रांचीः झारखंड पुलिस परिवार के द्वारा गुरुवार को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया. देश की रक्षा करने वाले वीर शहीद जवानों को राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में श्रद्धांजलि अर्पित की गई. राजधानी में जैप ग्राउंड, पुलिस लाइन और सीआरपीएफ कैंप सहित कई स्थानों पर पुलिस अधिकारियों और जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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21 अक्टूबर 1959 को शहीद हुए 20 जवान
21 अक्टूबर 1959 को भारत के लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सेना के आक्रमण में सीआरपीएफ अधिकारी कर्म सिंह अपने 20 साथियों के साथ शहीद हुए थे, तब से ही हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है. इस दौरान पिछले एक साल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है. रांची के जैप वन ग्राउंड में डीजीपी नीरज सिन्हा सहित तमाम पुलिस अधिकारियों ने एक साल के भीतर देश की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी. मौके पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि शहीद होने वाले पुलिसकर्मी हमेशा ही कर्तव्यपथ पर बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं. आज के दिन सिर्फ और सिर्फ शहीदों को याद करना चाहिए उनकी भलाई की सोचनी चाहिए.
संस्मरण दिवस के अवसर पर ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया गया. जिसमें पुलिस अधिकारियों और जवानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस ब्लड डोनेशन कैंप की सबसे खास बात यह थी कि यहां आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों ने भी रक्तदान किया. 25 लाख के इनामी रहे छोटा विकास और 10 लाख के इनामी रह चुके करगिल यादव ने जवानों की जान की रक्षा के लिए रक्तदान किया. दोनों नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए थे. जिसके बाद वे ओपन जेल में रह रहे थे. अब दोनों रिहा होकर अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई गई
देश और राज्य की रक्षा के लिए हमारे वीर जवान जिन हथियारों का प्रयोग करते हैं और जिनके बल पर दुश्मनों के दांत खट्टे करते हैं, उन हथियारों की प्रदर्शनी भी जैप ग्राउंड में लगाई गई थी. डीजीपी सिन्हा सहित कई पुलिस अधिकारियों ने हथियारों का मुआयना किया.