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CNT मामले में सोरेन परिवार को नोटिस, जेएमएम का आरोप चुनाव को लेकर बनाया जा रहा परसेप्शन

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Published : Oct 28, 2019, 1:22 PM IST

झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष शिबू सोरेन समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों को सीएनटी मामले में नोटिस मिले हैं. इस मामले को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के पहले इस तरह की प्रक्रिया पार्टी को डैमेज करने के मकसद से की जा रही है.

सोरेन परिवार को नोटिस

रांची: प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों के कथित तौर पर छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम उल्लंघन मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के पहले इस तरह की प्रक्रिया पार्टी को डैमेज करने के मकसद से की जा रही है. वहीं, बीजेपी ने कहा कि सोरेन परिवार के सदस्यों को सीएनटी एक्ट के उल्लंघन मामले में राज्य से माफी मांगनी चाहिए.

देखिए स्पेशल खबर

दरअसल, पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने जमशेदपुर, धनबाद और रांची जिला प्रशासन को इस बारे में मिल रही शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. जिसके बाद संबंधित जिला प्रशासन ने सोरेन परिवार के सदस्यों और कथित तौर पर जमीन विक्रेताओं को नोटिस जारी कर उनसे जानकारी मांगी है. प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी लंबे समय से शिबू सोरेन और उनके बेटे झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के खिलाफ सीएनटी और एसपीटी एक्ट के उल्लंघन को लेकर हमलावर रही है.

बीजेपी का आरोप है कि सोरेन परिवार के नाम से राज्य के अलग-अलग जिलों में अचल संपत्तियां ली गई हैं. पिछले दिनों राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने इस बारे में मुख्य सचिव से मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई थी. उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि आवासीय पता बदलकर सोरेन परिवार के सदस्य राज्य के अलग-अलग जिलों में जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल हैं.

जेएमएम ने लगाया आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि राज्य सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग कर नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन सवाल यह है कि उसकी कानूनी वैधता कितनी है. उन्होंने कहा कि जिन मामलों का जिक्र किया जा रहा है अगर उनमें कोई उल्लंघन की बात होती तो पिछले 5 साल में सरकार चुप नहीं बैठती. उन्होंने कहा कि दरअसल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए इन सब मुद्दों को उछाल कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के ऐसे नेता जो दूसरे जिलों के हैं और रांची में रह रहे हैं. उनसे सवाल किया जाना चाहिए कि उन्होंने इस एक्ट का उल्लंघन किया है या नहीं. पांडे ने कहा कि हैरत की बात यह है कि राज्य सरकार ने देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. उस कमेटी ने महीनों पहले आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण मामले में अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: J-K : पीएम मोदी ने सेना संग मनायी दिवाली, जवानों को किया संबोधित

बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि एक तरफ तो झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद कहता है कि उनके खिलाफ अगर मामले हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ अब जब कार्रवाई हो रही है तब इस तरह की टिप्पणियां बीजेपी को लेकर की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को तो प्रायश्चित करना चाहिए. इसके साथ ही खुलकर सरकार के काम में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे सोरेन परिवार ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है और यह बात उन्हें स्वीकार करनी चाहिए.

रांची: प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों के कथित तौर पर छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम उल्लंघन मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के पहले इस तरह की प्रक्रिया पार्टी को डैमेज करने के मकसद से की जा रही है. वहीं, बीजेपी ने कहा कि सोरेन परिवार के सदस्यों को सीएनटी एक्ट के उल्लंघन मामले में राज्य से माफी मांगनी चाहिए.

देखिए स्पेशल खबर

दरअसल, पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने जमशेदपुर, धनबाद और रांची जिला प्रशासन को इस बारे में मिल रही शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. जिसके बाद संबंधित जिला प्रशासन ने सोरेन परिवार के सदस्यों और कथित तौर पर जमीन विक्रेताओं को नोटिस जारी कर उनसे जानकारी मांगी है. प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी लंबे समय से शिबू सोरेन और उनके बेटे झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के खिलाफ सीएनटी और एसपीटी एक्ट के उल्लंघन को लेकर हमलावर रही है.

