रांची: रेलवे की ओर से नामकुम रेलवे स्टेशन के पास हरातू गांव में जमीन की मापी करके उसकी घेराबंदी करने के विरोध में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षोंं को सुनने के बाद जमीन अधिग्रहण के मामले को जनहित का मामला मानने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
रेलवे की ओर से जमीन मापी कर बाउंड्री दिया जा रहा थाझारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में नामकुम रेलवे स्टेशन के पास के गांव में रेलवे के जमीन मापी कर घेराबंदी किए जाने के विरोध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा कि यह मामला जमीन अधिग्रहण का है, यह जनहित का नहीं है. यह कुछ लोगों की सीमित का मामला है. इसलिए इसे जनहित याचिका नहीं माना जा सकता. अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. उन्हें दूसरी याचिका दायर करने की छूट दी है. याचिकाकर्ता का कहना था कि बिना किसी सूचना के रेलवे की ओर से जमीन नापी कर बाउंड्री दिया जा रहा था.
ये भी पढ़ें- अंधविश्वास! कोरोना को दैवीय प्रकोप मान महिलाएं कर रही हैं पूजा
याचिका खारिज
बता दें कि राजकिशोर महतो और अन्य ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है.