रांची: बीआईटी ओपी थाना क्षेत्र के चुटु गांव में ग्रामीणों ने सरकार के द्वारा दान की गई जमीन पर कब्जे के विरोध में पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि जिस जमीन पर प्रशासन के द्वारा कब्जा किया जा रहा है वह जमीन उन्हें वर्षों पहले सरकार की तरफ से दान में मिला था. अब उसी जमीन को प्रशासन के द्वारा कब्जा किया जा रहा है.
खतरे में ग्रामीणों की जमीन
जमीन पर कब्जे को लेकर विरोध कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि केंद्र सरकार की तरफ से 1971 में ही भूमिहीनों को यह जमीन दी गई थी. लेकिन कांके सीओ ने सरकार को यह रिपोर्ट दी है कि यह जमीन खाली पड़ी हुई है और यहां विधायक आवास बनाया जा सकता है. जिसके बाद इन जमीनों पर प्रशासन की तरफ से कब्जा किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि सीओ की एक गलत रिपोर्ट की वजह से ग्रामीणों की जमीन खतरे में पड़ गई है.
किसी भी कीमत पर जमीन बचाने का निर्णय
प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों की एक बैठक भी आयोजित की गई. ग्रामीणों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर अपनी जमीन को नहीं छोड़ेंगे. पारंपरिक हथियारों से लैस ग्रामीणों को देखकर प्रशासन के लोग मौके से चले गए थे. ग्रामीणों ने साफ-साफ कहा है कि अगर कोई भी दोबारा जमीन पर कब्जे को लेकर आएगा तो उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.
सीओ के कार्यालय का किया जाएगा घेराव
बैठक में ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि प्रशासन के द्वारा जमीन पर कब्जे को लेकर वे सभी एक साथ मिलकर पांच फरवरी को कांके सीओ के ऑफिस का घेराव करेंगे.