रांचीः सरना आदिवासी धर्म कोड की उठी मांग अब लगातार बढ़ती जा रही है. आज इस क्रम में केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी सेंगेल अभियान और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के तत्वाधान में राजभवन के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया, जहां इन संगठन के लोगों ने केंद्र सरकार को सरना आदिवासी धर्म कोड के प्रस्ताव को पास करने को लेकर 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. इस अवधि में मांग पूरी नहीं की जाती है तो आगामी 31 जनवरी को रेल, रोड चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई है.
अपनी धार्मिक पहचान की मांग को लेकर आदिवासी समाज के लोग कई दशकों से संघर्ष करते रहे हैं, जो इन दिनों सड़कों पर भी देखने को मिल रही है. अपने संघर्ष के बल पर राज्य सरकार से सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव पास करा लिया, अभी इनकी लड़ाई कोसों दूर है. राज्य सरकार ने जैसे ही आदिवासी समाज की मांग पर पहल की इनकी लड़ाई केंद्र सरकार से हो गई है.
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अपनी मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आदिवासी धार्मिक सामाजिक संगठन के लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. आदिवासी बहुल राज्यों के आदिवासियों को संगठित कर आंदोलन की रूपरेखा तय की जा रही है.
आंदोलन कर रहे इन संगठनों की मानें तो जिस तरह से विधानसभा के विशेष सत्र से यह प्रस्ताव पास कराने में तमाम राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है. यह मामला केंद्र सरकार के पाले में है तो सभी राजनीतिक दल मौन धारण किए हुए हैं. जबकि आदिवासी समाज के लोग हर हाल में चाहते हैं कि 2021 के जनगणना प्रपत्र में इनके अपने धार्मिक पहचान का कोड अंकित किया जाए.