रांचीः किसानों को बेहतर तकनीक और कृषि अभियंत्रण से रूबरू कराने के उद्देश्य से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अभियंत्रण विभाग की ओर से एक दिवसीय कृषि मेला 'तकनीकी और मशीनरी प्रशिक्षण' का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. इस मौके पर कृषि विश्वविद्यालय के एक्सटेंशन डायरेक्टर आर एस कुरील, कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर और इंजीनियर मौजूद रहे.
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बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एक्सटेंशन डायरेक्टर आर एस कुरील ने कहा कि झारखंड के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है कि यहां पर किसान छोटे जोत वाले हैं, जिसके कारण बड़े-बड़े कृषि यंत्र का उपयोग खेतों में नहीं किया जाता है. उन्होंने बताया कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रयास कर रही है कि इन छोटे-छोटे जोत वाले किसानों को एक जगह इकट्ठा कर कलेक्टिविटी खेती पर जोर दिया जाए ताकि एक बड़ा जोत हो जिसके जरिए आधुनिक तकनीकों से बने कृषि उपकरण का प्रयोग कर खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सके.
वहीं, स्वंय सहायता समूह की महिला ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय के जरिए उन जैसे किसानों को काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग लेकर उनके समूह ने मशीन खरीदा जिसके जरिए धीरे-धीरे मुनाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कृषि विश्वविद्यालय में ली गई ट्रेनिंग से उनको रोजगार प्राप्त हुआ है.
कृषि अभियंत्रण विभाग के विभागाध्यक्ष दिनेश कुमार रूसिया ने बताया कि इस एक दिवसीय किसान मेले के जरिए किसानों को बेहतर कृषि संयंत्र तकनीकों से जोड़ने का प्रयास किया गया. जिससे कि कम इंधन और कम ऊर्जा का उपयोग कर खेतों में अच्छी उपज और सिंचाई की जा सके. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग में प्लास्टिक का उपयोग कर किस तरीके से खेती की जाए उसके बारे में भी जानकारी दी गई है.
इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के अंतर्गत विभाग में चल रही परियोजनाओं के तहत किसानों को उपयोग में लाए जाने वाले सभी प्रकार की कृषि उपकरण और मशीनों का प्रशिक्षण, रखरखाव, कृषि में प्लास्टिक का उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई, नवीकरण ऊर्जा कटाई उपरांत तकनीकी साथ ही किसानों के पूछे गए सवालों का जवाब इस संगोष्ठी के माध्यम से दिया गया. इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि क्षेत्र का भी किसानों को भ्रमण कराया गया.