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राजधानी में तीन जगहों पर खुले पुलिस सहायता केंद्र, अपराध पर नियंत्रण की कवायद तेज - रांची में पुलिस सहायता केंद्र

रांची में तीन जगहों पर पुलिस सहायता केंद्र खोले जा रहे है. यह पुलिस सहायता केंद्र अपराधियों पर पैनी नजर रखने के लिए बनाए गए हैं.

police help centers opened at three places in ranchi
उद्घाटन करते पुलिस
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Published : Mar 13, 2021, 5:29 PM IST

रांची: जिले में बीट पुलिसिंग और किरायेदार वेरिफिकेशन को कामयाब बनाने के लिए अब चौक चौराहों पर पुलिस सहायता केंद्र खोले जा रहे हैं. इन पुलिस सहायता केंद्र में सब इंस्पेक्टर स्तर का एक अधिकारी आम लोगों की समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे तैनात रहेगा. शनिवार को रांची के तीन जगहों पर पुलिस सहायता केंद्र की शुरुआत की गई.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- 'शनिवार नो कार' अभियान की कृषि मंत्री ने की शुरुआत, साइकिल चलाने वालों के सम्मान में रोके गए बड़े वाहन

सीनियर एसपी ने किया उद्घाटन
रांची के डिबडीह, कुसई कॉलोनी चौक और हिनू चौक पर पुलिस सहायता केंद्र का सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने उद्घाटन किया गया. यह पुलिस सहायता केंद्र अपराधियों पर पैनी नजर रखने के लिए बनाए गए हैं. जहां से बीट पुलिसिंग को मजबूत करने का काम किया जाएगा. इसके अलावा अपराधियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी.

थाने जाने से पहले ही मिलेगी उचित सहायता

डिबडीह स्थित सहायता केंद्र में रांची के सीनियर एसपी ने खुद 2018 बैच के दरोगा डेविड मिंज को सहायता केंद्र का इंचार्ज बनाया. सीनियर एसपी के अनुसार बीट पुलिसिंग को नए कलेवर के साथ लॉन्च किया जा रहा है. पुलिस सहायता केंद्र में लोगों को थाने जाने से पहले ही उचित सहायता मिलेगी. इसके अलावा भविष्य में शहर के बाहरी इलाको में भी ऐसे और पुलिस सहायता केंद्र शहर में खोले जाएंगे. जिसके बाद थाना पर दबाव काफी कम होगा और पुलिसिंग स्मूथ होगा.

पुलिसवालों को भी मिलेगी राहत
अक्सर चौक चौराहों पर जाड़ा, बरसात और भीषण गर्मी के दौरान पुलिस के जवानों और अधिकारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह पुलिस सहायता केंद्र पुलिसवालों के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है. पुलिस सहायता केंद्र को बनाने में जिस मटेरियल का प्रयोग किया गया है वह बेहद उच्च तकनीक का है. इसमें ठंड के दिनों में कम ठंड और गर्मी में कम गर्म रहता है. इसके अलावा सैंडविच मटेरियल की वजह से आंधी तूफान में भी यह पुलिस सहायता केंद्र सुरक्षित रहेगा.

किरायेदार सत्यापन के काम में आएगी तेजी
कोरोना संक्रमण की वजह से राजधानी रांची में बीट पुलिसिंग का काम बेहद प्रभावित हुआ था. बीट पुलिसिंग के जरिए राजधानी किरदार वेरिफिकेशन, पासपोर्ट वेरीफिकेशन के साथ-साथ गली मोहल्लों में होने वाले छोटे-मोटे मामलों को सुलझाया जाते थे. अब बीट पुलिसिंग में तैनात सब इंस्पेक्टर 12 घंटे की ड्यूटी के दौरान सहायता केंद्र में ही मौजूद रहेंगे, जबकि बाकी दूसरे बीट पुलिस में लगे पुलिसकर्मी मोहल्लों में लगातार एक्टिव रहेंगे. इस दौरान जरूरत के अनुसार आम लोग भी पुलिस सहायता केंद्र पहुंचकर मौजूद अधिकारी को अपनी समस्या बता सकते हैं.

किस तरह की मिलेगी मदद
चौक-चौराहे पर बनाए गए पुलिस केंद्र में बिना थाने गए ही एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है. सहायता केंद्र के इंचार्ज एफआईआर लेकर उसे थाने तक पहुंचाएंगे. सहायता केंद्र के इंचार्ज का नंबर बोर्ड पर लिखा गया है उस पर फोन कर के आसपास के लोग पुलिस की मदद ले सकते हैं. किरदार वेरिफिकेशन का फॉर्म पुलिस सहायता केंद्र में उपलब्ध है. लोग खुद से जाकर अपने किरदार की सूचना सहायता केंद्र में जमा कर सकते हैं.

