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सीएम के ऊपर हमलावर बीजेपी सांसद के डिग्री मामले में पार्टी ने किया बचाव, लेकिन उनके आरोपों पर हुई खामोश - Godda MP Nishikant Dubey

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को उनके ही दल का पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है. बीजेपी के प्रदेश इकाई में नवनियुक्त प्रवक्ता सरोज सिंह ने बीजेपी सांसद की डिग्री से हुए विवाद पर बचाव किया है, लेकिन सांसद द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोपों पर खामोश हो गए हैं.

Nishikant Dubey is not getting support from his own team
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे
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Published : Jul 30, 2020, 3:47 PM IST

रांचीः प्रदेश में महागठबंधन वाली सरकार के मुखिया और राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कथित तौर पर मोर्चा खोलने वाले गोड्डा संसदीय इलाके से बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे को उनकी ही दल का पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है. हालांकि सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर निशिकांत दुबे राज्य के मुखिया पर हमलावर हुए हैं, लेकिन इस दौरान उनके किए हुए ट्वीट और फेसबुक पोस्ट को न तो झारखंड में बीजेपी के किसी प्रदेश पदाधिकारी ने रीट्वीट किया और न ही शेयर किया है. हालांकि हफ्ते भर पहले सीधे तौर पर शुरू हुई आमने-सामने की लड़ाई अब बीजेपी थोड़ी मुखर होती नजर आ रही है. बीजेपी के प्रदेश इकाई में नवनियुक्त प्रवक्ता सरोज सिंह ने बीजेपी सांसद की डिग्री से हुए विवाद पर बचाव किया है, लेकिन सांसद द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोपों पर खामोश हो गए हैं.

Nishikant Dubey is not getting support from his own team
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ट्वीट

किस बात पर शुरू हुआ विवाद

दरअसल, बीजेपी सांसद में सबसे पहले कोलकाता में बन रही बहुमंजिला इमारत में कथित तौर पर जेएमएम के कुछ बड़े नेताओं के निवेश को लेकर आरोप लगाया था. जिसका पलटवार करते हुए झामुमो ने सांसद की मैनेजमेंट डिग्री पर सवाल खड़े किए. यहां तक की झामुमो ने मुखर होते हुए साफ तौर पर कहा कि सांसद की एमबीए की डिग्री फर्जी है. इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच बीजेपी सांसद ने सनसनीखेज के तौर पर 2013 में महाराष्ट्र में दर्ज एक मामले को लेकर टिप्पणी की. यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर कथित तौर पर लगाए गए महिला के आरोपों से जुड़ा हुआ था.

Nishikant Dubey is not getting support from his own team
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ट्वीट

ये भी पढ़ें- संजय पासवान के निशाने पर बीजेपी, सरकार भ्रष्टाचार से नहीं करेगी समझौता, दोषियों पर होगी कार्रवाई


दुबे का ट्वीट पर दावा, संगीन है मामला

दुबे ने अपने ट्वीट में उस मामले की धाराओं का उल्लेख करते हुए साफ तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री के ऊपर इस तरह की धाराओं के तहत दर्ज मामले संगीन हैं और इनकी जांच होनी चाहिए. इस बाबत दुबे ने बकायदा महाराष्ट्र के गृहमंत्री से केस को रीओपन करने और उसकी निष्पक्ष जांच की भी बात कही थी. दुबे की इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलटवार करते हुए उन्हें 48 घंटे में कानूनी रूप से इसका जवाब देने की बात कही.

गुरुवार को अवधि होगी समाप्त

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर अकाउंट से सांसद को लीगल रूप से जवाब देने का दावा किया था. 28 जुलाई की रात यह ट्वीट किया जिसके हिसाब से 30 जुलाई को यह समय अवधि समाप्त हो जाएगी.

रांचीः प्रदेश में महागठबंधन वाली सरकार के मुखिया और राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कथित तौर पर मोर्चा खोलने वाले गोड्डा संसदीय इलाके से बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे को उनकी ही दल का पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है. हालांकि सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर निशिकांत दुबे राज्य के मुखिया पर हमलावर हुए हैं, लेकिन इस दौरान उनके किए हुए ट्वीट और फेसबुक पोस्ट को न तो झारखंड में बीजेपी के किसी प्रदेश पदाधिकारी ने रीट्वीट किया और न ही शेयर किया है. हालांकि हफ्ते भर पहले सीधे तौर पर शुरू हुई आमने-सामने की लड़ाई अब बीजेपी थोड़ी मुखर होती नजर आ रही है. बीजेपी के प्रदेश इकाई में नवनियुक्त प्रवक्ता सरोज सिंह ने बीजेपी सांसद की डिग्री से हुए विवाद पर बचाव किया है, लेकिन सांसद द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोपों पर खामोश हो गए हैं.

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गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ट्वीट

किस बात पर शुरू हुआ विवाद

दरअसल, बीजेपी सांसद में सबसे पहले कोलकाता में बन रही बहुमंजिला इमारत में कथित तौर पर जेएमएम के कुछ बड़े नेताओं के निवेश को लेकर आरोप लगाया था. जिसका पलटवार करते हुए झामुमो ने सांसद की मैनेजमेंट डिग्री पर सवाल खड़े किए. यहां तक की झामुमो ने मुखर होते हुए साफ तौर पर कहा कि सांसद की एमबीए की डिग्री फर्जी है. इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच बीजेपी सांसद ने सनसनीखेज के तौर पर 2013 में महाराष्ट्र में दर्ज एक मामले को लेकर टिप्पणी की. यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर कथित तौर पर लगाए गए महिला के आरोपों से जुड़ा हुआ था.

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दुबे का ट्वीट पर दावा, संगीन है मामला

दुबे ने अपने ट्वीट में उस मामले की धाराओं का उल्लेख करते हुए साफ तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री के ऊपर इस तरह की धाराओं के तहत दर्ज मामले संगीन हैं और इनकी जांच होनी चाहिए. इस बाबत दुबे ने बकायदा महाराष्ट्र के गृहमंत्री से केस को रीओपन करने और उसकी निष्पक्ष जांच की भी बात कही थी. दुबे की इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलटवार करते हुए उन्हें 48 घंटे में कानूनी रूप से इसका जवाब देने की बात कही.

गुरुवार को अवधि होगी समाप्त

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर अकाउंट से सांसद को लीगल रूप से जवाब देने का दावा किया था. 28 जुलाई की रात यह ट्वीट किया जिसके हिसाब से 30 जुलाई को यह समय अवधि समाप्त हो जाएगी.

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