रांची:राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों के इलाज के लिये हर सुविधा मुहैया कराने की बात कही जाती है. रिम्स प्रबंधन अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास भी कर रहा है. जिसका असर देखने को मिल भी रहा है. रिम्स में मरीजों को सुविधा तो मिल रही है, लेकिन मरीज के साथ आने वाले परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल 14 जून से ही रिम्स के न्यू ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी को शिफ्ट कर दिया गया है. न्यू ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी शिफ्ट होने के बाद गंभीर मरीजों को तो इसका लाभ मिल रहा है लेकिन मरीज के परिजनों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो हमने देखा कि मरीज के परिजन काफी परेशान हैं. उनके लिए मूलभूत सुविधा भी न्यू ट्रॉमा सेंटर परिसर में नहीं की गई है. हजारीबाग से आए एक मरीज ने बताया कि पिछले 3 दिनों से वह अपने मरीज का इलाज कराने के लिए रिम्स आए हुए हैं. मरीज के इलाज में तो लापरवाही हो ही रही है लेकिन जिस तरह से यहां पर व्यवस्था है इससे तो यही लग रहा है कि यदि कुछ दिनों तक वह अस्पताल में रुकते हैं तो वह भी कहीं मरीज ना बन जाए.
वहीं गिरिडीह से आए शफीक आलम बताते हैं कि बारिश के मौसम में न्यू ट्रॉमा सेंटर के बाहर ना तो कहीं शेड बनाया गया है और ना ही बैठने का कोई साधन है. जिस वजह से वह पेड़ के नीचे बैठने को मजबूर हैं. बारिश के मौसम में परिजन भीग जाते हैं और उन्हें सर्दी खांसी बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. रामगढ़ से आए मरीज के परिजन ने बताया कि न्यू ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी को लगता है आनन-फानन में से शिफ्ट कर दिया गया है, इसीलिए यहां पर परिजनों के बैठने की व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि शौचालय और पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी यहां पर नहीं है. वहीं कई परिजनों ने बताया कि न्यू ट्रॉमा सेंटर में वाहन लगाने के लिए पार्किंग की सुविधा तक नहीं है. जिस वजह से आए दिन ट्रॉमा सेंटर में तैनात सिक्योरिटी गार्डों से झड़प होती रहती है.
परिजनों की परेशानी को सुन कर हमने जब रिम्स के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. एस त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि परिजनों की परेशानी के प्रति हम गंभीर हैं. वर्तमान में पार्किंग के लिए कंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा है और जल्द से जल्द शौचालय और शेल्टर शेड बनाने का भी काम शुरू कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि रिम्स अस्पताल में राज्य के सभी जिलों से मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं और उनके साथ परिजन भी आते हैं. लेकिन परिजनों के लिए न्यू ट्रॉमा सेंटर में मुकम्मल सुविधा नहीं होने की वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मरीज का इलाज कराने पहुंचे परिजन भी सुविधा के अभाव में मरीज ना बन जाए.