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'पांच चरणों में चुनाव कराकर सरकारी तंत्र का फायदा उठाना चाहती है BJP, झारखंड में भी हो एक चरण में चुनाव'

झारखंड में बीजेपी ने पांच चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है. जिसका विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू ने भी विरोध किया है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल करना चाहती है.

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Published : Oct 22, 2019, 11:32 AM IST

Updated : Oct 22, 2019, 1:48 PM IST

रांची: विधानसभा चुनाव करीब आते ही राज्य में राजनीतिक पार्टियों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कुछ इसी तरह झारखंड में भी चुनाव की तारीखों को लेकर सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे है. विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू ने भी बीजेपी की ओर से राज्य में पांच चरणों में चुनाव कराने की मांग का विरोध किया है.

नेताओं का बयान

बीजेपी सरकारी तंत्र का दुरूपयोग करना चाहती है
इसे लेकर राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी जेएमएम के महासचिव बताते हैं कि राजस्थान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में सरकार एक चरण में ही चुनाव करवा रही है. झारखंड में पांच चरणों की मांग करना निश्चित रूप से उनकी गलत मंशा को दर्शाता है. वहीं, कांग्रेस के विधानसभा चुनाव प्रभारी आरपीएन सिंह बताते हैं कि एक तरफ हरियाणा और महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो रहा है उसी प्रकार झारखंड में भी एक चरण में चुनाव होना चाहिए. जिस प्रकार से बीजेपी 5 चरणों में चुनाव कराने की बात सोच रही है यह उनके भय और डर को बताता है. क्योंकि उन्हें पता है कि बीजेपी से जनता परेशान हो गई है इसलिए बीजेपी 5 चरणों में चुनाव कराकर सरकारी तंत्र का फायदा उठाना चाहती है.

ये भी पढ़ें- कार्यकर्ताओं की मेहनत का मिलेगा बेहतर परिणाम, जनता की अदालत में होगा फैसला: बाबूलाल मरांडी

जेडीयू और वाम दल ने भी किया विरोध
जेडीयू नेता श्रवन कुमार बताते हैं कि हरियाणा के 90 और महाराष्ट्र के 288 सीटों में जब एक चरण में चुनाव हो सकते हैं तो झारखंड के 81 सीटों पर भी एक चरण में ही चुनाव होना चाहिए. भाकपा माले के वरिष्ठ नेता और राजनीतिक जानकार जनार्दन प्रसाद बताते हैं कि एक तरफ बीजेपी एक चुनाव, एक देश की बात करती है वहीं राज्य में 5 फेज में चुनाव चाहने का क्या मतलब है. झारखंड में 5 चरणों में चुनाव कराने का क्या वजह है इससे स्पष्ट होता है कि सरकार में बैठी भारतीय जनता पार्टी चुनाव में अपने सरकारी तंत्रों और केंद्रीय स्तर के नेताओं का पांच फेजों में गलत तरीके से उपयोग कर चुनाव जीतने का काम करना चाहती है.

सीपी सिंह का बयान

चुनाव आयोग लेगा निर्णय-बीजेपी

वहीं इस मामले पर मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने कहा कि विपक्ष में रहनेवाले ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करते हैं. चुनाव कितने चरण में किया जाए इसका फैसला चुनाव आयोग को करना है.

रांची: विधानसभा चुनाव करीब आते ही राज्य में राजनीतिक पार्टियों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कुछ इसी तरह झारखंड में भी चुनाव की तारीखों को लेकर सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे है. विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू ने भी बीजेपी की ओर से राज्य में पांच चरणों में चुनाव कराने की मांग का विरोध किया है.

नेताओं का बयान

बीजेपी सरकारी तंत्र का दुरूपयोग करना चाहती है
इसे लेकर राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी जेएमएम के महासचिव बताते हैं कि राजस्थान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में सरकार एक चरण में ही चुनाव करवा रही है. झारखंड में पांच चरणों की मांग करना निश्चित रूप से उनकी गलत मंशा को दर्शाता है. वहीं, कांग्रेस के विधानसभा चुनाव प्रभारी आरपीएन सिंह बताते हैं कि एक तरफ हरियाणा और महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो रहा है उसी प्रकार झारखंड में भी एक चरण में चुनाव होना चाहिए. जिस प्रकार से बीजेपी 5 चरणों में चुनाव कराने की बात सोच रही है यह उनके भय और डर को बताता है. क्योंकि उन्हें पता है कि बीजेपी से जनता परेशान हो गई है इसलिए बीजेपी 5 चरणों में चुनाव कराकर सरकारी तंत्र का फायदा उठाना चाहती है.

