रांची: कोरोना वायरस लगातार हमारे देश में पांव पसारता जा रहा है, जिंदगी थम सी गई है. भय और भूख के बीच मानवता की परीक्षा हो रही है. जाहिर सी बात है लॉकडाउन के कारण रोजी रोजगार बंद हो चुके हैं. लेकिन पेट की मशीन को बंद नहीं किया जा सकता. अच्छी बात है कि संकट के इस दौर में प्रशासन के साथ-साथ निजी संस्थाएं भी इस कोशिश में जुटी है कि कोई भूखा न रहे.
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कोरोना के खिलाफ जंग में जज्बा
सभी के हाथ में थाली या कटोरा थे. एसबीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी एनके सिंह खुद इन गरीबों को खाना परोस रहे थे. उन्होंने भोजन वितरण के लिए इंदिरा नगर को चुनने के पीछे का मकसद बताया और मुसीबत की इस घड़ी में एसबीआई की तरफ से किए जा रहे मानवता के कार्य की जानकारी दी. आमतौर पर बैंकों में लोग पैसा निकालने या ऋण लेने के लिए जाते हैं. इसके लिए उन्हें लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. लेकिन संकट की इस घड़ी में खुद बैंक के लोग ऐसे मोहल्लों में पहुंच रहे हैं जहां लोग जाने से कतराते हैं. कोरोना के खिलाफ जंग में यही जज्बा बरकरार रहा तो इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले समय में हम मुसीबत के भंवर को पार कर लेंगे.