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एक बार फिर पारा शिक्षकों का आंदोलन होगा शुरू, हेमंत सरकार को दिया अल्टीमेटम

राज्य के पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन के मूड में है. जिसे लेकर मोरहाबादी मैदान में एक बार फिर पारा शिक्षक एकजुट होकर बैठक का आयोजन किया. शिक्षकों का कहना है कि यह सरकार भी रघुवर सरकार के तर्ज पर चल रही है, लेकिन इस बार पारा शिक्षक किसी के भी बरगलाने से मानने वाले नहीं है.

para teacher holds a meeting in ranchi
पारा शिक्षकों का आंदोलन
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Published : Feb 23, 2020, 3:19 PM IST

रांचीः राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में एक बार फिर पारा शिक्षक एकजुट होकर बैठक का आयोजन किया और उनकी मांगों को लेकर हेमंत सरकार से हो रही बातचीत को तमाम पारा शिक्षकों को अवगत कराया गया. गौरतलब है कि पारा शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में जो रघुवर सरकार की ओर से नियमावली बनाई गई थी उसी के आधार पर हेमंत सरकार भी नियमावली बना रही है, जिस पर पारा शिक्षकों को आपत्ति है.

देखें पूरी खबर
राज्य के पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन के मूड में है. एक तरफ जहां राज्य सरकार पारा शिक्षकों को आश्वासन दे रही है, तो वहीं पारा शिक्षक अब किसी भी आश्वासन के भरोसे नहीं रहने का मन बना लिया है. गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के घोषणापत्र में पारा शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने को लेकर वादे किए गए थे और अब पारा शिक्षक हेमंत सरकार से घोषणा पत्र के मुताबिक मांगों को पूरा करने की बात कह रहे हैं. पारा शिक्षकों का कहना है कि यह सरकार भी रघुवर सरकार के तर्ज पर चल रही है, लेकिन इस बार पारा शिक्षक किसी के भी बरगलाने से मानने वाले नहीं है.गौरतलब है कि रघुवर सरकार के दौरान पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन किया था. पारा शिक्षकों ने उस दौरान रघुवर सरकार को समान काम के बदले समान वेतन और समायोजन की मांग को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर रघुवर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करेगी तो इस सरकार को ही बदल दिया जाएगा और हुआ भी कुछ यूं ही. झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी और कांग्रेस ने सरकार का गठन किया और और हेमंत सरकार से इन पारा शिक्षकों को उम्मीद भी जगी थी.

ये भी पढे़ं- हजारीबाग: आरक्षण पर SC के आदेश के विरोध में भारत बंद, NH 33 हाइवे 3 घंटे तक रहा जाम

आंदोलन के मूड में पारा शिक्षक
एक बार फिर यह पारा शिक्षक आंदोलन के मूड में है. इनकी मानें तो राज्य सरकार लगातार बरगला रही है. हेमंत सरकार भी रघुवर सरकार के तर्ज पर चल रही है. अफसरशाही इस सरकार में भी हावी हो रही है. जो नियमावली रघुवर सरकार ने बनाई थी. उसी नियमावली को आधार बनाकर थोड़ा बहुत फेरबदल कर पारा शिक्षकों को बरगलाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अगर ऐसे ही स्थिति रही तो आने वाले समय में इस सरकार के खिलाफ भी पारा शिक्षक गोल बंद होंगे और अपनी मांगों को मनवाने के लिए हर कदम उठाने को तैयार भी होंगे.

रांचीः राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में एक बार फिर पारा शिक्षक एकजुट होकर बैठक का आयोजन किया और उनकी मांगों को लेकर हेमंत सरकार से हो रही बातचीत को तमाम पारा शिक्षकों को अवगत कराया गया. गौरतलब है कि पारा शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में जो रघुवर सरकार की ओर से नियमावली बनाई गई थी उसी के आधार पर हेमंत सरकार भी नियमावली बना रही है, जिस पर पारा शिक्षकों को आपत्ति है.

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राज्य के पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन के मूड में है. एक तरफ जहां राज्य सरकार पारा शिक्षकों को आश्वासन दे रही है, तो वहीं पारा शिक्षक अब किसी भी आश्वासन के भरोसे नहीं रहने का मन बना लिया है. गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के घोषणापत्र में पारा शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने को लेकर वादे किए गए थे और अब पारा शिक्षक हेमंत सरकार से घोषणा पत्र के मुताबिक मांगों को पूरा करने की बात कह रहे हैं. पारा शिक्षकों का कहना है कि यह सरकार भी रघुवर सरकार के तर्ज पर चल रही है, लेकिन इस बार पारा शिक्षक किसी के भी बरगलाने से मानने वाले नहीं है.गौरतलब है कि रघुवर सरकार के दौरान पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन किया था. पारा शिक्षकों ने उस दौरान रघुवर सरकार को समान काम के बदले समान वेतन और समायोजन की मांग को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर रघुवर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करेगी तो इस सरकार को ही बदल दिया जाएगा और हुआ भी कुछ यूं ही. झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी और कांग्रेस ने सरकार का गठन किया और और हेमंत सरकार से इन पारा शिक्षकों को उम्मीद भी जगी थी.

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आंदोलन के मूड में पारा शिक्षक
एक बार फिर यह पारा शिक्षक आंदोलन के मूड में है. इनकी मानें तो राज्य सरकार लगातार बरगला रही है. हेमंत सरकार भी रघुवर सरकार के तर्ज पर चल रही है. अफसरशाही इस सरकार में भी हावी हो रही है. जो नियमावली रघुवर सरकार ने बनाई थी. उसी नियमावली को आधार बनाकर थोड़ा बहुत फेरबदल कर पारा शिक्षकों को बरगलाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अगर ऐसे ही स्थिति रही तो आने वाले समय में इस सरकार के खिलाफ भी पारा शिक्षक गोल बंद होंगे और अपनी मांगों को मनवाने के लिए हर कदम उठाने को तैयार भी होंगे.

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