ये भी पढ़ें- कार्यकर्ताओं की मेहनत का मिलेगा बेहतर परिणाम, जनता की अदालत में होगा फैसला: बाबूलाल मरांडी

जेडीयू और वाम दल ने भी किया विरोध
जेडीयू नेता श्रवन कुमार बताते हैं कि हरियाणा के 90 और महाराष्ट्र के 288 सीटों में जब एक चरण में चुनाव हो सकते हैं तो झारखंड के 81 सीटों पर भी एक चरण में ही चुनाव होना चाहिए. भाकपा माले के वरिष्ठ नेता और राजनीतिक जानकार जनार्दन प्रसाद बताते हैं कि एक तरफ बीजेपी एक चुनाव, एक देश की बात करती है वहीं राज्य में 5 फेज में चुनाव चाहने का क्या मतलब है. झारखंड में 5 चरणों में चुनाव कराने का क्या वजह है इससे स्पष्ट होता है कि सरकार में बैठी भारतीय जनता पार्टी चुनाव में अपने सरकारी तंत्रों और केंद्रीय स्तर के नेताओं का पांच फेजों में गलत तरीके से उपयोग कर चुनाव जीतने का काम करना चाहती है.

सीपी सिंह का बयान

चुनाव आयोग लेगा निर्णय-बीजेपी

वहीं इस मामले पर मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने कहा कि विपक्ष में रहनेवाले ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करते हैं. चुनाव कितने चरण में किया जाए इसका फैसला चुनाव आयोग को करना है.

Intro:विधानसभा चुनाव करीब आते ही राज्य में राजनीतिक पार्टियों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

कुछ इसी तरह झारखंड में भी चुनाव की तारीखों को लेकर सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाते नज़र आ रही है।

इसको लेकर राज्य के सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी जेएमएम के महासचिव बताते हैं कि राजस्थान मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में सरकार एक चरण में ही चुनाव करवा रही है वहीं झारखंड में पांच चरणों की मांग करना निश्चित रूप से उनके गलत मंशा को दर्शाता है।








Body:वहीं कांग्रेस के विधानसभा चुनाव प्रभारी आरपीएन सिंह बताते हैं कि एक तरफ हरियाणा और महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो रहा है उसी प्रकार झारखंड में भी एक चरण में चुनाव होनी चाहिए लेकिन जिस प्रकार से बीजेपी 5 चरणों में चुनाव कराने की बात सोच रही है यह उनके भय और डर को बताता है क्योंकि उन्हें पता है कि भाजपा से जनता परेशान हो गई है और इसीलिये बीजेपी 5 चरणों में चुनाव कराकर सरकारी तंत्रों का फायदा उठाना चाहते हैं।

जनता दल यूनाइटेड और वाम दल ने भी किया विरोध।

जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता सरवन कुमार बताते हैं कि हरियाणा के 90 और महाराष्ट्र के 288 सीटों में जब एक चरण में चुनाव हो सकते है तो झारखंड के 81 सीटों पर भी एक चरण में ही चुनाव होनी चाहिए।

भाकपा माले के वरिष्ठ नेता एवं राजनीतिक जानकार जनार्दन प्रसाद बताते हैं कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी एक चुनाव एक देश की बात करती है वहीं राज्य में 5 फेज में चुनाव चाहने का क्या मतलब है।उन्होंने कहा कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी कहती है की बार बार चुनाव होने से देश की जनता को परेशानी होती है तो फिर झारखंड में 5 चरणों में चुनाव कराने का क्या वजह है इससे स्पष्ट होता है कि सरकार में बैठी भारतीय जनता पार्टी चुनाव में अपने सरकारी तंत्रों और केंद्रीय स्तर के नेताओं का पांच फ़ेजो में गलत तरीकों से उपयोग कर चुनाव जीतने का काम करना चाहती है।






Conclusion:आपको बता दें कि पिछले दिनों भारत सरकार की ओर से आई इलेक्शन कमीशन टीम के साथ हुई बैठक में सभी पार्टियों ने चुनाव को लेकर अपनी अपनी राय रखी थी इस पर बीजेपी ने राज्य में 5 चरणों में चुनाव कराने की मांग की थी तो वही जेएमएम और कांग्रेस ने एक चरण में चुनाव कराने की मांग की है साथ ही अन्य विपक्षी दलों ने भी राज्य में एक चरण में ही चुनाव कराने की सहमति जताई है,अब ऐसे में यह देखना होगा कि चुनाव आयोग किसके पक्ष में आदेश सुनाती है या फिर राज्य के भौगोलिक स्थिति को देखते हुए कुछ और ही दिशा निर्देश देते हैं।

वहीं राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों की तरफ से बीजेपी के खिलाफ एकजुट गोलबंद होकर एक चरण में चुनाव कराने की मांग को देखते हुए यह स्पष्ट हो रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।

बाइट-सुप्रियो भटाचार्य, महासचिव,जेएमएम।
बाइट- आरपीएन सिंह, चुनाव प्रभारी,कांग्रेस।
बाइट- सरवन कुमार,नेता, जेडीयू।
बाइट-जनार्दन प्रसाद,वरिष्ठ नेता,भाकपा माले।
Last Updated : Oct 22, 2019, 1:48 PM IST
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