बीजेपी का आरोप है कि सोरेन परिवार के नाम से राज्य के अलग-अलग जिलों में अचल संपत्तियां ली गई हैं. पिछले दिनों राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने इस बारे में मुख्य सचिव से मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई थी. उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि आवासीय पता बदलकर सोरेन परिवार के सदस्य राज्य के अलग-अलग जिलों में जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल हैं.

जेएमएम ने लगाया आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि राज्य सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग कर नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन सवाल यह है कि उसकी कानूनी वैधता कितनी है. उन्होंने कहा कि जिन मामलों का जिक्र किया जा रहा है अगर उनमें कोई उल्लंघन की बात होती तो पिछले 5 साल में सरकार चुप नहीं बैठती. उन्होंने कहा कि दरअसल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए इन सब मुद्दों को उछाल कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के ऐसे नेता जो दूसरे जिलों के हैं और रांची में रह रहे हैं. उनसे सवाल किया जाना चाहिए कि उन्होंने इस एक्ट का उल्लंघन किया है या नहीं. पांडे ने कहा कि हैरत की बात यह है कि राज्य सरकार ने देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. उस कमेटी ने महीनों पहले आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण मामले में अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि एक तरफ तो झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद कहता है कि उनके खिलाफ अगर मामले हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ अब जब कार्रवाई हो रही है तब इस तरह की टिप्पणियां बीजेपी को लेकर की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को तो प्रायश्चित करना चाहिए. इसके साथ ही खुलकर सरकार के काम में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे सोरेन परिवार ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है और यह बात उन्हें स्वीकार करनी चाहिए.

Intro:बाइट 1 मनोज पांडे केंद्रीय प्रवक्ता झामुमो
बाइट 2 दीनदयाल बरनवाल प्रदेश प्रवक्ता बीजेपी

रांची। प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा कथित तौर पर छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम उल्लंघन मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के पहले इस तरह की प्रक्रिया पार्टी को डैमेज करने का मकसद से की जा रही है। वहीं बीजेपी ने कहा कि सोरेन के परिवार के सदस्यों को सीएनटी एक्ट के उल्लंघन मामले में राज्य से माफी मांगनी चाहिये। दरअसल पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने जमशेदपुर, धनबाद और रांची जिला प्रशासन को इस बाबत मिल रही शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिसके बाद संबंधित जिला प्रशासन ने सोरेन परिवार के सदस्यों और कथित तौर पर जमीन विक्रेताओं को नोटिस जारी कर उनसे जानकारी मांगी है। दरअसल प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी लंबे समय से शिव शिबू सोरेन और उनके बेटे और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के खिलाफ सीएनटी और एसपीटी एक्ट के उल्लंघन को लेकर हमलावर रही है। बीजेपी का आरोप है कि सोरेन परिवार के नाम से राज्य के अलग-अलग जिलों में अचल संपत्तियां ली गई हैं। पिछले दिनों राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने इस बाबत मुख्य सचिव से मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई थी। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि आवासीय पता बदलकर सोरेन परिवार के सदस्य राज्य के अलग-अलग जिलों में जमीन की खरीद बिक्री में शामिल है।


Body:झामुमो ने लगाया आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि राज्य सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग कर नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन सवाल यह है कि उसके कानूनी वैधता कितनी है। उन्होंने कहा कि जिन मामलों का जिक्र किया जा रहा है अगर उनमें कोई उल्लंघन की बात होती तो पिछले 5 साल में सरकार चुप नहीं बैठती। उन्होंने कहा कि दरअसल राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए इन सब मुद्दों को उछाल कर एक प्रशिक्षण बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के ऐसे नेता जो दूसरे जिलों के हैं और रांची में रह रहे है। उनसे सवाल किया जाना चाहिए कि उन्होंने इस एक्ट का उल्लंघन किया है या नहीं। पांडे ने कहा कि हैरत की बात यह है कि राज्य सरकार ने देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। उस कमेटी ने महीनों पहले आदिवासियों जमीन के अवैध हस्तांतरण मामले में अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।


Conclusion:बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि एक तरफ तो झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद कहता है कि उनके खिलाफ अगर मामले हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ अब जब कार्यवाही हो रही है तब इस तरह की टिप्पणियां बीजेपी को लेकर की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को तो प्रायश्चित करना चाहिए। साथ ही खुलकर सरकार के काम में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे सोरेन परिवार ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है और यह बात उन्हें स्वीकार चाहिए।
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