रांची: झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है. भाकपा माओवादियों के शीर्ष पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रशांत बोस (Prashant Bose) उर्फ किशन दा, उनकी पत्नी शीला मरांडी समेत चार माओवादियों को झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है. प्रशांत बोस उसकी पत्नी और उसके दो बॉडीगार्ड्स को सरायकेला पुलिस ने एक स्कॉर्पियो से गिरिडीह से सरायकेला जाते समय गिरफ्तार किया है. प्रशांत बोस झारखंड-बिहार (Jharkhand-Bihar) में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर है.
ये भी पढ़ें- प्रशांत-मिसिर का सुरक्षित ठिकानों में से एक है पारसनाथ, इसी इलाके से तैयार किया मजबूत कैडर
सबसे बुजुर्ग सदस्य
70 से ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल प्रशांत माओवादियों का सबसे बुजुर्ग नेता है. प्रशांत बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव भी हैं. वहीं प्रशांत बोस की पत्नी शीला मरांडी भी माओवादियों की शीर्ष सेंट्रल कमेटी की सदस्य है. वह माओवादियों के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन नारी मुक्ति संघ की प्रमुख भी है. शीला झारखंड के गिरिडीह की रहने वाली है. संगठन में उसका भी बहुत ज्यादा प्रभाव है. वहीं प्रशांत बोस मूलत: पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के यादवपुर का रहने वाला है.
आईबी की सूचना पर हुई गिरफ्तारी
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने प्रशांत बोस समेत अन्य के गिरिडीह के पारसनाथ से सरायकेला लौटने की जानकारी दी थी. जिसके बाद सभी चेकनकों पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीम प्रशांत और उसकी टीम की खोजबीन में लग गई. इसी दौरान सरायकेला पुलिस ने एक उजले रंग के स्कॉर्पियो गाड़ी से प्रशांत बोस, शीला मरांडी, प्रशांत बोस के प्राटेक्शन दस्ता के एक सदस्य के साथ कुरियर का काम करने वाले एक युवक को मुंडरी टोलनाका के पास से गिरफ्तार किया.
कोलकाता जाकर करवाता था इलाज
पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि प्रशांत बोस की तबीयत बीते कई सालों से खराब थी. बावजूद इसके वह लगातार संगठन में सक्रिय था. जानकारी के मुताबिक, कोल्हान से पारसनाथ जाकर वह रह रहा था. पारसनाथ से ही वह प्रोटेक्शन दस्ता के सदस्यों के द्वारा एनएच-2 तक लाया जाता था. इसके बाद कुरियर के द्वारा ही प्रशांत बोस को कोलकाता ले जाया जाता था. हाल ही में प्रशांत बोस कोलकाता से लौटा था.
एमसीसीआई का प्रमुख था प्रशांत बोस
प्रशांत बोस के पास ईआरबी के सचिव के तौर पर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के झारखंड के सीमावर्ती इलाके, असम समेत पूर्वोतर के राज्यों का प्रभार था. साल 2004 में एमसीसीआई व पीडब्लूजी के विलय के पूर्व वह एमसीसीआई का प्रमुख था. विलय के बाद भाकपा माओवादी संगठन में कोटेश्वर राव को प्रमुख बनाया गया था, जबकि बतौर ईआरबी सचिव तब से प्रशांत बोस संगठन में सेकंड इन कमान था. झारखंड में पारसनाथ, सारंडा, ओडिशा और बंगाल के सीमावर्ती इलाके में प्रशांत बोस ने ही संगठन को खड़ा किया था.
गुप्त स्थान पर हो रही है पूछताछ
प्रशांत और उसकी पत्नी तो कड़ी सुरक्षा के बीच रांची लाया गया है. दोनों से झारखंड पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी गुप्त ठिकाने पर पूछताछ कर रहे हैं.
90 वर्ष से ज्यादा है उम्र
प्रशांत बोस और उसकी पत्नी के गिरफ्तारी के बाद एक वीडियो भी सामने आया है. दोनों को एक वाहन के बीच वाले सीट पर बैठाया गया है देखने में प्रशांत बोस की उम्र 90 साल के करीब लग रही है. नक्सलवाद के स्थापना काल से ही प्रशांत बोस ने बेहद एक्टिव भूमिका निभाई है.