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आज से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में की गई कड़ाई, परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की बढ़ी परेशानी

रविवार से राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में सख्ती बढ़ा दी गई है. जिससे परिवहन से जुड़े लोगों की परेशानी बढ़ गई है. कई लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया तो कई लोगों ने सरकार से दो वक्त का भोजन मुहैया कराने की मांग की.

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Published : May 16, 2021, 12:19 PM IST

रांची: संक्रमण के बढ़ते दायरे को देखते हुए झारखंड सरकार की ओर से रविवार से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में कड़ाई की गई है. जिसको लेकर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए परेशानी बढ़ गई है. राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए यह हिदायत दी है कि संक्रमण के बढ़ते दायरे को कम करने के लिए राज्य के अंदर और राज्य से बाहर जाने वाले बसों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाई है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- बिना ई-पास के घर से निकले तो होगी कार्रवाई, जानिये 16 मई से झारखंड में क्या-कुछ हो रहा बदलाव


पहले संक्रमण से बचाना है जरूरी
इस वजह से बस पर काम करने वाले चालक, खलासी, स्टैंड किरानी, कुली, टिकट बुकर जैसे लोगों के लिए आय का साधन बंद हो गया है. रांची से बनारस जाने वाली बस के चालक महेंद्र बताते हैं कि राज्य सरकार ने जो कड़ाई बरती है उसका हम स्वागत करते हैं क्योंकि लोगों को पहले संक्रमण से बचाना जरूरी है.

जानकारी देते हुए संवाददाता हितेश


दो वक्त का भोजन मुहैया कराने की मांग
कुली का काम कर रहे बबलू कुमार मिश्रा बताते हैं कि संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन जरूरी था लेकिन सरकार को हम गरीब लोगों के खाने का भी इंतजाम कर देना चाहिए ताकि जो लोग दिहाडी मजदूरी करके अपना जीवन यापन चलाते हैं, उन्हें किसी प्रकार से दो वक्त का भोजन मुहैया हो सके.


भूखे मरने को जाएंगे मजबूर
बस स्टैंड पर टिकट बुकिंग का काम कर रहे हैं बिंदेश्वरी कुमार नेपाली और देवानंद बताते हैं कि सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. इसके साथ ही यह भी आग्रह करते हैं कि हम जैसे गरीब लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करें. इसके अलावे जल्द से जल्द लॉकडाउन को भी वापस लें, क्योंकि बसों के परिचालन से ही हमारे घरों का चूल्हा जलता है अगर बसों का परिचालन ज्यादा दिनों तक नहीं हो पाएगा तो हम भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे.

गरीब लोग कर रहे हैं समर्थन
राजधानी सहित पूरे राज्य में बसों के परिचालन होने से हजारों लोगों का जीवन यापन होता है, लेकिन रविवार से परिवहन सेवा ठप होने से इन हजारों लोगों को जीवन यापन करने में कहीं ना कहीं मुश्किल होगी. इसके बावजूद स्टैंड पर काम करने वाले ये गरीब लोग कुछ दिनों के लॉकडाउन का समर्थन कर रहे हैं. इसके साथ ही यह भी अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द परिवहन सेवा को कोविड-19 गाइडलाइन के साथ शुरू कर दी जाए ताकि इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को राहत महसूस हो सके.

रांची: संक्रमण के बढ़ते दायरे को देखते हुए झारखंड सरकार की ओर से रविवार से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में कड़ाई की गई है. जिसको लेकर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए परेशानी बढ़ गई है. राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए यह हिदायत दी है कि संक्रमण के बढ़ते दायरे को कम करने के लिए राज्य के अंदर और राज्य से बाहर जाने वाले बसों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाई है.

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पहले संक्रमण से बचाना है जरूरी
इस वजह से बस पर काम करने वाले चालक, खलासी, स्टैंड किरानी, कुली, टिकट बुकर जैसे लोगों के लिए आय का साधन बंद हो गया है. रांची से बनारस जाने वाली बस के चालक महेंद्र बताते हैं कि राज्य सरकार ने जो कड़ाई बरती है उसका हम स्वागत करते हैं क्योंकि लोगों को पहले संक्रमण से बचाना जरूरी है.

जानकारी देते हुए संवाददाता हितेश


दो वक्त का भोजन मुहैया कराने की मांग
कुली का काम कर रहे बबलू कुमार मिश्रा बताते हैं कि संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन जरूरी था लेकिन सरकार को हम गरीब लोगों के खाने का भी इंतजाम कर देना चाहिए ताकि जो लोग दिहाडी मजदूरी करके अपना जीवन यापन चलाते हैं, उन्हें किसी प्रकार से दो वक्त का भोजन मुहैया हो सके.


भूखे मरने को जाएंगे मजबूर
बस स्टैंड पर टिकट बुकिंग का काम कर रहे हैं बिंदेश्वरी कुमार नेपाली और देवानंद बताते हैं कि सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. इसके साथ ही यह भी आग्रह करते हैं कि हम जैसे गरीब लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करें. इसके अलावे जल्द से जल्द लॉकडाउन को भी वापस लें, क्योंकि बसों के परिचालन से ही हमारे घरों का चूल्हा जलता है अगर बसों का परिचालन ज्यादा दिनों तक नहीं हो पाएगा तो हम भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे.

गरीब लोग कर रहे हैं समर्थन
राजधानी सहित पूरे राज्य में बसों के परिचालन होने से हजारों लोगों का जीवन यापन होता है, लेकिन रविवार से परिवहन सेवा ठप होने से इन हजारों लोगों को जीवन यापन करने में कहीं ना कहीं मुश्किल होगी. इसके बावजूद स्टैंड पर काम करने वाले ये गरीब लोग कुछ दिनों के लॉकडाउन का समर्थन कर रहे हैं. इसके साथ ही यह भी अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द परिवहन सेवा को कोविड-19 गाइडलाइन के साथ शुरू कर दी जाए ताकि इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को राहत महसूस हो सके.

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