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रिटायर शिक्षाकर्मियों के लिए वरदान बना पेंशन कोर्ट, ऑन द स्पॉट होता है समस्याओं का समाधन

झारखंड में राज्य सरकार ने पेंशन अदालत के जरिये सभी कोटि के प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों, कर्मियों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने की व्यवस्था की है. इस अदालत के जरिए पेंशन से संबंधित समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान किया जा रहा है.

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रिटायर शिक्षाकर्मियों के लिए वरदान बनी पेंशन कोर्ट
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Published : Oct 10, 2021, 1:17 PM IST

रांची: राज्य सरकार ने पेंशन अदालत के जरिए सभी कोटि के प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों, कर्मियों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने की व्यवस्था की है. पेंशन अदालत से पेंशन से वंचित कर्मचारियों और पारिवारिक पेंशनधारियों के समस्याओं का समाधान ऑन द स्पॉट किया जा रहा है. इसे लेकर शिक्षा विभाग भी लगातार काम कर रहा है और शिक्षक, कर्मचारियों और पदाधिकारियों को इसका लाभ समय समय पर दिया जाता रहा है.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग मामलाः विभागीय जांच में ADG अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट

प्रत्येक माह के 15 तारीख को पेंशन अदालत

बता दें कि पेंशन अदालत लगाने के लिए विभागीय सचिव स्तर पर पहले ही एक निर्देश जारी किया गया था. जिसके मुताबिक प्रत्येक माह की 15 तारीख को एक पेंशन अदालत लगाकर रिटायर होने वाले कर्मचारियों, पदाधिकारियों और शिक्षकों को इसका लाभ ऑन द स्पॉट देने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था. सेवानिवृत्ति का लाभ पेंशन धारियों को समुचित तरीके से मिले इसके लिए 2023 तक की सूची तैयार की गई है. सूची के अनुसार ही प्रत्येक माह की 15 तारीख को पेंशन अदालत लगाकर धीरे-धीरे लोगों को पेंशन और सेवानिवृति का लाभ दिया जा रहा है.

देखें वीडियो

पेंशन अदालत के दौरान समस्याओं का निपटारा

पेंशन अदालत के दौरान कर्मचारियों की समस्याओं को सुना जाता है और ऑन द स्पॉट उसका निवारण भी होता है. यहां वैसे सभी रिटायर्ड कर्मियों की सहायता की जा रही है, जिन्हें किसी कारणवश पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे कर्मियों को एजी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के तहत पेंशन का आवंटन कर दिया जाता है. इस अदालत में वैसे कर्मियों के परिवारों की भी मदद की जाती है जिनकी रिटायरमेंट के बाद मौत हो चुकी है. ऐसे कर्मियों के पेंशन को फैमिली पेंशन में तब्दील कर दिया जाता है.

मौके पर मौजूद होते हैं तमाम अधिकारी

पेंशन अदालत के दौरान शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के, जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय के पदाधिकारी और कर्मचारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, निकासी पदाधिकारी और एसडीओ लेवल के पदाधिकारी भी शामिल होते हैं. ताकि ऑन द स्पॉट पेंशनधारियों को इसका लाभ मिल सके. इस दौरान अनुशंसा करने वाले स्वीकृत करने वाले और ऑनलाइन डाटा उपलब्ध करने वाले अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. ताकि पेंशन में विलंब ना हो और उन्हें पेंशन का लाभ त्वरित रूप से दिया जा सके. यह योजना झारखंड में मील का पत्थर साबित हो रही है. लगातार विभागीय स्तर पर मेगा पेंशन अदालत का आयोजन कर इसका लाभ कर्मचारियों को शिक्षकों को और पदाधिकारियों को दिया जा रहा है.

रांची: राज्य सरकार ने पेंशन अदालत के जरिए सभी कोटि के प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों, कर्मियों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने की व्यवस्था की है. पेंशन अदालत से पेंशन से वंचित कर्मचारियों और पारिवारिक पेंशनधारियों के समस्याओं का समाधान ऑन द स्पॉट किया जा रहा है. इसे लेकर शिक्षा विभाग भी लगातार काम कर रहा है और शिक्षक, कर्मचारियों और पदाधिकारियों को इसका लाभ समय समय पर दिया जाता रहा है.

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प्रत्येक माह के 15 तारीख को पेंशन अदालत

बता दें कि पेंशन अदालत लगाने के लिए विभागीय सचिव स्तर पर पहले ही एक निर्देश जारी किया गया था. जिसके मुताबिक प्रत्येक माह की 15 तारीख को एक पेंशन अदालत लगाकर रिटायर होने वाले कर्मचारियों, पदाधिकारियों और शिक्षकों को इसका लाभ ऑन द स्पॉट देने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था. सेवानिवृत्ति का लाभ पेंशन धारियों को समुचित तरीके से मिले इसके लिए 2023 तक की सूची तैयार की गई है. सूची के अनुसार ही प्रत्येक माह की 15 तारीख को पेंशन अदालत लगाकर धीरे-धीरे लोगों को पेंशन और सेवानिवृति का लाभ दिया जा रहा है.

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पेंशन अदालत के दौरान समस्याओं का निपटारा

पेंशन अदालत के दौरान कर्मचारियों की समस्याओं को सुना जाता है और ऑन द स्पॉट उसका निवारण भी होता है. यहां वैसे सभी रिटायर्ड कर्मियों की सहायता की जा रही है, जिन्हें किसी कारणवश पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे कर्मियों को एजी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के तहत पेंशन का आवंटन कर दिया जाता है. इस अदालत में वैसे कर्मियों के परिवारों की भी मदद की जाती है जिनकी रिटायरमेंट के बाद मौत हो चुकी है. ऐसे कर्मियों के पेंशन को फैमिली पेंशन में तब्दील कर दिया जाता है.

मौके पर मौजूद होते हैं तमाम अधिकारी

पेंशन अदालत के दौरान शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के, जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय के पदाधिकारी और कर्मचारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, निकासी पदाधिकारी और एसडीओ लेवल के पदाधिकारी भी शामिल होते हैं. ताकि ऑन द स्पॉट पेंशनधारियों को इसका लाभ मिल सके. इस दौरान अनुशंसा करने वाले स्वीकृत करने वाले और ऑनलाइन डाटा उपलब्ध करने वाले अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. ताकि पेंशन में विलंब ना हो और उन्हें पेंशन का लाभ त्वरित रूप से दिया जा सके. यह योजना झारखंड में मील का पत्थर साबित हो रही है. लगातार विभागीय स्तर पर मेगा पेंशन अदालत का आयोजन कर इसका लाभ कर्मचारियों को शिक्षकों को और पदाधिकारियों को दिया जा रहा है.

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