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कोरोना इफेक्ट: संक्रमण के कारण प्रभावित हो रहा पुलिसिंग का काम, अधर में बड़े मामलों की जांच - बड़े पुलिस अधिकारी भी कोरोना संक्रमित

नलॉक से लेकर अब तक बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. झारखंड में 5000  पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. रांची के सीनियर एसपी सहित लगभग 300 पुलिसवाले कोरोना संक्रमण के वजह से या तो अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं या फिर वह अपने घर पर ही आइसोलेशन में हैं. लॉकडाउन के दौरान यह संख्या बिल्कुल ना के बराबर थी लेकिन जैसे ही बाजार खुला सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के शिकार पुलिस वाले हुए. नतीजा दिन रात आम लोगों की सुरक्षा में तैनात रहनेवाली पुलिस अब खुद ही कोरोना से बचने की जुगत में लगी हुई है.

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Published : Sep 22, 2020, 7:47 PM IST

रांची: झारखंड में वक्त के साथ कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. हर कोई इस महामारी की चपेट में आता जा रहा है. आम लोगों के साथ-साथ खास लोग भी इसकी जद में आ रहे हैं. अनलॉक से लेकर अब तक बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. झारखंड में 5000 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. पुलिसवालों के लगातार संक्रमित होने की वजह से पुलिसिंग का काम भी प्रभावित हो रहा है.

देखें पूरी खबर



सीनियर एसपी सहित 300 से ज्यादा पुलिसवाले संक्रमित
रांची के सीनियर एसपी सहित लगभग 300 पुलिसवाले कोरोना संक्रमण के वजह से या तो अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं या फिर वह अपने घर पर ही आइसोलेशन में हैं. लॉकडाउन के दौरान यह संख्या बिल्कुल ना के बराबर थी लेकिन जैसे ही बाजार खुला सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के शिकार पुलिस वाले हुए. नतीजा दिन रात आम लोगों की सुरक्षा में तैनात रहनेवाली पुलिस अब खुद ही कोरोना से बचने की जुगत में लगी हुई है. रांची के सिटी एसपी सौरभ के अनुसार कोरोना की वजह से पुलिसिंग का काम बेहद प्रभावित हो रहा है. राजधानी रांची में इस बीमारी की वजह से पुलिस की संख्या में भारी कमी आई है, जिसकी वजह से थाना से लेकर सड़क तक पुलिस का काम प्रभावित हो रहा है.


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पुलिस ही करवाती है
कोरोना वायरस महामारी से लोगो को बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, जिसे लागू कराने की बड़ी जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है. वह इसे बखूबी निभा भी रहा है लेकिन काम के बोझ के दबाव के चलते पुलिसकर्मी तनाव में तो आ ही रहे हैं. इसके अलावा तमाम पुलिसकर्मी कोरोना पाॅजिटिव भी होते जा रहे हैं, जो अलग से चिंता का कारण बना हुआ है.

बचाव के साधन के साथ काम करना बेहद मुश्किल
आमतौर पर कोरोना वारियर्स जैसे स्वास्थ्य कर्मी पूरी सुरक्षा के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, मसलन वे मास्क, पीपीई किट पहनते है. इसके बावजूद गए संक्रमित हो रहे हैं. जबकि पुलिस के पास ऐसा कुछ नहीं होता है. वहीं प्रैक्टिकल रूप से पुलिस के लिए पीपीई किट पहन कर काम करना भी संभव नहीं है. इसलिए पुलिस का कार्य ज्यादा जोखिम भरा है. उसे कोरोना पाॅजिटिव अपरधियों को पकड़ने से लेकर उन्हें जेल या अस्पताल तक पहुंचाना होता है. इस दौरान वह सीधे यानी शारीरिक रूप से ऐसे मरीजों के टच में रहता है, जो काफी घातक होता है. कोरोना वायरस ने के लिए जो सुविधाएं पुलिस को मिली है उन्हें पहनकर पुलिसिंग करना बेहद असहज है. यही वजह है कि पुलिस वाले लगातार संक्रमण के शिकार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- हर दिन सरकार सत्ता के नशे में चूर होती है, एक दिन शाम नशे में होगी और सरकार की सत्ता गुजर जाएगी: सीपी सिंह

जांच भी हो रहा प्रभावित
पुलिस के सामने आपराधिक मामलों की जांच को समय भी समय पर पूरा करना होता है।कुछ मामलों की जांच के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भी जाना है, लेकिन इस दौरान उन्हें कोरोना के प्रोटोकाल का भी पालन करना पड़ता है. कई राज्यों में कोरोना को लेकर अभी भी आवाजाही काफी मुश्किल है ।ऐसे में पुलिस के सामने तय समय पर जांच को पूरा करना एक चुनौती बना हुआ है.


एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारी भी संक्रमित
राज्य पुलिस में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैला है. सोमवार को रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे. राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्यभर में अब तक 4950 पुलिसकर्मी कोराना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 12 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है, हालांकि पुलिसकर्मियों में कोरोना से ठीक होने की रफ्तार काफी बेहतर है. वर्तमान में 4515 पुलिसकर्मी कोरोना से ठीक हो चुके हैं, जबकि 388 का इलाज चल रहा है. कोरोना संक्रमितों में एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारी समेत 2 एएसपी, 24 डीएसपी, 67 इंस्पेक्टर, 311 दरोगा, 12 लिपिक, 402 एएसआई, 7 क्लर्क एएसआई, 545 हवलदार, 3313 सिपाही, 168 चतुर्थवर्गीय कर्मी, 59 होमगार्ड जवान शामिल हैं.

रांची: झारखंड में वक्त के साथ कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. हर कोई इस महामारी की चपेट में आता जा रहा है. आम लोगों के साथ-साथ खास लोग भी इसकी जद में आ रहे हैं. अनलॉक से लेकर अब तक बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. झारखंड में 5000 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. पुलिसवालों के लगातार संक्रमित होने की वजह से पुलिसिंग का काम भी प्रभावित हो रहा है.

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सीनियर एसपी सहित 300 से ज्यादा पुलिसवाले संक्रमित
रांची के सीनियर एसपी सहित लगभग 300 पुलिसवाले कोरोना संक्रमण के वजह से या तो अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं या फिर वह अपने घर पर ही आइसोलेशन में हैं. लॉकडाउन के दौरान यह संख्या बिल्कुल ना के बराबर थी लेकिन जैसे ही बाजार खुला सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के शिकार पुलिस वाले हुए. नतीजा दिन रात आम लोगों की सुरक्षा में तैनात रहनेवाली पुलिस अब खुद ही कोरोना से बचने की जुगत में लगी हुई है. रांची के सिटी एसपी सौरभ के अनुसार कोरोना की वजह से पुलिसिंग का काम बेहद प्रभावित हो रहा है. राजधानी रांची में इस बीमारी की वजह से पुलिस की संख्या में भारी कमी आई है, जिसकी वजह से थाना से लेकर सड़क तक पुलिस का काम प्रभावित हो रहा है.


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पुलिस ही करवाती है
कोरोना वायरस महामारी से लोगो को बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, जिसे लागू कराने की बड़ी जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है. वह इसे बखूबी निभा भी रहा है लेकिन काम के बोझ के दबाव के चलते पुलिसकर्मी तनाव में तो आ ही रहे हैं. इसके अलावा तमाम पुलिसकर्मी कोरोना पाॅजिटिव भी होते जा रहे हैं, जो अलग से चिंता का कारण बना हुआ है.

बचाव के साधन के साथ काम करना बेहद मुश्किल
आमतौर पर कोरोना वारियर्स जैसे स्वास्थ्य कर्मी पूरी सुरक्षा के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, मसलन वे मास्क, पीपीई किट पहनते है. इसके बावजूद गए संक्रमित हो रहे हैं. जबकि पुलिस के पास ऐसा कुछ नहीं होता है. वहीं प्रैक्टिकल रूप से पुलिस के लिए पीपीई किट पहन कर काम करना भी संभव नहीं है. इसलिए पुलिस का कार्य ज्यादा जोखिम भरा है. उसे कोरोना पाॅजिटिव अपरधियों को पकड़ने से लेकर उन्हें जेल या अस्पताल तक पहुंचाना होता है. इस दौरान वह सीधे यानी शारीरिक रूप से ऐसे मरीजों के टच में रहता है, जो काफी घातक होता है. कोरोना वायरस ने के लिए जो सुविधाएं पुलिस को मिली है उन्हें पहनकर पुलिसिंग करना बेहद असहज है. यही वजह है कि पुलिस वाले लगातार संक्रमण के शिकार हो रहे हैं.

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जांच भी हो रहा प्रभावित
पुलिस के सामने आपराधिक मामलों की जांच को समय भी समय पर पूरा करना होता है।कुछ मामलों की जांच के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भी जाना है, लेकिन इस दौरान उन्हें कोरोना के प्रोटोकाल का भी पालन करना पड़ता है. कई राज्यों में कोरोना को लेकर अभी भी आवाजाही काफी मुश्किल है ।ऐसे में पुलिस के सामने तय समय पर जांच को पूरा करना एक चुनौती बना हुआ है.


एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारी भी संक्रमित
राज्य पुलिस में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैला है. सोमवार को रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे. राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्यभर में अब तक 4950 पुलिसकर्मी कोराना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 12 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है, हालांकि पुलिसकर्मियों में कोरोना से ठीक होने की रफ्तार काफी बेहतर है. वर्तमान में 4515 पुलिसकर्मी कोरोना से ठीक हो चुके हैं, जबकि 388 का इलाज चल रहा है. कोरोना संक्रमितों में एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारी समेत 2 एएसपी, 24 डीएसपी, 67 इंस्पेक्टर, 311 दरोगा, 12 लिपिक, 402 एएसआई, 7 क्लर्क एएसआई, 545 हवलदार, 3313 सिपाही, 168 चतुर्थवर्गीय कर्मी, 59 होमगार्ड जवान शामिल हैं.

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