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पद्मश्री अशोक भगत ने द्रौपदी मुर्मू को लेकर साझा किया प्रसंग, जंगल में गाड़ी बंद होने पर भी नहीं हुई थीं विचलित

द्रौपदी मुर्मू हैं सादगी की मिसाल, राष्ट्रपति भवन हो जाएगा पवित्र ये बातें कहीं पद्मश्री अशोक भगत ने, उन्होंने एक प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा कि जंगल में गाड़ी बंद होने पर भी वो विचलित नहीं हुई थीं. उन्होंने कहा था मैं जंगल की बेटी हूं, मुझे डर कैसा.

padma shri ashok bhagat
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Published : Jul 5, 2022, 9:53 AM IST

Updated : Jul 5, 2022, 10:50 AM IST

रांचीः आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम करने वाली विकास भारती संस्था से जुड़े पद्मश्री अशोक भगत की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से विशेष मुलाकात हुई. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए द्रौपदी मुर्मू से जुड़े कुछ प्रसंगों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू से हमारा भाई-बहन का रिश्ता है. वह हमें राखी बांधती हैं. झारखंड की राज्यपाल रहते हुए गुमला के बिशुनपुर स्थित विकास भारती में अकसर आया करती थीं.

उन्होंने कहा कि देश के लिए गौरव की बात है कि आजादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की एक महिला राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने जा रही है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जैसी सादगी मैंने नहीं देखी. पद्मश्री अशोक भगत ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया.

देखें पूरी खबर

उन्होंने कहा कि उनकी जैसी सादगी मैंने नहीं देखी. उन्होंने ईटीवी भारत से एक वाक्या साझा किया. कहा कि राज्यपाल रहते हुए वह गुमला के बिशुनपुर स्थित विकास भारती के एक कार्यक्रम में आई थी. उन्हें हेलिकॉप्टर से लौटना था. लेकिन बाद में सड़क मार्ग से लौटना पड़ा. लेकिन लौटते वक्त बीच जंगल में उनकी गाड़ी का तेल खत्म हो गया. यह बात जब बाहर आई तो उन्होंने अशोक भगत को फोन कर कहा कि इसको निगेटिव रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. उस वक्त उन्होंने कहा था कि मैं जंगल की बेटी हूं. मुझे जंगल से डर कैसा.

पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि आदिवासियत में विश्वास रखने वालों को उनको समर्थन करना चाहिए. यशवंत सिन्हा के चुनावी मैदान में उतरने पर उन्होंने कहा कि कायदे से उन्हें चुनाव लड़ना ही नहीं चाहिए था. यह तो देश के लिए गौरव की बात है कि एक आदिवासी समाज की महिला सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाई गयी हैं. इस मौके पर लेडी टार्जन के रूप में विख्यात पद्मश्री जमुना टुडू ने कहा कि मेरी तरह द्रौपदी मुर्मू जी भी ओड़िशा की रहने वाली हैं. उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध रहा है.

रांचीः आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम करने वाली विकास भारती संस्था से जुड़े पद्मश्री अशोक भगत की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से विशेष मुलाकात हुई. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए द्रौपदी मुर्मू से जुड़े कुछ प्रसंगों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू से हमारा भाई-बहन का रिश्ता है. वह हमें राखी बांधती हैं. झारखंड की राज्यपाल रहते हुए गुमला के बिशुनपुर स्थित विकास भारती में अकसर आया करती थीं.

उन्होंने कहा कि देश के लिए गौरव की बात है कि आजादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की एक महिला राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने जा रही है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जैसी सादगी मैंने नहीं देखी. पद्मश्री अशोक भगत ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया.

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उन्होंने कहा कि उनकी जैसी सादगी मैंने नहीं देखी. उन्होंने ईटीवी भारत से एक वाक्या साझा किया. कहा कि राज्यपाल रहते हुए वह गुमला के बिशुनपुर स्थित विकास भारती के एक कार्यक्रम में आई थी. उन्हें हेलिकॉप्टर से लौटना था. लेकिन बाद में सड़क मार्ग से लौटना पड़ा. लेकिन लौटते वक्त बीच जंगल में उनकी गाड़ी का तेल खत्म हो गया. यह बात जब बाहर आई तो उन्होंने अशोक भगत को फोन कर कहा कि इसको निगेटिव रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. उस वक्त उन्होंने कहा था कि मैं जंगल की बेटी हूं. मुझे जंगल से डर कैसा.

पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि आदिवासियत में विश्वास रखने वालों को उनको समर्थन करना चाहिए. यशवंत सिन्हा के चुनावी मैदान में उतरने पर उन्होंने कहा कि कायदे से उन्हें चुनाव लड़ना ही नहीं चाहिए था. यह तो देश के लिए गौरव की बात है कि एक आदिवासी समाज की महिला सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाई गयी हैं. इस मौके पर लेडी टार्जन के रूप में विख्यात पद्मश्री जमुना टुडू ने कहा कि मेरी तरह द्रौपदी मुर्मू जी भी ओड़िशा की रहने वाली हैं. उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध रहा है.

Last Updated : Jul 5, 2022, 10:50 AM IST
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