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झारखंड में डॉक्टरों की एक दिवसीय हड़ताल, बेपटरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था - Jharkhand news

राजस्थान के दौसा में डॉ अर्चना शर्मा की आत्महत्या से झारखंड के डॉक्टर भी आक्रोशित हैं और राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर झासा, IMA झारखंड और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट हॉस्पिटल ऑफ इंडिया झारखंड ने राज्य में एक दिन की हड़ताल की.

one day strike of doctors in jharkhand
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Published : Apr 2, 2022, 3:48 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 4:15 PM IST

रांची: राजस्थान के दौसा में इलाज के दौरान गर्भवती की मौत और उसके बाद रांची में पली बढ़ी डॉ अर्चना शर्मा पर 302 की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद डॉक्टर के दबाव में उसने आकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद से ही झारखंड के डॉक्टर आंदोलित है. झासा, आईएमए झारखंड और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट हॉस्पिटल ऑफ इंडिया झारखंड के आह्वान पर राज्य भर के सभी चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर हैं.

ये भी पढ़ें: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में डॉ.अर्चना शर्मा की मौत का विरोध, काला बिल्ला लगाकर डॉक्टरों ने किया काम

डॉक्टरों की एक दिवसीय हड़ताल का असर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ है. इमरजेंसी सेवा छोड़ कर सभी सेवाओं के बाधित होने की वजह से अस्पताल पहुंचने वाले लोग बिना इलाज कराएं बैरंग लौटने को मजबूर हैं. डॉक्टरों के एक दिवसीय कार्य बहिष्कार की वजह से रिम्स, सदर अस्पताल, सभी CHC, निजी अस्पताल और क्लिनिक में डॉक्टरों मरीजों को नहीं देख रहे हैं. डॉक्टरों की मांग है कि राज्य में जल्द से जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.

देखें वीडियो
झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन झासा के प्रदेश सचिव विमलेश सिंह ने कहा कि डॉ अर्चना शर्मा की मौत से राज्य भर के डॉक्टर दुखी और आक्रोशित हैं, क्योंकि वह न सिर्फ रांची की बेटी थीं बल्कि उसने रांची रिम्स से ही मेडिकल की पढ़ाई की थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर पर 302 की धारा लगाना बंद हो और डॉ अर्चना शर्मा मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो. डॉ विमलेश सिंह ने कहा कि झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू किया जाए नहीं तो यहां भी निकट भविष्य में डॉ अर्चना शर्मा जैसा कांड हो सकता है.

रांची: राजस्थान के दौसा में इलाज के दौरान गर्भवती की मौत और उसके बाद रांची में पली बढ़ी डॉ अर्चना शर्मा पर 302 की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद डॉक्टर के दबाव में उसने आकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद से ही झारखंड के डॉक्टर आंदोलित है. झासा, आईएमए झारखंड और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट हॉस्पिटल ऑफ इंडिया झारखंड के आह्वान पर राज्य भर के सभी चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर हैं.

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डॉक्टरों की एक दिवसीय हड़ताल का असर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ है. इमरजेंसी सेवा छोड़ कर सभी सेवाओं के बाधित होने की वजह से अस्पताल पहुंचने वाले लोग बिना इलाज कराएं बैरंग लौटने को मजबूर हैं. डॉक्टरों के एक दिवसीय कार्य बहिष्कार की वजह से रिम्स, सदर अस्पताल, सभी CHC, निजी अस्पताल और क्लिनिक में डॉक्टरों मरीजों को नहीं देख रहे हैं. डॉक्टरों की मांग है कि राज्य में जल्द से जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.

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झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन झासा के प्रदेश सचिव विमलेश सिंह ने कहा कि डॉ अर्चना शर्मा की मौत से राज्य भर के डॉक्टर दुखी और आक्रोशित हैं, क्योंकि वह न सिर्फ रांची की बेटी थीं बल्कि उसने रांची रिम्स से ही मेडिकल की पढ़ाई की थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर पर 302 की धारा लगाना बंद हो और डॉ अर्चना शर्मा मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो. डॉ विमलेश सिंह ने कहा कि झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू किया जाए नहीं तो यहां भी निकट भविष्य में डॉ अर्चना शर्मा जैसा कांड हो सकता है.
Last Updated : Apr 2, 2022, 4:15 PM IST
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