रांचीः जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के अलग-अलग मामले में पोक्सो की विशेष अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया है. अदालत इस पर अपना फैसला 17 मार्च को सुनाएगी. दोनों आरोपियों को फिलहाल जेल भेज दिया गया है.
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पहला मामला
नाबालिग से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोप में पोक्सो के विशेष अदालत ने गुरुवार को अभियुक्त शैयबुल्ला अंसारी को दोषी करार दिया है सजा के बिंदु पर अदालत 17 मार्च को फैसला सुनाएगी. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाहों की गवाही कराई गई. गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी पाया है. फैसले के बाद अदालत ने आरोपी को बिरसा मुंडा कारागार जेल भेज दिया.
चान्हो कांड संख्या 64/18 मामले में अभियुक्त शैयबुल्ला अंसारी को अदालत ने दुष्कर्म के आरोप में दोषी पाया है, उस पर शादी का झांसा देकर 2 महीने तक यौन शोषण करने का आरोप है. इस दौरान युवती गर्भवती हो गई. इसके बाद अभियुक्त ने शादी से इंकार कर दिया जिसके बाद पीड़िता ने 26 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाहों की गवाही कराई गई.
दूसरा मामला
मानव तस्करी, अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में पोक्सो के विशेष अदालत ने मांडर के कृष्णा टोप्पो उर्फ तुलसी उरांव को दोषी ठहराया है. सजा के बिंदु पर 17 मार्च को अदालत अपना फैसला सुनाएगी. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में कुल 6 गवाहों की गवाही कराई गई. अदालत ने तमाम गवाहों के मद्देनजर आरोपी को दोषी ठहराया है.
अदालत ने मांडर कांड संख्या 28/18 मामले के अभियुक्त कृष्णा टोप्पो को मानव तस्करी, अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में दोषी करार दिया गया है. अभियुक्त पर मांडर की नाबालिक को बहला-फुसलाकर 3 दिनों तक दुष्कर्म किया. इसके बाद नाबालिग को हैदराबाद ले जाते समय रांची रेलवे स्टेशन से 21 फरवरी 2018 को पकड़ा गया. मामले में जांच अधिकारी ने 19 नवंबर को 2018 को आरोप गठित किया था.