रांचीः पांच राज्य एकजूट होकर प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के खिलाफ साझा अभियान चलाएंगे. इसके साथ ही साइबर अपराध, बड़े अपराधिक गिरोह, शराब तस्करी, हथियार सप्लायर और मादक पदार्थो की तस्करी में शामिल अंतर्राज्यीय गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान होगा. यह निर्णय बुधवार को इस्टर्न रीजनल पुलिस कोऑर्डिनेशन की बैठक (Eastern Regional Police Coordination meeting) में लिया गया है.
यह भी पढ़ेंः झारखंड में कानून व्यवास्था पर सीएम हेमंत सोरेन सख्त, 22 सितंबर को पुलिस महकमे की बुलाई बैठक
झारखंड सहित पांच राज्यों के डीजीपी की वर्चुअल मीटिंग हुई. इस मीटिंग में निर्णय लिया गया कि नक्सलवाद के साथ-साथ सभी तरह के तस्करों, साइबर अपराध और संगठित गिरोहों के खिलाफ मिलकर कार्रवाई की जाए. कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता बिहार के डीजीपी संजय कुमार सिंघल ने की. झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा के साथ एडीजी, आईजी अभियान, सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के वरीय अधिकारी बैठक में शामिल थे. बैठक में राज्य में सक्रिय बाहर के अपराधिक गिरोहों की जानकारी झारखंड सीआईडी की ओर से दी गई. वहीं स्पेशल ब्रांच की ओर से नक्सल गतिविधयों की सूचना दूसरे राज्य के आला अधिकारियों को दी.
यह भी पढ़ेंः बिहार-झारखंड सीमा पर माओवादियों का दूसरा सबसे बड़ा कमांडर विनय गिरफ्तार, 15 लाख का था इनाम
आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में नक्सली गतिविधियों की सूचना का आदान प्रदान किया जाएगा, ताकि इंटर स्टेट मूवमेंट होने पर अभियान चलाया जा सके. आईजी ने बताया कि हाल के दिनों में झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़े बूढा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चल रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर ऑपरेशन चलाया जाएगा तो नक्सलियों को दूसरे राज्य में भी पनाह नहीं मिलेगी. झारखंड पुलिस के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से सहमति दी गई है. नक्सल प्रभावित बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ साझा अभियान भी चलाएगी. आईजी ने कहा कि राज्यों की पुलिस एक दूसरे से हर स्तर पर सूचनाओं का आदान प्रदान करें. इसके लिए सीमावर्ती जिलों में तैनात एसपी, थाना प्रभारी और डीएसपी स्तर के पदाधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करेंगे. इसके साथ ही एडीजी और आईजी रैंक के अधिकारी भी समन्वय स्थापित करेंगे.
बैठक के दौरान साइबर अपराधियों, संगठित अपराधिक गिरोह के सदस्यों, शराब, मानव और हथियार तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्यों के साथ साथ नकली नोट के कारोबार में शामिल लोगों की सूची का आदान प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. राज्यों की ओर से कार्रवाई करने का आश्वासन एक दूसरे राज्यों को दिया गया है. भाकपा माओवादी संगठन पर लगाम कसने के लिए प्रत्येक सीमावर्ती इलाके में सक्रिय बड़े माओवादियों की सूची बैठक में शेयर की गई है.