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पीएचडी में एडमिशन के लिए यूजीसी का विश्वविद्यालयों को निर्देश, नामांकन के लिए नेट जेआरएफ क्वालिफाई करना जरूरी

रांची विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए इस बार एंट्रेस एग्जाम पर संस्पेंस बना हुआ है. यूजीसी के नेट जेआरएफ के तहत पीएचडी में नामांकन के निर्देश के बाद विद्यार्थियों ने कहा कि आरयू की लेट सेशन को कंप्लीट करने के बाद यूजीसी की गाइडलाइन के तहत पीएचडी में नामांकन लिया जाए तो छात्रों के लिए बेहतर होगा.

ranchi university
रांची विश्वविद्यालय
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Published : Jun 4, 2022, 2:26 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 2:51 PM IST

रांची: पीएचडी में नामांकन के लिए रांची विश्वविद्यालय में इस बार एंट्रेंस एग्जाम होगी कि नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है. क्योंकि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि नेट-जेआरएफ के तहत पीएचडी में नामांकन होगा. जबकि आरयू का एक सेशन का पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट अब तक आयोजित नहीं हो सका है. आरयू प्रबंधन की माने तो एंट्रेंस टेस्ट के लिए यूजीसी से अनुमति मांगी जाएगी. जो दिशा निर्देश मिलेगा उसी के आधार पर यह परीक्षा कंडक्ट किया जाएगा.


विश्वविद्यालय स्तर पर नहीं होगा एंट्रेंस टेस्ट: राज्य के विश्वविद्यालयों में इस सेशन से पीएचडी में नामांकन के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट नहीं होगा. जो विद्यार्थी यूजीसी नेट जीआरएफ क्वालीफाई होंगे वही विश्वविद्यालयों में अपने-अपने विषयों में नामांकन ले पाएंगे. हालाकी आरयू का एक सेशन पीएचडी(PHD) एंट्रेंस के लिए अभी बचा हुआ है. इसे लेकर फिलहाल प्रबंधन असमंजस की स्थिति में है.

देखें पूरी खबर

रेगुलेशन एक्ट 2016 में संशोधन: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने मौजूदा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) के माध्यम से योग्यता के अलावा प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम को शामिल करके कार्यक्रमों में प्रवेश के नियमों को संशोधित किया है. यूजीसी ने रेगुलेशन एक्ट 2016 में संशोधन के अपने नए मसौदे में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा एनईटी (NET)जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) के लिए उपलब्ध सीटों में से 60 फीसदी सीट आरक्षित करने का भी प्रस्ताव तैयार किया है. बाकी बचे 40 फीसदी सीट 4 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री धारक पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे. बताते चलें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस साल एमफिल की डिग्री को भी समाप्त करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही यूजीसी रेगुलेशन 2022 के तहत कई अन्य बड़े फैसले भी उच्च शिक्षा को लेकर लिए जा रहे हैं.

रांची यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस टेस्ट: इधर राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में पीएचडी में नामांकन के लिए इस सेशन की एंट्रेंस टेस्ट अभी नही हुई है. आरयू अपने विश्वविद्यालय के तहत एंट्रेंस एग्जाम लेकर पीएचडी में नामांकन लेना चाहती है.हालांकि इसके लिए विश्वविद्यालय को यूजीसी से अनुमति लेनी होगी .इस ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. फिलहाल विश्वविद्यालय में यूजी- पीजी और कॉलेजो में विभिन्न परीक्षाएं संचालित हो रही है. ये परीक्षाएं खत्म होने के बाद आरयू यूजीसी से पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करने के लिए अनुमति मांगेगी. अनुमति मिलने पर ही परीक्षा आयोजित होगी.यूजीसी के गाइडलाइन के तहत ही आरयू में काम होगा.इधर विद्यार्थियों का कहना है कि आरयू की लेट सेशन को कंप्लीट करने के बाद यूजीसी की गाइडलाइन के तहत अगर पीएचडी में नामांकन लिया जाएगा तो बेहतर होगा. फिलहाल इस सेशन को समाप्त कर लेना चाहिए. विवि को अपने स्तर पर एंट्रेंस एग्जाम लेकर इस सत्र की पीएचडी सीटों को भर लेना चाहिए.

रांची: पीएचडी में नामांकन के लिए रांची विश्वविद्यालय में इस बार एंट्रेंस एग्जाम होगी कि नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है. क्योंकि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि नेट-जेआरएफ के तहत पीएचडी में नामांकन होगा. जबकि आरयू का एक सेशन का पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट अब तक आयोजित नहीं हो सका है. आरयू प्रबंधन की माने तो एंट्रेंस टेस्ट के लिए यूजीसी से अनुमति मांगी जाएगी. जो दिशा निर्देश मिलेगा उसी के आधार पर यह परीक्षा कंडक्ट किया जाएगा.


विश्वविद्यालय स्तर पर नहीं होगा एंट्रेंस टेस्ट: राज्य के विश्वविद्यालयों में इस सेशन से पीएचडी में नामांकन के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट नहीं होगा. जो विद्यार्थी यूजीसी नेट जीआरएफ क्वालीफाई होंगे वही विश्वविद्यालयों में अपने-अपने विषयों में नामांकन ले पाएंगे. हालाकी आरयू का एक सेशन पीएचडी(PHD) एंट्रेंस के लिए अभी बचा हुआ है. इसे लेकर फिलहाल प्रबंधन असमंजस की स्थिति में है.

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रेगुलेशन एक्ट 2016 में संशोधन: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने मौजूदा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) के माध्यम से योग्यता के अलावा प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम को शामिल करके कार्यक्रमों में प्रवेश के नियमों को संशोधित किया है. यूजीसी ने रेगुलेशन एक्ट 2016 में संशोधन के अपने नए मसौदे में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा एनईटी (NET)जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) के लिए उपलब्ध सीटों में से 60 फीसदी सीट आरक्षित करने का भी प्रस्ताव तैयार किया है. बाकी बचे 40 फीसदी सीट 4 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री धारक पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे. बताते चलें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस साल एमफिल की डिग्री को भी समाप्त करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही यूजीसी रेगुलेशन 2022 के तहत कई अन्य बड़े फैसले भी उच्च शिक्षा को लेकर लिए जा रहे हैं.

रांची यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस टेस्ट: इधर राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में पीएचडी में नामांकन के लिए इस सेशन की एंट्रेंस टेस्ट अभी नही हुई है. आरयू अपने विश्वविद्यालय के तहत एंट्रेंस एग्जाम लेकर पीएचडी में नामांकन लेना चाहती है.हालांकि इसके लिए विश्वविद्यालय को यूजीसी से अनुमति लेनी होगी .इस ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. फिलहाल विश्वविद्यालय में यूजी- पीजी और कॉलेजो में विभिन्न परीक्षाएं संचालित हो रही है. ये परीक्षाएं खत्म होने के बाद आरयू यूजीसी से पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करने के लिए अनुमति मांगेगी. अनुमति मिलने पर ही परीक्षा आयोजित होगी.यूजीसी के गाइडलाइन के तहत ही आरयू में काम होगा.इधर विद्यार्थियों का कहना है कि आरयू की लेट सेशन को कंप्लीट करने के बाद यूजीसी की गाइडलाइन के तहत अगर पीएचडी में नामांकन लिया जाएगा तो बेहतर होगा. फिलहाल इस सेशन को समाप्त कर लेना चाहिए. विवि को अपने स्तर पर एंट्रेंस एग्जाम लेकर इस सत्र की पीएचडी सीटों को भर लेना चाहिए.

Last Updated : Jun 4, 2022, 2:51 PM IST
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