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IMA सेक्रेटरी से 20 लाख की रंगदारी मामले में अबतक नहीं मिला सुराग, PLFI का वारदात में हाथ होने से इनकार - रांची IMA सेक्रेटरी से 20 लाख की रंगदारी

IMA सेक्रेटरी से 20 लाख की रंगदारी मामले में पुलिस को अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इधर, पीएलएफआई ने कहा है कि इस तरह की धमकी उसके तरफ से नहीं दी गई है. हालांकि पुलिस फिलहाल यही मान कर चल रही है कि पीएलएफआई ने जांच को भटकाने के लिए इस तरह का संदेश दिया है.

extortion case of IMA Secretary in ranchi
झारखंड पुलिस
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Published : Nov 19, 2020, 8:45 PM IST

रांची: आईएमए के सेक्रेटरी डॉ. शंभू प्रसाद से 20 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा पाई है. इधर, पीएलएफआई ने इस रंगदारी को अपने संगठन द्वारा मांगे जाने से इनकार किया है.


पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शंभू प्रसाद सिंह को संगठन के द्वारा लेवी नहीं मांगी गयी है. उसने कहा कि संगठन में भगत नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है और पीएलएफआई संगठन इसका खंडन करता है. रंगदारी किसने मांगी है इस संबंध में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. पुलिस को आशंका है कि रंगदारी मांगने के उद्​देश्य से ही फोन नंबर लिया गया है. ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने कहा है कि रंगदारी के लिए कॉल और मैसेज करने वाले को जल्द ही दबोच लिया जाएगा. तकनीकी सेल की मदद से इसकी जांच की जा रही है.

police have not got success in the extortion case of 20 lakhs
PLFI की चिट्ठी
कहीं जांच भटकाने की साजिश तो नहीं
पीएलएफआई द्वारा पर्चा जारी कर रंगदारी से इनकार को पुलिस संदेह की दृष्टि से देख रही है. पुलिस यह भी मानकर चल रही कि पीएलएफआई ने जांच भटकाने के लिए रंगदरी की घटना से इनकार किया है. चूंकि इधर, हाल के दिनों में रंगदारी की कई घटनाएं सामने आई जिनमें प्रत्यक्ष रूप से दिनेश गोप का नाम सामने आया है. टेंट हाउस के मालिक के घर पर रंगदारी के लिए फायरिंग तक की जा चुकी है. ऐसे में इस आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी अपराधी ने पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगने की कोशिश की हो.


ये भी पढ़ें: डीजीपी का पुलिस अधिकारियों को निर्देश, हथियारबंद अपराधियों को मार गिराने में कोताही न बरतें

सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम से मांगी थी रंगदारी
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. रंगदारी की रकम नहीं देने पर 24 घंटे के अंदर डॉक्टर शंभू प्रसाद की हत्या की धमकी दी गई थी. डॉक्टर शंभू प्रसाद के अनुसार उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया, फोन करने वाले ने उनसे कहा कि 'तुम व्हाट्सएप मैसेज नहीं देखते हो, उसे देखो. व्हाट्सएप पर तुम से कुछ मांग की गई है उसे जल्द पूरा करो नहीं तो जान से मार दिए जाओगे' फोन करने वाले शख्स ने डॉक्टर शंभू प्रसाद को कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर 20 लाख रुपए नहीं मिलेंगे तो उनकी हत्या कर दी जाएगी. डॉक्टर शंभू प्रसाद को 7019148258 नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया है, जिसमे उन्हें उनसे रंगदारी की मांग की गई है. फोन करने वाले ने खुद को पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप का खास बताया है. अपना नाम भगत जी बताकर जान से मारने की धमकी दी थी. मामले में कांके थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

पहली बार 17 नवंबर की शाम भेजा मैसेज
पहली बार 17 नवंबर की शाम 6:46 बजे पर्चा और धमकी भरा मैसेज भेजा गया. जिसमें खुद को भगत जी बताने वाले ने बीस लाख की रंगदारी मांगी. दूसरे दिन 18 नवंबर को वाइस कॉल कर धमकी दी गई. इसके बाद पत्नी डॉ. कुमारी आभा को भी कॉल कर धमकी दी गई. संबंधित पर्चा की कॉपी भी डॉक्टर ने पुलिस को उपलब्ध कराई है.

रांची: आईएमए के सेक्रेटरी डॉ. शंभू प्रसाद से 20 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा पाई है. इधर, पीएलएफआई ने इस रंगदारी को अपने संगठन द्वारा मांगे जाने से इनकार किया है.


पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शंभू प्रसाद सिंह को संगठन के द्वारा लेवी नहीं मांगी गयी है. उसने कहा कि संगठन में भगत नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है और पीएलएफआई संगठन इसका खंडन करता है. रंगदारी किसने मांगी है इस संबंध में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. पुलिस को आशंका है कि रंगदारी मांगने के उद्​देश्य से ही फोन नंबर लिया गया है. ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने कहा है कि रंगदारी के लिए कॉल और मैसेज करने वाले को जल्द ही दबोच लिया जाएगा. तकनीकी सेल की मदद से इसकी जांच की जा रही है.

police have not got success in the extortion case of 20 lakhs
PLFI की चिट्ठी
कहीं जांच भटकाने की साजिश तो नहीं
पीएलएफआई द्वारा पर्चा जारी कर रंगदारी से इनकार को पुलिस संदेह की दृष्टि से देख रही है. पुलिस यह भी मानकर चल रही कि पीएलएफआई ने जांच भटकाने के लिए रंगदरी की घटना से इनकार किया है. चूंकि इधर, हाल के दिनों में रंगदारी की कई घटनाएं सामने आई जिनमें प्रत्यक्ष रूप से दिनेश गोप का नाम सामने आया है. टेंट हाउस के मालिक के घर पर रंगदारी के लिए फायरिंग तक की जा चुकी है. ऐसे में इस आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी अपराधी ने पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगने की कोशिश की हो.


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सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम से मांगी थी रंगदारी
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. रंगदारी की रकम नहीं देने पर 24 घंटे के अंदर डॉक्टर शंभू प्रसाद की हत्या की धमकी दी गई थी. डॉक्टर शंभू प्रसाद के अनुसार उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया, फोन करने वाले ने उनसे कहा कि 'तुम व्हाट्सएप मैसेज नहीं देखते हो, उसे देखो. व्हाट्सएप पर तुम से कुछ मांग की गई है उसे जल्द पूरा करो नहीं तो जान से मार दिए जाओगे' फोन करने वाले शख्स ने डॉक्टर शंभू प्रसाद को कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर 20 लाख रुपए नहीं मिलेंगे तो उनकी हत्या कर दी जाएगी. डॉक्टर शंभू प्रसाद को 7019148258 नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया है, जिसमे उन्हें उनसे रंगदारी की मांग की गई है. फोन करने वाले ने खुद को पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप का खास बताया है. अपना नाम भगत जी बताकर जान से मारने की धमकी दी थी. मामले में कांके थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

पहली बार 17 नवंबर की शाम भेजा मैसेज
पहली बार 17 नवंबर की शाम 6:46 बजे पर्चा और धमकी भरा मैसेज भेजा गया. जिसमें खुद को भगत जी बताने वाले ने बीस लाख की रंगदारी मांगी. दूसरे दिन 18 नवंबर को वाइस कॉल कर धमकी दी गई. इसके बाद पत्नी डॉ. कुमारी आभा को भी कॉल कर धमकी दी गई. संबंधित पर्चा की कॉपी भी डॉक्टर ने पुलिस को उपलब्ध कराई है.

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