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कुख्यात नक्सली प्रशांत बोस का खुलासा, झारखंड के इस इलाके से होती है सबसे ज्यादा लेवी की वसूली - Koyal shankh zone

रांची पुलिस की गिरफ्त में किशन दा उर्फ प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) ने कई खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि झारखंड में किन इलाकों से सबसे ज्यादा लेवी की वसूली होती है. इसके अलावा लेवी का बंटवारा कैसे होता है इसकी भी जानकारी उसने पुलिस को दी है.

levy recovered from shankh zone
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Published : Nov 24, 2021, 10:37 AM IST

Updated : Nov 24, 2021, 10:48 AM IST

रांची: झारखंड पुलिस के द्वारा गिरफ्तार भाकपा माओवादियों के बड़े नेता प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) ने संगठन के द्वारा वसूली जाने वाली लेवी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. प्रशांत बोस के अनुसार सरकारी विकास योजनाओं सहित सबसे ज्यादा लेवी कोयल शंख जोन (Koyal Shankh Zone) से उठता है.

कोयल शंख जोन से सर्वाधिक लेवी
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) को रिमांड पर लिया था. रिमांड पर हुई पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि कोयल शंख जोन से माओवादियों को सर्वाधिक लेवी मिलती है. कोयल शंख जोन में सरकारी विकास योजनाओं, बीड़ी पत्ता कारोबार, खनन से लेवी की वसूली होती है. कोयल शंख जोन (Koyal Shankh Zone) के बाद मध्य जोन और अन्य इलाकों से लेवी की राशि संगठन को आती है. प्रशांत बोस ने पुलिस को बताया है कि माओवादियों को मिलने वाली लेवी की राशि का बंटवार संगठन के द्वारा मिलिट्री कमीशन, रीजनल कमेटी, जोनल कमेटी, एरिया कमेटी के बीच किया जाता है.

ये भी पढ़ें: एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रशांत बोस होटवार जेल शिफ्ट, सरायकेला से रांची लाया गया नक्सली

मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक
प्रशांत बोस के बाद एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा को संगठन की कमान मिलना तय माना जा रहा है. झारखंड पुलिस और खुफिया विभाग मिसिर के बारे में सूचना एकत्र कर रही है. पुलिस और खुफिया एजेंसियों को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक होने की कोशिश करेगा. यही वजह है कि मिसिर बेसरा की टीम प्रशांत बोस की गिरफ्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों और खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को चिन्हित करने में जुटी है.

संगठन में प्रशांत की गिरफ्तारी को लेकर बौखलाहट
भाकपा माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव प्रशांत बोस, सेंट्रल कमेटी मेंबर शीला मरांडी समेत छह माओवादियों की गिरफ्तारी से माओवादी संगठन में जबरदस्त बौखलाहट है. माओवादियों के द्वारा पहले प्रतिरोध दिवस और अब लगातार 25 नवंबर तक बंद का आह्वान किया गया है. माओवादियों के ऐलान के बाद लातेहार, चाईबासा और खूंटी में वारदातें भी हुईं. लेकिन पुलिसिया एहतियात से वारदातों पर लगाम लगी है. राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, नक्सल प्रभाव वाले सभी जिलों में अभियान चलाया जा रहा है, ताकि माओवादी किसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकें. वहीं सीमावर्ती इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है.

रांची: झारखंड पुलिस के द्वारा गिरफ्तार भाकपा माओवादियों के बड़े नेता प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) ने संगठन के द्वारा वसूली जाने वाली लेवी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. प्रशांत बोस के अनुसार सरकारी विकास योजनाओं सहित सबसे ज्यादा लेवी कोयल शंख जोन (Koyal Shankh Zone) से उठता है.

कोयल शंख जोन से सर्वाधिक लेवी
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) को रिमांड पर लिया था. रिमांड पर हुई पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि कोयल शंख जोन से माओवादियों को सर्वाधिक लेवी मिलती है. कोयल शंख जोन में सरकारी विकास योजनाओं, बीड़ी पत्ता कारोबार, खनन से लेवी की वसूली होती है. कोयल शंख जोन (Koyal Shankh Zone) के बाद मध्य जोन और अन्य इलाकों से लेवी की राशि संगठन को आती है. प्रशांत बोस ने पुलिस को बताया है कि माओवादियों को मिलने वाली लेवी की राशि का बंटवार संगठन के द्वारा मिलिट्री कमीशन, रीजनल कमेटी, जोनल कमेटी, एरिया कमेटी के बीच किया जाता है.

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मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक
प्रशांत बोस के बाद एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा को संगठन की कमान मिलना तय माना जा रहा है. झारखंड पुलिस और खुफिया विभाग मिसिर के बारे में सूचना एकत्र कर रही है. पुलिस और खुफिया एजेंसियों को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक होने की कोशिश करेगा. यही वजह है कि मिसिर बेसरा की टीम प्रशांत बोस की गिरफ्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों और खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को चिन्हित करने में जुटी है.

संगठन में प्रशांत की गिरफ्तारी को लेकर बौखलाहट
भाकपा माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव प्रशांत बोस, सेंट्रल कमेटी मेंबर शीला मरांडी समेत छह माओवादियों की गिरफ्तारी से माओवादी संगठन में जबरदस्त बौखलाहट है. माओवादियों के द्वारा पहले प्रतिरोध दिवस और अब लगातार 25 नवंबर तक बंद का आह्वान किया गया है. माओवादियों के ऐलान के बाद लातेहार, चाईबासा और खूंटी में वारदातें भी हुईं. लेकिन पुलिसिया एहतियात से वारदातों पर लगाम लगी है. राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, नक्सल प्रभाव वाले सभी जिलों में अभियान चलाया जा रहा है, ताकि माओवादी किसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकें. वहीं सीमावर्ती इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है.

Last Updated : Nov 24, 2021, 10:48 AM IST
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