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भीखन गंझू की गिरफ्तारी पर बौखलाया टीपीसी संगठन,कहा- 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करे पुलिस

कुख्यात नक्सली भीखन गंझू की गिरफ्तारी को लेकर उग्रवादी संगठन टीपीसी ने एक पत्र जारी कर भीखन की गिरफ्तारी सार्वजनिक करने की मांग की है. संगठन के द्वारा 24 घंटे के अंदर भीखन को अदालत में पेश करने की भी मांग की गई है. मांग नहीं जाने पर टीपीसी ने झारखंड बंद करने की चेतावनी दी है.

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भीखन गंझू की गिरफ्तारी
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Published : Mar 17, 2022, 7:46 AM IST

रांची: झारखंड के चतरा जिले के पिपरवार के रहने वाले कुख्यात उग्रवादी भीखन गंझू की गिरफ्तारी को लेकर उग्रवादी संगठन टीपीसी ने पत्र जारी कर भीखन की गिरफ्तारी को सार्वजनिक करने की मांग की है. भीखन को रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया है. भीखन की गिरफ्तारी कि पुलिस ने अधिकारिक पुष्टि नहीं की है यही वजह है कि संगठन की तरफ से पत्र जारी किया गया है।

ये भी पढ़ें- 10 लाख का इनामी नक्सली भीखन गंझू रांची से गिरफ्तार, NIA ने घोषित किया था मोस्टवांटेड

क्या है पत्र में
उग्रवादी संगठन टीपीसी के द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि भीखन गंझू को पुलिस के द्वारा उसके पूरे परिवार सहित गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी मिली है कि संगठन को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए भीखन पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल पुलिस के द्वारा किया जा रहा है. उग्रवादी संगठन ने भीखन को 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश करने की मांग करते हुए अनिश्चित कालीन झारखंड बन्द करने की चेतावनी दी है.

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टीपीसी का पत्र

पूर्वातर के राज्यों से हथियारों की करता था जुगाड़
भीखन गंझू के खिलाफ हथियार तस्करी का भी बड़ा कांड एनआईए में दर्ज है. नागालैंड के अलगाववादी नेता ए सांगथन के साथ बिहार के अपराधियों की सांठगांठ से हथियार तस्करी के बड़े नेटवर्क का हिस्सा भीखन था. उसने टीपीसी के उग्रवादियों को म्यांमार आर्मी की हथियार खरीदवायी थी. इसी मामले में एनआईए ने भीखन पर चार्जशीट भी दायर किया था। अपराध की कमाई से भीखन ने करोड़ों की संपत्ति जमा की है.
पूर्व सीसीएल कर्मचारी था भीखन
विस्थापित नेता के तौर पर पहचान रखने वाला भीखन गंझू तृतीय प्रस्तुति कमिटी(टीपीसी)में जोनल कमांडर के पद पर है.भीखन ने चतरा की मगध, आम्रपाली कोल परियोजना में साल 2013 में सरगना ब्रजेश गंझू, मुकेश गंझू, आक्रमण, कोहराम समेत अन्य टीपीसी उगव्रादियों के साथ मिलकर कमिटी तैयार की थी. इस कमिटी के अलावे सीसीएल के विस्थापितों की आठ कमेटियां अलग थी. इन कमिटियों के द्वारा विस्थापितों के नाम पर प्रत्येक ट्रक से वसूली की जाती थी. साल 2018 में इस मामले में चतरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था. बाद में पूरे केस की जांच एनआईए ने की थी. एनआईए ने जांच में पाया था कि टंडवा की मगध व आम्रपाली परियोजना के अलावे भीखन गंझू ने पिपरवार के अशोक व अन्य प्रोजेक्ट में भी टेरर फंडिंग का बड़ा नेटवर्क तैयार किया था. एनआईए की जांच शुरू होने के बाद इस मामले में भीखन के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले थे. एनआईए की रडार पर आने के बाद से ही भीखन फरार हो गया था.
कोयला कारोबारी की हत्या का मास्टरमाइंड
रांची में साल 2020 में प्रेम सागर मुंडा की हत्या कर दी गई थी. कोयला कारोबारी प्रेम सागर की हत्या के पीछे भी भीखन गंझू को ही मास्टरमाइंड माना जाता है. बीते साल प्रेम सागर के छोटे भाई बबलू सागर मुंडा पर भी कांके के अरसंडे में हमला हुआ था. इस मामले में भी पुलिस को भीखन की तलाश है. जानकारी के मुताबिक भीखन गंझू की पूर्व में पुलिस के आला अधिकारियों से करीबी संपर्क था.

