रांची: लोकसभा चुनावों के दौरान अपने ही दल की महिला नेता के द्वारा लगाए गए यौन शोषण आरोप मामले में झारखंड विकास मोर्चा के नेता प्रदीप यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. गोड्डा जिले में लगने वाले अडानी समूह के पावर प्लांट से जुड़े मामले में लंबे समय तक जेल में रहने वाले यादव के ऊपर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
फैसला आना बाकी
हालांकि, यौन शोषण वाले इस मामले में उन्होंने स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी भी दी थी, लेकिन उसे कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया है. वहीं देवघर जिला पुलिस ने यादव की गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट में पिटीशन दाखिल कर दिया है. इसपर फैसला आना बाकी है.
20 अप्रैल 2019 का मामला
दरअसल, झारखंड विकास मोर्चा की एक महिला प्रवक्ता ने 20 अप्रैल 2019 को झारखंड विकास मोर्चा विधायक दल के नेता और केंद्रीय महासचिव प्रदीप यादव पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. इस मामले में 3 मई को देवघर स्थित महिला थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया. हालांकि प्रदीप यादव ने अग्रिम जमानत की याचिका कोर्ट में जमा की. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.
देवघर पुलिस ने कोर्ट में दिया पिटीशन
इस मामले में प्रदीप यादव की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करने के मकसद से देवघर पुलिस ने कोर्ट में पिटीशन दिया है. वहां के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट गरिमा मिश्रा की अदालत में यह याचिका दायर की गई है.
सियासी लिंक से नहीं किया जा सकता इंकार
दरअसल, प्रदीप यादव गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट से विधायक हैं. पूर्व में बीजेपी के कार्यकर्ता रहे यादव अभी झारखंड विकास मोर्चा के प्रधान महासचिव हैं और पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के करीबी माने जाते हैं. पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव प्रदर्शन के बाद यादव की कथित रूप से बीजेपी के साथ नजदीकियों की चर्चा तेज हो गई है.
बीजेपी से नजदीकियों को लेकर चर्चाएं
बीजेपी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के बीजेपी में शामिल होने के बाद से कथित तौर पर यादव नेताओं को बीजेपी के छत के नीचे लाने का टास्क मिला है. जिसका नेतृत्व दिल्ली में पार्टी के एक बड़े नेता कर रहे हैं. उसी के तहत प्रदीप यादव की बीजेपी से नजदीकियों को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. हालांकि, झाविमो और प्रदीप यादव खुद शुरू से इस बात से इनकार करते आ रहे हैं लेकिन इस तरह की चर्चाएं राजनीतिक हलकों में काफी तेज हैं.
बीजेपी के बड़े नेताओं से कथित रूप से टच में
बीजेपी सूत्रों का यकीन करें तो प्रदीप यादव राज्य में बीजेपी के बड़े नेताओं से कथित रूप से टच में रहे हैं. साथ ही दिल्ली के भी बड़े नेताओं से नजदीकियां बढ़ी हैं. लेकिन प्रदेश बीजेपी और सांसदों के दल में से कुछ ऐसे नेता हैं जो प्रदीप यादव के बीजेपी में इंट्री को रोकने के लिए दीवार बनकर खड़े हैं.
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झारखंड विधानसभा में दो विधायकों वाली पार्टी है झाविमो
दरअसल, 81 इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में झाविमो के दो विधायक हैं. इनमें से एक प्रदीप यादव हैं, जबकि दूसरे प्रकाश राम हैं. पार्टी के नेतृत्व की कमान पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संभाल रखी है.