रांचीः 10 जून को रांची में हुए उपद्रव की जांच तेज हो गई है. इस मामले में पुलिस की जांच अब पूरी तरह से टेक्निकल विंग के हाथों में है. रांची पुलिस की साइबर टीम उपद्रव स्थल और आसपास के इलाकों में पिछले एक सप्ताह के दौरान किन किन लोगों ने सबसे ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग किया. इसका पता लगाने में जुट गई है. इसके साथ ही कॉल डंप के जरिए उपद्रव के दौरान किन लोगों के मोबाइल सबसे ज्यादा सक्रिय थे. किसके मोबाइल से लगातार मैसेज और फोन किये जा रहे थे. यह सब पता लगा रही है.
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रांची के डीसी छवि रंजन ने बताया कि पुलिस की टीम गंभीरता से पूरे मामले की जांच कर रही है. पुलिस की टीम या पता लगा रही है कि 10 जून को किस समय मैसेज का फैलाव सबसे ज्यादा किया गया और मैसेज भेजने वाले कौन-कौन लोग थे. उन्होंने कहा कि अब तक की जांच में यह पता चल चुका है कि उपद्रव को लेकर बड़ी संख्या में मैसेज भेजा गया था. अब पुलिस वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई में जुट गई है.
उपद्रव रांची के छह थाना क्षेत्रों तक सीमित था. इसमें कोतवाली, हिंदपीढ़ी, लोअर बाजार, चुटिया, डेली मार्केट और डोरंडा शामिल हैं. पुलिस इन छह थाना क्षेत्रों के गलियों और मोहल्लों में लगे सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा करने में जुटी हुई है, ताकि यह जानकारी मिल सके कि 10 जून को किन किन मोहल्लों से लोग निकले थे.
पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 10 जून को हुई हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी. क्योंकि जांच में यह तथ्य निकलकर सामने आए है कि उपद्रवियों ने हिंसा फैलाने के लिए कई विंग बनाया था. कुछ लोग हथियार जमा करने में लगे थे. वहीं कुछ लोगों को पत्थर जमा करने की जिम्मेवारी दी गई थी और कुछ लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज फैलाने की जिम्मेदारी दी गई थी.