बेतियाः नेपाल ने एक बार फिर से भारतीय जमीन पर अपना दावा ठोकते हुए इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित सीता गुफा के पास के एक पिलर को उखाड़ दिया है. स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी प्रशासन को दिया है. सूचना मिलते ही ही भिखनाठोरी स्थित एसएसबी 44वीं बटालियन और पीओपी के जवान मौके पर पहुंच कर छानबीन की.
नेपाल के पीएम ओली के भगवान राम पर दिए गए बयान का नेपाली नागरिक भी समर्थन करने लगे हैं. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित भगवान राम से जुड़ी स्थलों पर नेपाली नागरिकों ने दावा ठोकना शुरू कर दिया है. जिससे दोनों देश के बीच तनाव बढ़ने लगा है. ताजा मामला पश्चिमी चंपारण के भिखनाठोड़ी का है. जहां, नो मेंस लैंड पर पहाड़ में सीता गुफा के पास नेपाली नागरिकों ने 436 नंबर पिलर को उखाड़ दिया है.
नेपाली पुलिस की मौजूदगी में उखाड़ा पिलर
एसएसबी के प्रभारी कमांडेंट एके सिंह ने बताया कि बीओपी में तैनात इंस्पेक्टर प्रीतम कुमार जवानों के साथ मौके पर पहुंचे हैं. वहीं, सहायक सेनानायक शैलेश कुमार सिंह पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं. एसएसबी प्रभारी कमांडेंट के बताया कि नेपाल स्थित ठोरी में परसा जिले के सीडीओ और प्रदेश के दो मंत्रियों ने दौरा किया है. इनके जाने के बाद से ही नेपाली नागरिकों ने नेपाली पुलिस की मौजूदगी में पिलर को उखाड़ा है. वहीं, दो दिनों में नेपाली नागरिक सीता गुफा में पूजा-अर्चना करने की तैयारी कर रहे हैं.
दोनों देशों के बीच बढ़ा मतभेद
नेपाली नागरिकों का कहना है कि सीता माता इस गुफा में कुछ दिन रुकीं थीं. इसी स्थान से वो वाल्मीकि आश्रम गई थीं. हालांकि, पंडई नदी के बीचों-बीच पहाड़ पर स्थित इस सीता गुफा में दोनों ही देश के लोग अबतक पूजा-अर्चना करते आ रहे थे, लेकिन नेपाली पीएम के बयान के बाद सीमावर्ती इलाके में स्थित भगवान राम व सीता से जुड़े स्थलों पर नेपाली नागरिक अपना अधिकार जमाने की कोशिश में जुट गए हैं.
अधिकारियों को दी गई सूचना
एसएसबी ने पिलर उखाड़ने की सूचना जिला प्रशासन के साथ-साथ आला अधिकारियों को भी दे दी है. वहीं, सीमा पर एसएसबी के जवान मुस्तैदी के साथ तैनात हैं और पल-पल के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि नेपाल के पीएम ओली ने दावा किया था कि ठोड़ी से लेकर वाल्मीकिनगर के वाल्मीकि आश्रम तक अयोध्या था. जिसके बाद नेपाली नागरिक इन स्थलों पर एक के बाद एक दावा ठोक रहे हैं.