रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से घोषित प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिये जाने पर कहा है कि पार्टी इस संबंध में निर्णय लेगी. झारखंड मंत्रालय में मीडियाकर्मियों से पूछे गये सवाल का जवाब देने में पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बचते दिखे. मगर जब मीडियाकर्मियों ने बार-बार उनसे जाना चाहा तो वे कुछ देर के लिए चुप हो गये और इस संबंध में पार्टी द्वारा निर्णय लेने की बात कहते हुए आगे निकल गये.
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ओडिशा की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं. साल 2015 में उन्होंने झारखंड के नौवीं और प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण किया. एनडीए की ओर से वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. झारखंड में रहते हुए उनका हेमंत सोरेन के साथ अच्छा अनुभव रहा है. इसलिए कई लोग ये भी कयास लगा रहे हैं हेमंत सोरेन उनका समर्थन कर सकते हैं.
20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं. राजनीति में आने के पहले वह श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी है. वह ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था.