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सीएम हेमंत सोरेन के ओएसडी गोपाल जी तिवारी हुए प्रभार मुक्त, जारी हुई अधिसूचना

Gopal Tiwari has been relieved from charge
ओएसडी गोपाल जी तिवारी हुए प्रभार मुक्त
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Published : Jul 16, 2020, 7:03 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 7:40 PM IST

18:57 July 16

सीएम के ओएसडी गोपाल जी तिवारी हुए प्रभार मुक्त

रांचीः झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोपाल जी तिवारी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी का दिया गया अतिरिक्त प्रभार साढ़े छह महीने में ही वापस ले लिया गया. इस बाबत कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है.

दरअसल, तिवारी को 31 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री सोरेन के ओएसडी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. तिवारी मूल रूप से पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव हैं. कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा गुरुवार को जारी की गई अधिसूचना में साफ जिक्र किया गया है कि गोपालजी तिवारी को मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाता है. इसके साथ ही यह भी लिखा है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

कोल्हान कमिश्नर की बदली अधिसूचना

वहीं, दूसरी अधिसूचना के अनुसार कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त वीरेंद्र भूषण को स्थानांतरित करते हुए जल संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया था, लेकिन नई अधिसूचना के अनुसार उन्हें फिलहाल कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग में योगदान करने को कहा गया है.  

ये भी पढे़ं- 8 दिनों तक सेल्फ आइसोलेशन में रहने के बाद सीएम पहुंचे प्रोजेक्ट बिल्डिंग, लेंगे कोविड-19 से जुड़ी फीडबैक

29 दिसंबर को सीएम ने ली थी शपथ

प्रदेश की सत्ता के गलियारे में तगड़ा रसूख रखने वाले झारखंड प्रशासनिक सेवा के इस अधिकारी ने मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री सचिवालय को इस बाबत आवेदन भी दिया था. सीएमओ को सौंपें गए अपने आवेदन में उन्होंने अतिरिक्त प्रभार से खुद को मुक्त करने की गुजारिश की थी. तिवारी की रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 29 दिसंबर को महागठबंधन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 11 वें सीएम के रूप में शपथ ली. वहीं ठीक उसके 2 दिन के बाद तिवारी के मुख्यमंत्री के ओएसडी बनाए जाने का नोटिफिकेशन राज्य सरकार ने जारी कर दिया है.  

तिवारी की सक्रियता को लेकर थी आईएएस लॉबी में नाराजगी

दरअसल, गोपाल तिवारी की गतिविधियों और उनकी सक्रियता को लेकर राज्य की आईएएस लॉबी में खासा असंतोष देखा जा रहा था. इतना ही नहीं पिछले दिनों उनके ऊपर कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जमीन खरीद बिक्री में शामिल होने का आरोप भी लगा। इतना ही नहीं उनकी विदेशी यात्राओं को लेकर भी सवाल उठे थे.

18:57 July 16

सीएम के ओएसडी गोपाल जी तिवारी हुए प्रभार मुक्त

रांचीः झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोपाल जी तिवारी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी का दिया गया अतिरिक्त प्रभार साढ़े छह महीने में ही वापस ले लिया गया. इस बाबत कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है.

दरअसल, तिवारी को 31 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री सोरेन के ओएसडी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. तिवारी मूल रूप से पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव हैं. कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा गुरुवार को जारी की गई अधिसूचना में साफ जिक्र किया गया है कि गोपालजी तिवारी को मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाता है. इसके साथ ही यह भी लिखा है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

कोल्हान कमिश्नर की बदली अधिसूचना

वहीं, दूसरी अधिसूचना के अनुसार कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त वीरेंद्र भूषण को स्थानांतरित करते हुए जल संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया था, लेकिन नई अधिसूचना के अनुसार उन्हें फिलहाल कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग में योगदान करने को कहा गया है.  

ये भी पढे़ं- 8 दिनों तक सेल्फ आइसोलेशन में रहने के बाद सीएम पहुंचे प्रोजेक्ट बिल्डिंग, लेंगे कोविड-19 से जुड़ी फीडबैक

29 दिसंबर को सीएम ने ली थी शपथ

प्रदेश की सत्ता के गलियारे में तगड़ा रसूख रखने वाले झारखंड प्रशासनिक सेवा के इस अधिकारी ने मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री सचिवालय को इस बाबत आवेदन भी दिया था. सीएमओ को सौंपें गए अपने आवेदन में उन्होंने अतिरिक्त प्रभार से खुद को मुक्त करने की गुजारिश की थी. तिवारी की रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 29 दिसंबर को महागठबंधन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 11 वें सीएम के रूप में शपथ ली. वहीं ठीक उसके 2 दिन के बाद तिवारी के मुख्यमंत्री के ओएसडी बनाए जाने का नोटिफिकेशन राज्य सरकार ने जारी कर दिया है.  

तिवारी की सक्रियता को लेकर थी आईएएस लॉबी में नाराजगी

दरअसल, गोपाल तिवारी की गतिविधियों और उनकी सक्रियता को लेकर राज्य की आईएएस लॉबी में खासा असंतोष देखा जा रहा था. इतना ही नहीं पिछले दिनों उनके ऊपर कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जमीन खरीद बिक्री में शामिल होने का आरोप भी लगा। इतना ही नहीं उनकी विदेशी यात्राओं को लेकर भी सवाल उठे थे.

Last Updated : Jul 16, 2020, 7:40 PM IST
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