रांची: माओवादियों को कोल्हान इलाके के बाद दूसरा बड़ा झटका बूढ़ापहाड़ के इलाके में लगा है. जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक के बाद स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य (SAC) उमेश यादव उर्फ विमल उर्फ राधेश्याम यादव शुक्रवार (25 फरवरी) को आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर के सामने विमल विधिवत सरेंडर करेगा.
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बूढ़ा पहाड़ इलाके में था सक्रिय: विमल बीते कई सालों से माओवादियों के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले बूढ़ापहाड़ के इलाके में सक्रिय था. बिरसायी के संगठन से अलग होने के बाद बूढ़ापहाड़ में उसका कद बढ़ा था. मिली जानकारी के अनुसार विमल यादव के पास एके-47 राइफल भी था. संगठन छोड़ने से पहले विमल अपने साथ एके-47 राइफल भी ले आया था. अनुमान लगाया जा रहा है कि हथियार के साथ नक्सली विमल का आत्मसमर्पण होगा. विमल मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के सलेमपुर थाना के करौना का रहने वाला है.
संगठन से चल रहा था नाराज: 25 लाख का इनामी विमल संगठन में हो रहे भेदभाव को लेकर नाराज चल रहा था. विमल को किनारे कर बाहरी लोगों को संगठन में ज्यादा तरजीह दी जा रही थी. भाकपा माओवादियों के बिहार में कार्यरत सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रमोद मिश्रा, मिथिलेश महतो की गतिविधियां सीमावर्ती इलाकों में रही हैं। वहीं मिथलेश के अब पूरी तरह बूढ़ापहाड़ के नियंत्रण में लेने की सूचना एजेंसियों को मिली है। मिथलेश के बूढ़ापहाड़ आने के बाद ही यहां विमल यादव के दस्ते को किनारा लगा दिया गया था, जिसके बाद विमल ने संगठन से खुद को अलग कर लिया था।