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रांची: ईद-उल-अजहा पर लोगों ने घरों में रहकर की नमाज अदा, कोरोना से छुटकारा की मांगी दुआ

आज पूरे देश में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जा रही है. यह त्यौहार त्याग और बलिदान का प्रतीक माना जाता है. ईद के मौके पर लोग अपने रिशतेदारों को ईद की बधाई देते हैं और उनकी सलामती की दुआ करते हैं लेकिन इस साल कोरोना के कारण रंग थोड़ा फीका पड़ गया है.

people celebrated Eid-ul-Adha in ranchi
ईद-उल-अजहा
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Published : Aug 1, 2020, 11:27 AM IST

रांची: त्याग और बलिदान का प्रतीक माना जाने वाला त्यौहार बकरीद यानी ईद-उल-अजहा आज पूरे देश मे मनाई जा रही है. हालांकि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए सभी ने अपने घरों पर ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ईद की नमाज अदा करते नजर आए और इस महामारी जल्द देश को छुटकारा मिले इसके दुआ किया गया.

देखें पूरी खबर

ईद-उल-अजहा यानी बकरीद कुर्बानी यानी त्याग और बलिदान के तौर पर जाना जाता है. जिसका मकसद है कि अल्लाह के रास्ते पर अपनी ख्वाहिश को त्याग देना. बकरीद के दिन विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की खास नमाज अदा की जाती है लेकिन कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मस्जिदों और इस गांव में नमाज पर पाबंदी है इसीलिए लोगों ने अपने घरों पर ही नमाज अदा की.

ये भी देखें- ईद-उल-अजहा पर सीएम समेत सूबे के नेताओं ने दी बधाई, कहा- सोशल डिस्टेंसिंग का करें पालन

बकरीद के मौके पर लोगों ने अल्लाह के रास्ते पर जानवर को बलिदान देने का रिवाज है. हालांकि कोविड-19 को लेकर भीड़ भाड़ पर रोक लगाई गई है. जिसे लेकर सभी अपने घरों में ही रह कर ईद-उल-अजहा का त्यौहार मना रहे हैं. वहीं, लोगों की भी जरूरी खाद्य सामग्रियों का भी वितरण किया जा रहा है ताकि वह लोग भी अच्छे से बकरीद मना सके. बलिदान का यह त्यौहार देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि कोविड-19 को लेकर रौनक थोड़ी कम है लेकिन यह जरूरी भी है.

रांची: त्याग और बलिदान का प्रतीक माना जाने वाला त्यौहार बकरीद यानी ईद-उल-अजहा आज पूरे देश मे मनाई जा रही है. हालांकि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए सभी ने अपने घरों पर ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ईद की नमाज अदा करते नजर आए और इस महामारी जल्द देश को छुटकारा मिले इसके दुआ किया गया.

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ईद-उल-अजहा यानी बकरीद कुर्बानी यानी त्याग और बलिदान के तौर पर जाना जाता है. जिसका मकसद है कि अल्लाह के रास्ते पर अपनी ख्वाहिश को त्याग देना. बकरीद के दिन विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की खास नमाज अदा की जाती है लेकिन कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मस्जिदों और इस गांव में नमाज पर पाबंदी है इसीलिए लोगों ने अपने घरों पर ही नमाज अदा की.

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बकरीद के मौके पर लोगों ने अल्लाह के रास्ते पर जानवर को बलिदान देने का रिवाज है. हालांकि कोविड-19 को लेकर भीड़ भाड़ पर रोक लगाई गई है. जिसे लेकर सभी अपने घरों में ही रह कर ईद-उल-अजहा का त्यौहार मना रहे हैं. वहीं, लोगों की भी जरूरी खाद्य सामग्रियों का भी वितरण किया जा रहा है ताकि वह लोग भी अच्छे से बकरीद मना सके. बलिदान का यह त्यौहार देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि कोविड-19 को लेकर रौनक थोड़ी कम है लेकिन यह जरूरी भी है.

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