रांची: आईएमए के सेक्रेटरी डॉ. शंभू प्रसाद से 20 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा पाई है. इधर, पीएलएफआई ने इस रंगदारी को अपने संगठन द्वारा मांगे जाने से इनकार किया है.
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शंभू प्रसाद सिंह को संगठन के द्वारा लेवी नहीं मांगी गयी है. उसने कहा कि संगठन में भगत नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है और पीएलएफआई संगठन इसका खंडन करता है. रंगदारी किसने मांगी है इस संबंध में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. पुलिस को आशंका है कि रंगदारी मांगने के उद्देश्य से ही फोन नंबर लिया गया है. ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने कहा है कि रंगदारी के लिए कॉल और मैसेज करने वाले को जल्द ही दबोच लिया जाएगा. तकनीकी सेल की मदद से इसकी जांच की जा रही है.
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सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम से मांगी थी रंगदारी
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. रंगदारी की रकम नहीं देने पर 24 घंटे के अंदर डॉक्टर शंभू प्रसाद की हत्या की धमकी दी गई थी. डॉक्टर शंभू प्रसाद के अनुसार उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया, फोन करने वाले ने उनसे कहा कि 'तुम व्हाट्सएप मैसेज नहीं देखते हो, उसे देखो. व्हाट्सएप पर तुम से कुछ मांग की गई है उसे जल्द पूरा करो नहीं तो जान से मार दिए जाओगे' फोन करने वाले शख्स ने डॉक्टर शंभू प्रसाद को कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर 20 लाख रुपए नहीं मिलेंगे तो उनकी हत्या कर दी जाएगी. डॉक्टर शंभू प्रसाद को 7019148258 नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया है, जिसमे उन्हें उनसे रंगदारी की मांग की गई है. फोन करने वाले ने खुद को पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप का खास बताया है. अपना नाम भगत जी बताकर जान से मारने की धमकी दी थी. मामले में कांके थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
पहली बार 17 नवंबर की शाम भेजा मैसेज
पहली बार 17 नवंबर की शाम 6:46 बजे पर्चा और धमकी भरा मैसेज भेजा गया. जिसमें खुद को भगत जी बताने वाले ने बीस लाख की रंगदारी मांगी. दूसरे दिन 18 नवंबर को वाइस कॉल कर धमकी दी गई. इसके बाद पत्नी डॉ. कुमारी आभा को भी कॉल कर धमकी दी गई. संबंधित पर्चा की कॉपी भी डॉक्टर ने पुलिस को उपलब्ध कराई है.