रांची: झारखंड के लातेहार में कोयला तस्करी में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता मामले की जांच अब नए अनुसंधान पदाधिकारी द्वारा की जाएगी. पूर्व के अनुसंधान पदाधिकारी के रेमडेसिविर मामले में व्यस्त रहने की वजह से कोयला तस्करी मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी के डीएसपी फ्रांसिस जेवियर तिर्की को दिया गया है.
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क्या है मामला
लातेहार जिले में कोयला तस्करी में डीएसपी इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसकर्मियों के नाम सामने आए थे. जिसके बाद मामले की जांच सीआईडी द्वारा कराई जा रही थी. सीआईडी के डीएसपी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे. अब सीआईडी के इंस्पेक्टर फ्रांसिस जेवियर तिर्की पूरे मामले की जांच करेंगे. लातेहार के तत्कालीन डीएसपी रणवीर सिंह, थानेदार राजेश मंडल की भूमिका शुरुआती जांच में आने के बाद लातेहार के तत्कालीन एसपी प्रशांत आनंद ने सीआईडी जांच की गुजारिश की थी. जिसके बाद पूरे मामले की जांच सीआईडी कर रही है.
लातेहार पुलिस की एसआईटी ने पकड़ी थी गड़बड़ी
साल 2020 के जून महीने में लातेहार एसपी प्रशांत आनंद ने कोयला तस्करी में पुलिसकर्मियों की भूमिका के सबूत पाए थे. इसके बाद उन्होंने स्वयं एसआईटी गठित करवाकर मामले की जांच करवाई थी. एसआईटी ने पाया था कि कोयला माफिया आरोपी मिथुन साव, चेतलाल रामदास, पवन कुमार के संबंध पुलिसकर्मियों व सीसीएल के अधिकारियों के साथ थे. पुलिसकर्मियों के जब्त मोबाइल से भी एसआईटी और सीआईडी को कई अहम सुराग मिले थे.
जांच में यह भी पता चला था कि कोयला तस्कर सीआईएसएस और सीसीएल के चेक पोस्ट पर भी सुरक्षाकर्मियों को पैसे देकर निकल जाते थे. संगठित तौर पर कोयले की तस्करी के लिए फर्जी पेपर तैयार किया जाता था. इसके बाद अवैध कोयले की खेप प. बंगाल, बिहार, यूपी, जमशेदपुर व आदित्यपुर के इलाके में भेजी जाती थी. अवैध कोयला पकड़ा न जाए इसके लिए लोडिंग, कांटा, जीएसटी, परिवहन संबंधी फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे.