रांची: मॉब लिंचिंग के विरोध के नाम पर राजधानी के राजेंद्र चौक पर 5 जुलाई को हुए उपद्रव के मामले में डोरंडा पुलिस ने जांच पूरी कर ली है. पुलिस की सुपरविजन रिपोर्ट में नामजद 8 आरोपियों को दोषी पाया गया है.
आरोपियों को डोरंडा पुलिस की ओर से पिछले सप्ताह नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा गया, लेकिन अधिकतर ने पुलिस के सामने अपना पक्ष भी नहीं रखा. अब पुलिस मंगलवार को दूसरी नोटिस भेजेगी. इसके बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय में आवेदन देकर वारंट जारी करने का आग्रह करेगी. गौरतलब है कि इस मामले में झारखंड उच्च न्याय ने सरकार से भी रिपोर्ट मांगी थी.
इन्हें जांच में पाया गया दोषी
कांग्रेस नेता शमशेर आलम के अलावा डॉ मौलाना औबेदुल्लाह कासमी, उपाध्यक्ष मौलाना असगर मिसबाह, एजाज गद्दी, शहर काजी कारी जान मोहम्मद मुस्तफी, पूर्व पार्षद मो. सलाउद्दीन उर्फ संजू और आजम अहमद शामिल हैं.
मॉब लिंचिंग के विरोध में हुई थी सभा
डोरंडा में 5 जुलाई को मॉब लिंचिंग के विरोध डोरंडा उर्स मैदान में न्याय सभा का आयोजन किया गया. संस्था ने पुलिस को जानकारी दी कि दो हजार लोग न्याय सभा में शामिल होंगे, लेकिन सभा में दस हजार की संख्या में लोग जमा हो गए. सभा खत्म के बाद शाम 5 बजे लौट रहे लोगों ने राजेंद्र चौक पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज की बस को निशाना बनाया. बस में उपद्रवियों द्वारा तोड़ फोड़ की गई. इसके बाद शहर का माहौल तनाव में बदल गया. पांच जुलाई की रात 9 बजे एकरा मस्जिद के पास फिर तनाव हो गया. इस घटना के बाद राजेंद्र चौक पर हुए उपद्रव मामले में डोरंडा थाने में 8 लोगों के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.