रांची: झारखंड में भले ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर काबू में आ गई हो, भले ही राज्य के विशेषज्ञ चिकित्सक 07 फरवरी से स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की बात कह रहे हों लेकिन राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में अब भी पुरानी व्यवस्था में ही चल रही है. संक्रमण के नाम पर रिम्स का ओपीडी अब भी आधे दिन का ही सेवा दे रहा है.
एक शिफ्ट में ओपीडी, मरीज परेशान
सिर्फ एक पाली में ओपीडी चलने से आम बीमार लोगों को दिक्कत आ रही है. ज्यादातर मरीजों को बिना ओपीडी में डॉक्टर को दिखाएं बिना बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. रांची के कडरू इलाके से अपनी मां और बच्चे के साथ ओपीडी में इलाज के लिए आई महलका बैरंग वापस लौटने को मजबूर हुई है क्योंकि रिम्स में बताया गया कि दोपहर एक बजे के बाद ओपीडी नहीं खुलता है. महलका जैसे मरीजों की काफी संख्या है जो हर दिन बिन इलाज कराए बैरंग वापस लौट जाते हैं.
कोरोना संक्रमण के कारण एक शिफ्ट में कामः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में तेज संक्रमण के चलते पहले यह व्यवस्था की गई थी कि ओपीडी में मरीजों की संख्या सीमित की जाएं. इसके लिए पहले शिफ्ट में 60 और दूसरे शिफ्ट में 40 मरीज देखने का फैसला हुआ. लेकिन जब संक्रमण चिंताजनक रूप से बढ़ने लगा तो 12 जनवरी से ओपीडी को एक ही शिफ्ट में चलाने का प्रबंधन ने फैसला लिया. जब झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज थी तो लोग भी कम अस्पताल पहुंच रहे थे पर अब जब कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है. बड़ी संख्या में रोगी हर दिन ठीक हो रहे हैं और अस्पतालों में ज्यादातर कोरोना बेड पिछले 7 दिनों से खाली पड़े हैं. कोई अतिरिक्त कार्य कोरोना की वजह से नहीं है बावजूद इसके ओपीडी सिर्फ एक शिफ्ट में चल रहा है और लोग परेशान हैं.