
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