रांची: झारखंड के चतरा जिले के पिपरवार के रहने वाले कुख्यात उग्रवादी भीखन गंझू की गिरफ्तारी को लेकर उग्रवादी संगठन टीपीसी ने पत्र जारी कर भीखन की गिरफ्तारी को सार्वजनिक करने की मांग की है. भीखन को रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया है. भीखन की गिरफ्तारी कि पुलिस ने अधिकारिक पुष्टि नहीं की है यही वजह है कि संगठन की तरफ से पत्र जारी किया गया है।

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क्या है पत्र में
उग्रवादी संगठन टीपीसी के द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि भीखन गंझू को पुलिस के द्वारा उसके पूरे परिवार सहित गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी मिली है कि संगठन को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए भीखन पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल पुलिस के द्वारा किया जा रहा है. उग्रवादी संगठन ने भीखन को 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश करने की मांग करते हुए अनिश्चित कालीन झारखंड बन्द करने की चेतावनी दी है.

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टीपीसी का पत्र

पूर्वातर के राज्यों से हथियारों की करता था जुगाड़
भीखन गंझू के खिलाफ हथियार तस्करी का भी बड़ा कांड एनआईए में दर्ज है. नागालैंड के अलगाववादी नेता ए सांगथन के साथ बिहार के अपराधियों की सांठगांठ से हथियार तस्करी के बड़े नेटवर्क का हिस्सा भीखन था. उसने टीपीसी के उग्रवादियों को म्यांमार आर्मी की हथियार खरीदवायी थी. इसी मामले में एनआईए ने भीखन पर चार्जशीट भी दायर किया था। अपराध की कमाई से भीखन ने करोड़ों की संपत्ति जमा की है.
पूर्व सीसीएल कर्मचारी था भीखन
विस्थापित नेता के तौर पर पहचान रखने वाला भीखन गंझू तृतीय प्रस्तुति कमिटी(टीपीसी)में जोनल कमांडर के पद पर है.भीखन ने चतरा की मगध, आम्रपाली कोल परियोजना में साल 2013 में सरगना ब्रजेश गंझू, मुकेश गंझू, आक्रमण, कोहराम समेत अन्य टीपीसी उगव्रादियों के साथ मिलकर कमिटी तैयार की थी. इस कमिटी के अलावे सीसीएल के विस्थापितों की आठ कमेटियां अलग थी. इन कमिटियों के द्वारा विस्थापितों के नाम पर प्रत्येक ट्रक से वसूली की जाती थी. साल 2018 में इस मामले में चतरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था. बाद में पूरे केस की जांच एनआईए ने की थी. एनआईए ने जांच में पाया था कि टंडवा की मगध व आम्रपाली परियोजना के अलावे भीखन गंझू ने पिपरवार के अशोक व अन्य प्रोजेक्ट में भी टेरर फंडिंग का बड़ा नेटवर्क तैयार किया था. एनआईए की जांच शुरू होने के बाद इस मामले में भीखन के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले थे. एनआईए की रडार पर आने के बाद से ही भीखन फरार हो गया था.
कोयला कारोबारी की हत्या का मास्टरमाइंड
रांची में साल 2020 में प्रेम सागर मुंडा की हत्या कर दी गई थी. कोयला कारोबारी प्रेम सागर की हत्या के पीछे भी भीखन गंझू को ही मास्टरमाइंड माना जाता है. बीते साल प्रेम सागर के छोटे भाई बबलू सागर मुंडा पर भी कांके के अरसंडे में हमला हुआ था. इस मामले में भी पुलिस को भीखन की तलाश है. जानकारी के मुताबिक भीखन गंझू की पूर्व में पुलिस के आला अधिकारियों से करीबी संपर्क था.

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