रांची: भारतीय जनता पार्टी लगातार अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों की उपलब्धियों को गिनाते हुए वर्तमान गठबंधन की सरकार की नाकामियों को सामने रखने का काम कर रही है. इसके तहत वर्तमान सरकार के 1 साल के कार्यकाल से तुलना की जा रही है. ऐसे में भाजपा स्टेट हेड क्वार्टर में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की उपलब्धियों को जाहिर करते हुए वर्तमान सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने हेमंत सोरेन के नेतृत्ववाली गठबंधन सरकार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में फेल्योर करार दिया है.
भाजपा शासनकाल में हुए अच्छे कार्य
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने वर्ष 2014 से 2019 तक के स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की उपलब्धियों को साझा किया. उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर कम करने, सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में उपस्थिति को बढ़ाने, सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में उपस्थिति को बढ़ाने, सरकारी अस्पतालों में बेडो की संख्या बढाने समेत कई कार्य भाजपा सरकार के शासनकाल में किए गए थे. उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना, शिशु स्वास्थ्य, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, कुपोषण उपचार केंद्र की संख्या में बढ़ोतरी, कुष्ठ उन्मूलन, आधारभूत संरचना के विकास, मानव संसाधन विकास, 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस सर्विसेज, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में बेहतर कार्य किए गए, लेकिन वर्तमान सरकार में किसी भी तरह की योजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है.
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हेमंत सरकार में नहीं हुई प्रगति
उन्होंने कहा कि 2020-21 में राज्य सरकार के ध्यान नहीं देने से नेशनल मेडिकल काउंसिल के निर्देश का पालन नहीं करने की वजह से दुमका, हजारीबाग और पलामू में स्थापित नए मेडिकल कॉलेजों में इस सत्र का नामांकन नहीं हुआ, जबकि अगर सरकार वहां प्रोफेसर की नियुक्ति कर देती तो वहां छात्रों का नामांकन हो सकता था. इससे राज्य को भारी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोरोना को लेकर जो राशि उपलब्ध कराई गई उसे भी सरकार ने व्यय नहीं किया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में विकास का कार्य जो हुआ था उसे वही तक छोड़ दिया गया, जिससे 1 साल में विभाग की कोई प्रगति नहीं हो पाई. रिनपास के प्रभारी डायरेक्टर की जगह परमानेंट डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू लिया गया था, लेकिन अब तक उसका परिणाम सामने नहीं लाया गया. रिनपास के द्वारा कोरोना काल में दवा वितरण करना चाहिए था, लेकिन यह नहीं किया गया.