ETV Bharat / city

पारा टीचरों ने की 50 लाख रुपये बीमा की मांग, आपातकालीन कोविड ड्यूटी में तैनात किए गए हैं ये शिक्षक

एकीकृत पारा शिक्षक संघ ने कोरोना महामारी को लेकर पारा टीचरों की नियुक्ति बिना सुरक्षा के किए जाने का विरोध किया है. शिक्षकों ने कोरोना काल में बीमा कराए जाने की मांग की है, ताकि उनके परिवार का फ्यूचर सिक्योर रहे. उनका कहना है कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है.

Para teachers demand for insurance of 50 lakh in jharkhand
एकीकृत पारा शिक्षक संघ की मांग
author img

By

Published : Apr 23, 2021, 12:40 PM IST

रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघ, राज्य के पारा शिक्षकों को बिना सुरक्षा के कोरोना महामारी को लेकर मजिस्ट्रेट ड्यूटी में नियुक्त किए जाने का विरोध किया है. इसके साथ ही 50 लाख रुपये की बीमा कराने की मांग शिक्षकों की ओर से सरकार से की गई है.

ये भी पढ़ें-कोरोना संकट के बीच मजदूरों को सता रही पेट की चिंता, सरकार की योजना भी नहीं आ रही काम

सरकारी सिस्टम कई जगह पर फेल

कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप और इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम कई जगह पर विफल साबित हुई है. मैन पावर की कमी न हो इसे देखते हुए सरकारी कर्मचारियों को कोविड-19 को लेकर जारी कई गतिविधियों और कामों में लगाया गया है. राज्य के तमाम पारा टीचरों को भी कोविड-19 की स्पेशल ड्यूटी में लगाया गया है. शिक्षकों को कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर मजिस्ट्रेट ड्यूटी में तैनात किया जा रहा है.

पारा शिक्षकों का कहना है कि यह तैनाती काफी जोखिम भरा है, लेकिन सरकार इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. बिना सुरक्षा उपायों के साथ पारा शिक्षक लगातार ड्यूटी कर रहे हैं, जबकि पारा शिक्षकों का मानदेय कितना है यह जगजाहिर है. किसी भी पारा शिक्षकों को कुछ हो जाए तो उनके परिवार को देखने वाला कोई नहीं है. ऐसे में इस ड्यूटी के दौरान चतरा और राज्य के विभिन्न जिलों के पारा शिक्षकों के निधन की भी खबरें आई हैं.

50 लाख रुपये की बीमा की मांग

पारा शिक्षकों ने राजस्थान सरकार की तर्ज पर झारखंड के पारा शिक्षकों को भी कोरोना संक्रमण और इलाज के दौरान और असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है. पारा शिक्षकों का कहना है कि राज्य के तमाम पारा शिक्षकों के लिए 50 लाख का बीमा राज्य सरकार करे क्योंकि लगातार पारा शिक्षक इस कोरोना काल में भी पठन पाठन के अलावा सरकार की अन्य गतिविधियों पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं, इसके बावजूद पारा शिक्षकों की लगातार राज्य सरकार अनदेखी कर रही है.

रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघ, राज्य के पारा शिक्षकों को बिना सुरक्षा के कोरोना महामारी को लेकर मजिस्ट्रेट ड्यूटी में नियुक्त किए जाने का विरोध किया है. इसके साथ ही 50 लाख रुपये की बीमा कराने की मांग शिक्षकों की ओर से सरकार से की गई है.

ये भी पढ़ें-कोरोना संकट के बीच मजदूरों को सता रही पेट की चिंता, सरकार की योजना भी नहीं आ रही काम

सरकारी सिस्टम कई जगह पर फेल

कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप और इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम कई जगह पर विफल साबित हुई है. मैन पावर की कमी न हो इसे देखते हुए सरकारी कर्मचारियों को कोविड-19 को लेकर जारी कई गतिविधियों और कामों में लगाया गया है. राज्य के तमाम पारा टीचरों को भी कोविड-19 की स्पेशल ड्यूटी में लगाया गया है. शिक्षकों को कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर मजिस्ट्रेट ड्यूटी में तैनात किया जा रहा है.

पारा शिक्षकों का कहना है कि यह तैनाती काफी जोखिम भरा है, लेकिन सरकार इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. बिना सुरक्षा उपायों के साथ पारा शिक्षक लगातार ड्यूटी कर रहे हैं, जबकि पारा शिक्षकों का मानदेय कितना है यह जगजाहिर है. किसी भी पारा शिक्षकों को कुछ हो जाए तो उनके परिवार को देखने वाला कोई नहीं है. ऐसे में इस ड्यूटी के दौरान चतरा और राज्य के विभिन्न जिलों के पारा शिक्षकों के निधन की भी खबरें आई हैं.

50 लाख रुपये की बीमा की मांग

पारा शिक्षकों ने राजस्थान सरकार की तर्ज पर झारखंड के पारा शिक्षकों को भी कोरोना संक्रमण और इलाज के दौरान और असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है. पारा शिक्षकों का कहना है कि राज्य के तमाम पारा शिक्षकों के लिए 50 लाख का बीमा राज्य सरकार करे क्योंकि लगातार पारा शिक्षक इस कोरोना काल में भी पठन पाठन के अलावा सरकार की अन्य गतिविधियों पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं, इसके बावजूद पारा शिक्षकों की लगातार राज्य सरकार अनदेखी कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.