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मंत्री ने कहा पुलिस नहीं करेगी बालू गाड़ी की जांच, शिकायत मिलने पर 24 घंटे में होगी कार्रवाई

राज्य सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख ने मंगलवार को कहा कि गृह विभाग ने साफ लिखा है कि पुलिस अब बालू लदी गाड़ियों की जांच नहीं करेगी. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब तक 17 बालू घाटों की नीलामी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि बालू की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं.

Police will not investigate sand carriage in jharkhand
बादल पत्रलेख
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Published : Mar 17, 2020, 4:52 PM IST

रांची: झारखंड पुलिस के कथित तौर पर बालू ले जा रही गाड़ियों को पकड़ने के मामले पर राज्य सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख ने मंगलवार को कहा कि गृह विभाग ने साफ लिखा है कि पुलिस अब बालू लदी गाड़ियों की जांच नहीं करेगी. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने बालू घाटों की 2 कैटेगरी तय की है. जिसके तहत पहली कैटेगरी में ग्राम पंचायत के माध्यम से इजाजत लेकर विकास कार्य और गरीबों के निर्माण के लिए बालू का उठाव किया जा सकेगा. इसके साथ ही दूसरी कैटेगरी में जेएसएमडीसी बालू उठाव के लिए जिम्मेदार होगी.

बालू की कालाबाजारी रोकने के लिए उठाए गए हैं कदम

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब तक 17 बालू घाटों की नीलामी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि बालू की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. दिसंबर 2019 तक 1132 एफआईआर दर्ज किए गए हैं, जबकि 3554 गाड़ियां बरामद की गई हैं. 2.82 करोड़ रुपए फाइन किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: डीजीपी कमल नयन चौबे का दिल्ली तबादला, एमवी राव बने झारखंड के प्रभारी डीजीपी

एनसीपी विधायक ने उठाया था सवाल

दरअसल, मंगलवार को सदन में एनसीपी के कमलेश सिंह ने बालू घाटों की नीलामी से जुड़े सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा इलाके में पुलिस बालू गाड़ी के मालिकों को परेशान करती है. वहीं, मनिका से विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस निर्देश के बावजूद गाड़ी रोकती है. पलामू जिले में यह धड़ल्ले से चल रहा है. बीजेपी के मनीष जायसवाल ने कहा कि पुलिस इनडायरेक्ट तरीके से गाड़ियों को रोक कर जांच करती है. इस पर मंत्री बादल ने कहा कि अगर किसी सदस्य के पास बालू की अवैध डंपिंग की कोई सूचना है तो 24 घंटे में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

रांची: झारखंड पुलिस के कथित तौर पर बालू ले जा रही गाड़ियों को पकड़ने के मामले पर राज्य सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख ने मंगलवार को कहा कि गृह विभाग ने साफ लिखा है कि पुलिस अब बालू लदी गाड़ियों की जांच नहीं करेगी. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने बालू घाटों की 2 कैटेगरी तय की है. जिसके तहत पहली कैटेगरी में ग्राम पंचायत के माध्यम से इजाजत लेकर विकास कार्य और गरीबों के निर्माण के लिए बालू का उठाव किया जा सकेगा. इसके साथ ही दूसरी कैटेगरी में जेएसएमडीसी बालू उठाव के लिए जिम्मेदार होगी.

बालू की कालाबाजारी रोकने के लिए उठाए गए हैं कदम

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब तक 17 बालू घाटों की नीलामी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि बालू की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. दिसंबर 2019 तक 1132 एफआईआर दर्ज किए गए हैं, जबकि 3554 गाड़ियां बरामद की गई हैं. 2.82 करोड़ रुपए फाइन किए गए हैं.

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एनसीपी विधायक ने उठाया था सवाल

दरअसल, मंगलवार को सदन में एनसीपी के कमलेश सिंह ने बालू घाटों की नीलामी से जुड़े सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा इलाके में पुलिस बालू गाड़ी के मालिकों को परेशान करती है. वहीं, मनिका से विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस निर्देश के बावजूद गाड़ी रोकती है. पलामू जिले में यह धड़ल्ले से चल रहा है. बीजेपी के मनीष जायसवाल ने कहा कि पुलिस इनडायरेक्ट तरीके से गाड़ियों को रोक कर जांच करती है. इस पर मंत्री बादल ने कहा कि अगर किसी सदस्य के पास बालू की अवैध डंपिंग की कोई सूचना है तो 24 घंटे में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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