रांची: पूरे देश में मंगलवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इसको लेकर रात 12:00 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा. इसके बाद श्री कृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाकर पूजा की जाएगी. इधर जिले के डोरंडा स्थित राधे कृष्ण मंदिर में इस साल जन्मोत्सव पर बीते सालों की तरह की भव्यता नहीं दिखेगी. कोरोना के संकट को देखते हुए मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
डोरंडा स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी आशुतोष मिश्रा बताते हैं कि हर साल इस मंदिर में बड़े धूमधाम से जन्माष्टमी का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार कोरोना के संकट को देखते हुए साधारण तरीके से ही भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर साल यहां कोलकाता से कारीगर आकर मंदिर सजाने का काम करते थे पर इस साल यह नहीं हो पाया. वहीं, उन्होंने बताया कि हर साल मंदिर में राधा कृष्ण बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता भी आयोजित होती थी पर इस साल यह कार्यक्रम भी टाल दिया गया है.
घरों में रहकर ही मनाएं जन्माष्टमी
राजधानी के हिनू स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में भी भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. मंदिर के पुजारी चंद्रकांत झा बताते हैं कि जिस प्रकार से कोरोना का संकट बढ़ रहा है और जिला प्रशासन ने भीड़ एकत्रित करने के लिए मना किया है. इन सब को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने मंदिर के बाहर सूचना पट्ट लगाकर भक्तों को सूचित कर दिया है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म का उत्सव अपने घरों में ही मनाएं. मंदिर में सांकेतिक रूप से पूजा पाठ का आयोजन किया गया है. इसमें मंदिर के कुछ लोग ही मिलकर भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद उनके प्रिय भोजन माखन-मिश्री का भोग लगाएंगे.
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ईश्वर कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाएं
वहीं, भक्तों ने भी मंदिर में पूजा नहीं करने को लेकर अपनी मायूसी जाहिर की. भक्त मंजू शर्मा और श्री प्रिया कुमारी ने बताया कि जिस प्रकार से हर साल मंदिर में आकर भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाते थे. वह इस बार नहीं मना पाए लेकिन सभी भगवान से प्रार्थना करते हैं कि संकट को जल्द से जल्द दूर करें ताकि अगले बरस उसी धूमधाम से जन्माष्टमी को मना सकें.
ऐसे करें पूजा
- चौकी में लाल वस्त्र बिछाएं और भगवान कृष्ण के बालस्वरूप को पात्र में रखें.
- फिर लड्डू गोपाल को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं.
- भगवान को नए वस्त्र पहनाएं.
- भगवान को रोली और अक्षत से तिलक करें.
- अब लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाएं.
- श्रीकृष्ण को तुलसी का पत्ता भी अर्पित करें.
- भोग के बाद श्रीकृष्ण को गंगाजल भी अर्पित करें.
- अब हाथ जोड़कर अपने आराध्य देव का ध्यान लगाएं.