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रांचीः डीसी ने पोषण जागरुकता रथ को दिखाई हरी झंडी, लोगों को करेगा जागरूक

रांची में राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर में पोषण अभियान की शुरुआत की गई है. इस मौके पर डीसी छवि रंजन ने पोषण जागरुकता रथ को रवाना किया. यह रथ जगह-जगह जाकर लोगों के बीच उचित पोषण के प्रति जागरूकता फैलाएगी.

DC leaves nutrition awareness chariot
डीसी ने पोषण जागरूकता रथ को रवाना किया
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Published : Sep 7, 2020, 5:50 PM IST

रांची: जिले में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पोषण अभियान की शुरुआत कर दी गयी है. इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पोषण से संबंधित जानकारी दी जायेगी. सोमवार को उपायुक्त छवि रंजन ने कलक्ट्रेट परिसर से पोषण जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है.

पोस्टर, पम्पलेट, हैंडबिल के माध्यम से जागरुकता

जागरूकता रथ के माध्यम से रांची जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उचित पोषण के बारे में जानकारी दी जायेगी. लोगों को पोषण अभियान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पोस्टर, पम्पलेट, हैंडबिल के माध्यम से जागरुक किया जायेगा.

ये भी पढ़ें-रजरप्पा मंदिर बंद होने के बावजूद भी पहुंच रहे श्रद्धालु, जान जोखिम में डालकर भैरवी नदी में कर रहे स्टंट

जागरुकता रथ को रवाना करने के बाद उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि सितंबर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. पौष्टिक आहार और उचित पोषण के प्रति जागरूकता के लिए इस अभियान में सबकी भागीदारी अपेक्षित है. इस अभियान को सफल बनाने के लिये जिला के सभी प्रखंडो में स्वास्थ्य सहियाओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं की ओर से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इस माह में हर व्यक्ति, संस्थान और प्रतिनिधि से यह आशा है कि वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रांची जिले को कुपोषण मुक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं.

गर्भवती महिलाओं की घर पर होगी गोद भराई रस्म

वहीं, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुमन सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं, बच्चे और किशोरियों को पोषक आहार के रूप में क्या-क्या लेना चाहिए, इसके बारे में अभियान के तहत विस्तृत जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अपनी भूमिका से अवगत कराया गया है.

आंगनबाड़ी सेविका गर्भवती महिलाओं की गोद भराई रस्म, कोरोना महामारी को देखते हुए उनके घर जाकर करेगी. साथ ही बच्चों का वजन जांच कर, कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण उपचार केंद्र में भेजेगी. सभी को पौष्टिक आहार लेने की सलाह भी दी जाएगी. पूरे सितंबर महीने तक चलने वाले पोषण अभियान की थीम पोषण के पांच सूत्रों पर आधारित है जो इस प्रकार है.

1. जीवन के प्रथम 1000 दिन
2. पौष्टिक आहार
3. एनीमिया की रोकथाम
4. डायरिया से बचाव
5. स्वच्छता और साफ सफाई

रांची: जिले में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पोषण अभियान की शुरुआत कर दी गयी है. इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पोषण से संबंधित जानकारी दी जायेगी. सोमवार को उपायुक्त छवि रंजन ने कलक्ट्रेट परिसर से पोषण जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है.

पोस्टर, पम्पलेट, हैंडबिल के माध्यम से जागरुकता

जागरूकता रथ के माध्यम से रांची जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उचित पोषण के बारे में जानकारी दी जायेगी. लोगों को पोषण अभियान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पोस्टर, पम्पलेट, हैंडबिल के माध्यम से जागरुक किया जायेगा.

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जागरुकता रथ को रवाना करने के बाद उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि सितंबर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. पौष्टिक आहार और उचित पोषण के प्रति जागरूकता के लिए इस अभियान में सबकी भागीदारी अपेक्षित है. इस अभियान को सफल बनाने के लिये जिला के सभी प्रखंडो में स्वास्थ्य सहियाओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं की ओर से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इस माह में हर व्यक्ति, संस्थान और प्रतिनिधि से यह आशा है कि वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रांची जिले को कुपोषण मुक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं.

गर्भवती महिलाओं की घर पर होगी गोद भराई रस्म

वहीं, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुमन सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं, बच्चे और किशोरियों को पोषक आहार के रूप में क्या-क्या लेना चाहिए, इसके बारे में अभियान के तहत विस्तृत जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अपनी भूमिका से अवगत कराया गया है.

आंगनबाड़ी सेविका गर्भवती महिलाओं की गोद भराई रस्म, कोरोना महामारी को देखते हुए उनके घर जाकर करेगी. साथ ही बच्चों का वजन जांच कर, कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण उपचार केंद्र में भेजेगी. सभी को पौष्टिक आहार लेने की सलाह भी दी जाएगी. पूरे सितंबर महीने तक चलने वाले पोषण अभियान की थीम पोषण के पांच सूत्रों पर आधारित है जो इस प्रकार है.

1. जीवन के प्रथम 1000 दिन
2. पौष्टिक आहार
3. एनीमिया की रोकथाम
4. डायरिया से बचाव
5. स्वच्छता और साफ सफाई

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