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कृत्रिम छठ घाट बनाकर घरों में किया गया अर्घ्य अर्पित, भगवान भुवन भास्कर की आराधना

कोरोना महामारी को लेकर इस बार कई लोगों ने अपने घरों में कृत्रिम छठ घाट बनाकर छठ की. कृत्रिम छठ घाट बनाकर घरों में ही अर्घ्य अर्पित किया और भगवान भुवन भास्कर की आराधना की.

people worshiped by making artificial chhath ghat in home in ranchi
कृत्रिम छठ घाट
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Published : Nov 20, 2020, 7:26 PM IST

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार कृत्रिम छठ घाट का निर्माण कर घरों और सोसाइटी में छठ महापर्व करने की चलन बढ़ी है. राजधानी रांची में पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा लोगों ने अपने घर और सोसाइटी में ही कृत्रिम जलाशय बनाकर भगवान भुवन भास्कर को आर्घ्य अर्पित किया.

ये भी पढ़े- गोड्डा में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया गया अर्घ्य, घाटों पर उमड़ी भक्तों की भीड़

कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकारी गाइडलाइन में संशोधन के बाद घाटों पर छठ व्रती पहुंचे और भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया लेकिन इस साल घर मकान के छत पर आंगन में अपने सोसाइटी और घर मकान के परिसर में कृत्रिम तालाब का निर्माण कर छठ महापर्व करने का चलन भी बढ़ा है. कोरोना महामारी के मद्देनजर रांची के ऐसे हजारों परिवार हैं जो इस साल सामूहिक रूप से घाटों पर ना जाकर घर पर ही भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया और उनसे मनोवांछित फल की कामना की.

देखें पूरी खबर

छठ घाटों की कमी खली

पिछले साल की तुलना में इसकी संख्या ज्यादा दिखी. अधिकतर मोहल्लों में लोग घरों में ही भगवान भुवन भास्कर को अस्ताचलगामी अर्घ्य अर्पित करते दिखे. अपने घरों पर छठ करने वाले लोगों की माने तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल घाटों पर नहीं रखा जा सकता था. इसीलिए इस साल कोरोना महामारी के मद्देनजर घरों में ही छठ मनाने का निर्णय लिया गया था. परिवार के सभी सदस्य मिलकर भगवान भुवन भास्कर को अर्ध्य अर्पित किया. हालांकि छठ घाटों की कमी जरूर खली.

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार कृत्रिम छठ घाट का निर्माण कर घरों और सोसाइटी में छठ महापर्व करने की चलन बढ़ी है. राजधानी रांची में पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा लोगों ने अपने घर और सोसाइटी में ही कृत्रिम जलाशय बनाकर भगवान भुवन भास्कर को आर्घ्य अर्पित किया.

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कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकारी गाइडलाइन में संशोधन के बाद घाटों पर छठ व्रती पहुंचे और भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया लेकिन इस साल घर मकान के छत पर आंगन में अपने सोसाइटी और घर मकान के परिसर में कृत्रिम तालाब का निर्माण कर छठ महापर्व करने का चलन भी बढ़ा है. कोरोना महामारी के मद्देनजर रांची के ऐसे हजारों परिवार हैं जो इस साल सामूहिक रूप से घाटों पर ना जाकर घर पर ही भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया और उनसे मनोवांछित फल की कामना की.

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छठ घाटों की कमी खली

पिछले साल की तुलना में इसकी संख्या ज्यादा दिखी. अधिकतर मोहल्लों में लोग घरों में ही भगवान भुवन भास्कर को अस्ताचलगामी अर्घ्य अर्पित करते दिखे. अपने घरों पर छठ करने वाले लोगों की माने तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल घाटों पर नहीं रखा जा सकता था. इसीलिए इस साल कोरोना महामारी के मद्देनजर घरों में ही छठ मनाने का निर्णय लिया गया था. परिवार के सभी सदस्य मिलकर भगवान भुवन भास्कर को अर्ध्य अर्पित किया. हालांकि छठ घाटों की कमी जरूर खली.

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