रांची: महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव एक चरण में कराए जाने के चुनाव आयोग के फैसले का असर झारखंड में भी दिखने लगा है. झारखंड के राजनीतिक दल भी अब इस बात पर सहमत नजर आ रहे हैं कि सूबे में भी विधानसभा चुनाव कम चरणों में पूरे कराए जाएं.
हालांकि इस बाबत झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मानना है कि भौगोलिक दशा के हिसाब से यहां चार चरण में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं. जेपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि झारखंड की भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों से अलग है. इसके साथ ही उग्रवाद भी यहां फैला हुआ है. ऐसे में यहां चार चरण में चुनाव होना चाहिए, ताकि आम लोग भयमुक्त होकर के मतदान कर सकें.
झामुमो ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
झारखंड विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल झामुमो ने दावा किया कि चुनाव आयोग इस हिसाब से मतदान तय करता है जिससे बीजेपी को लाभ हो. आयोग के ऊपर सवाल खड़ा करते हुए झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हैरत की बात यह है कि मध्य प्रदेश जैसे इलाके में लोकसभा चुनाव एक ही दिन में संपन्न करा लिए गए. वहीं, छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में 4 चरणों में हुआ. ओडिशा में भी अलग-अलग चरण में चुनाव कराए गए. हालांकि भट्टाचार्या ने स्पष्ट किया कि यह आयोग पर टिप्पणी नहीं है, लेकिन यह इशारा करता है कि चुनाव में बीजेपी को कैसे लाभ मिले इसकी भावना को ध्यान में रखा जाता है.
ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: झारखंड मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ईटीवी भारत से कहा- 70 फीसदी से ज्यादा वोटिंग कराना लक्ष्य
बीजेपी ने कहा चुनाव आयोग करेगा निर्णय
जबकि बीजेपी का मानना है कि यह विषय चुनाव आयोग का है. झारखंड प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि चुनाव आयोग तय करेगा कि राज्य में कितने चरण में मतदान हो. उसके निर्णय का सभी राजनीतिक दल पालन करेंगे.