रांची: झारखंड के शीर्ष भाकपा माओवादियों के पैसों के निवेश के संबंध में एनआईए को अहम जानकारियां मिल रही हैं. एनआईए ने रविवार को रिमांड के पहले दिन भाकपा माओवादियों के निवेशक मनोज चौधरी से पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक, मनोज चौधरी ने माओवादियों की जमीन में निवेश की जानकारी दी है. मनोज चौधरी के पास से मिले निवेश संबंधी कागजातों की जांच भी एनआईए कर रही है.
किन माओवादियों पर कसेगा एनआईए का शिकंजा
पैसों के निवेश के मामले में झारखंड पुलिस के कई वांटेड नक्सलियों पर एनआईए का शिकंजा कसेगा. एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रयाग मांझी, पतिराम मांझी उर्फ तूफान उर्फ अनल दा, स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य और 25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर, चंचल उर्फ बीरसेन, जोनल कमेटी सदस्य और 10 लाख का इनामी रामदयाल महतो, कृष्णा दा, सिंगराई सोरेन, शनिचर हेंब्रम की संपत्तियों के निवेश के बारे में मनोज चौधरी ने जानकारी दी है.
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5 दिन का रिमांड
बता दें कि कि शुक्रवार को एनआईए ने कोलकाता से मनोज चौधरी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे रांची लाया गया था. एनआईए ने विशेष अदालत से सात दिनों का रिमांड मांगा था, लेकिन एनआईए को पांच दिनों के रिमांड की मंजूरी अदालत से मिली थी.
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पुलिस के लिए भी चुनौती रहे हैं ये माओवादी
राज्य पुलिस के लिए भी पतिराम मांझी, प्रयाग मांझी बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं. एक करोड़ के इनामी माओवादियों की कई मामलों में पुलिस को तलाश है. बीते साल संगठन में पतिराम मांझी को प्रमोशन देकर सारंडा इलाके में संगठन की खोई जमीन तलाशने की जिम्मेदारी दी गई थी. तब से कोल्हान में पुलिस बलों पर हमले बढ़े हैं. सरायकेला के कुचाई, चाईबासा के कई नक्सल गतिविधियों में हाल के दिनों में पतिराम मांझी की संलिप्तता सामने आई है. गिरिडीह के पीरटांड़ का रहने वाला पतिराम अब सारंडा इलाके में ही कैंप कर रहा है.