आउटर एरिया में हैं सहायता केंद्र
जिन जगहों पर पुलिस सहायता केंद्र का निर्माण करवाया गया है, वह शहर के बाहर निकलने वाले रास्तों पर है. देखा जाता है कि अपराधी किसी अपराध की वारदात को अंजाम देकर शहर के बाहर फरार होने की कोशिश करते हैं. ऐसे में अगर सहायता केंद्र में मौजूद पुलिसकर्मियों को सूचना मिलती है तो वह तुरंत अलर्ट होकर चेकिंग अभियान शुरू कर सकते हैं, जिससे अपराधियों को दबोचने में सहायता मिलेगी.

रांची: जिले में बीट पुलिसिंग और किरायेदार वेरिफिकेशन को कामयाब बनाने के लिए अब चौक चौराहों पर पुलिस सहायता केंद्र खोले जा रहे हैं. इन पुलिस सहायता केंद्र में सब इंस्पेक्टर स्तर का एक अधिकारी आम लोगों की समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे तैनात रहेगा. शनिवार को रांची के तीन जगहों पर पुलिस सहायता केंद्र की शुरुआत की गई.

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सीनियर एसपी ने किया उद्घाटन
रांची के डिबडीह, कुसई कॉलोनी चौक और हिनू चौक पर पुलिस सहायता केंद्र का सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने उद्घाटन किया गया. यह पुलिस सहायता केंद्र अपराधियों पर पैनी नजर रखने के लिए बनाए गए हैं. जहां से बीट पुलिसिंग को मजबूत करने का काम किया जाएगा. इसके अलावा अपराधियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी.

थाने जाने से पहले ही मिलेगी उचित सहायता

डिबडीह स्थित सहायता केंद्र में रांची के सीनियर एसपी ने खुद 2018 बैच के दरोगा डेविड मिंज को सहायता केंद्र का इंचार्ज बनाया. सीनियर एसपी के अनुसार बीट पुलिसिंग को नए कलेवर के साथ लॉन्च किया जा रहा है. पुलिस सहायता केंद्र में लोगों को थाने जाने से पहले ही उचित सहायता मिलेगी. इसके अलावा भविष्य में शहर के बाहरी इलाको में भी ऐसे और पुलिस सहायता केंद्र शहर में खोले जाएंगे. जिसके बाद थाना पर दबाव काफी कम होगा और पुलिसिंग स्मूथ होगा.

पुलिसवालों को भी मिलेगी राहत
अक्सर चौक चौराहों पर जाड़ा, बरसात और भीषण गर्मी के दौरान पुलिस के जवानों और अधिकारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह पुलिस सहायता केंद्र पुलिसवालों के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है. पुलिस सहायता केंद्र को बनाने में जिस मटेरियल का प्रयोग किया गया है वह बेहद उच्च तकनीक का है. इसमें ठंड के दिनों में कम ठंड और गर्मी में कम गर्म रहता है. इसके अलावा सैंडविच मटेरियल की वजह से आंधी तूफान में भी यह पुलिस सहायता केंद्र सुरक्षित रहेगा.

किरायेदार सत्यापन के काम में आएगी तेजी
कोरोना संक्रमण की वजह से राजधानी रांची में बीट पुलिसिंग का काम बेहद प्रभावित हुआ था. बीट पुलिसिंग के जरिए राजधानी किरदार वेरिफिकेशन, पासपोर्ट वेरीफिकेशन के साथ-साथ गली मोहल्लों में होने वाले छोटे-मोटे मामलों को सुलझाया जाते थे. अब बीट पुलिसिंग में तैनात सब इंस्पेक्टर 12 घंटे की ड्यूटी के दौरान सहायता केंद्र में ही मौजूद रहेंगे, जबकि बाकी दूसरे बीट पुलिस में लगे पुलिसकर्मी मोहल्लों में लगातार एक्टिव रहेंगे. इस दौरान जरूरत के अनुसार आम लोग भी पुलिस सहायता केंद्र पहुंचकर मौजूद अधिकारी को अपनी समस्या बता सकते हैं.

किस तरह की मिलेगी मदद
चौक-चौराहे पर बनाए गए पुलिस केंद्र में बिना थाने गए ही एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है. सहायता केंद्र के इंचार्ज एफआईआर लेकर उसे थाने तक पहुंचाएंगे. सहायता केंद्र के इंचार्ज का नंबर बोर्ड पर लिखा गया है उस पर फोन कर के आसपास के लोग पुलिस की मदद ले सकते हैं. किरदार वेरिफिकेशन का फॉर्म पुलिस सहायता केंद्र में उपलब्ध है. लोग खुद से जाकर अपने किरदार की सूचना सहायता केंद्र में जमा कर सकते हैं.

आउटर एरिया में हैं सहायता केंद्र
जिन जगहों पर पुलिस सहायता केंद्र का निर्माण करवाया गया है, वह शहर के बाहर निकलने वाले रास्तों पर है. देखा जाता है कि अपराधी किसी अपराध की वारदात को अंजाम देकर शहर के बाहर फरार होने की कोशिश करते हैं. ऐसे में अगर सहायता केंद्र में मौजूद पुलिसकर्मियों को सूचना मिलती है तो वह तुरंत अलर्ट होकर चेकिंग अभियान शुरू कर सकते हैं, जिससे अपराधियों को दबोचने में सहायता मिलेगी.

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