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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खूंटी पुलिस की कार्यशैली पर जताई नाराजगी, मुठभेड़ के मामले पर 4 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खूंटी में हुई एक मुठभेड़ मामले पर पुलिस से कई बार रिपोर्ट मांगी. हालांकि खूंटी पुलिस की ओर से आयोग को कई जवाब नहीं दिया गया. इस पर नाराजगी जताते हुए आयोग ने अब 4 हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

फाइल फोटो
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Published : Oct 10, 2019, 9:30 AM IST

Updated : Oct 10, 2019, 3:26 PM IST

रांची: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने मुठभेड़ से जुड़े एक मामले पर रिपोर्ट नहीं मिलने से नाराजगी जताई है. बताया जा रहा है कि आयोग ने कई बार खूंटी पुलिस से इस बाबत रिपोर्ट मांगी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट मुहैया नहीं कराई गई. अब आयोग ने चार हफ्ते में रिपोर्ट तलब की है.

क्या है मामला
18 अगस्त 2015 को रांची के तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में चले अभियान में भाकपा माओवादी चंदन सिंह मुंडा मारा गया था. इस दौरान प्रभात कुमार को भी सीने में गोली लगी थी, जबकि उनका चालक रूमुल सवैया शहीद हो गया था. यह मुठभेड़ खूंटी के दुलमी के जंगल में हुई थी. इस मामले को लेकर खूंटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एनएचआरसी के द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है. एनएचआरसी ने बार बार रिपोर्ट की मांग किए जाने के बाद भी जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है.

ये भी पढ़ें- रांची: फिर शर्मसार हुई राजधानी, नाबालिग के साथ पड़ोसी ने किया दुष्कर्म

चार हफ्ते का दिया वक्त
मुठभेड़ मामले में खूंटी पुलिस से एनएचआरसी ने रिपोर्ट मांगी थी. मुठभेड़ के दौरान इस्तेमाल में आए सारे हथियारों की बैलेस्टिक रिपोर्ट, मृत नक्सली के हथियार की बैलेस्टिक रिपोर्ट मांगी गई. इसके अलावा नक्सलियों और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के फिंगर प्रिंट, उनके हथियार की फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट, रिपोर्ट में ये मैच करते हैं या नहीं, इसकी जानकारी भी मांगी गई थी. एनएचआरसी ने खूंटी पुलिस से चार हफ्ते में ये रिपोर्ट मांगी है. खूंटी पुलिस को साफ तौर पर कहा गया है कि 4 हफ्ते में रिपोर्ट नहीं मिली, तो ह्यूमन राइट्स एक्ट 1993 के तहत आयोग नोटिस भेजकर आगे की कार्रवाई करेगा.

रांची: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने मुठभेड़ से जुड़े एक मामले पर रिपोर्ट नहीं मिलने से नाराजगी जताई है. बताया जा रहा है कि आयोग ने कई बार खूंटी पुलिस से इस बाबत रिपोर्ट मांगी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट मुहैया नहीं कराई गई. अब आयोग ने चार हफ्ते में रिपोर्ट तलब की है.

क्या है मामला
18 अगस्त 2015 को रांची के तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में चले अभियान में भाकपा माओवादी चंदन सिंह मुंडा मारा गया था. इस दौरान प्रभात कुमार को भी सीने में गोली लगी थी, जबकि उनका चालक रूमुल सवैया शहीद हो गया था. यह मुठभेड़ खूंटी के दुलमी के जंगल में हुई थी. इस मामले को लेकर खूंटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एनएचआरसी के द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है. एनएचआरसी ने बार बार रिपोर्ट की मांग किए जाने के बाद भी जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है.

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चार हफ्ते का दिया वक्त
मुठभेड़ मामले में खूंटी पुलिस से एनएचआरसी ने रिपोर्ट मांगी थी. मुठभेड़ के दौरान इस्तेमाल में आए सारे हथियारों की बैलेस्टिक रिपोर्ट, मृत नक्सली के हथियार की बैलेस्टिक रिपोर्ट मांगी गई. इसके अलावा नक्सलियों और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के फिंगर प्रिंट, उनके हथियार की फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट, रिपोर्ट में ये मैच करते हैं या नहीं, इसकी जानकारी भी मांगी गई थी. एनएचआरसी ने खूंटी पुलिस से चार हफ्ते में ये रिपोर्ट मांगी है. खूंटी पुलिस को साफ तौर पर कहा गया है कि 4 हफ्ते में रिपोर्ट नहीं मिली, तो ह्यूमन राइट्स एक्ट 1993 के तहत आयोग नोटिस भेजकर आगे की कार्रवाई करेगा.

Intro:खूंटी मुठभेड़ का जवाब आयोग को नहीं भेज रही पुलिस, आयोग ने जताई नाराजगी ,मुठभेड़ में तात्कालीन रांची एसएसपी प्रभात कुमार को लगी थी गोली

रांची।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने मुठभेड़ से जुड़े मामले में रिपोर्ट नहीं मिलने पर नाराजगी जतायी है।खूंटी पुलिस ने आयोग के कई बार रिपोर्ट मांगने पर भी नही भेजी है।अब आयोग ने चार हफ्ते में रिपोर्ट तलब किया है।

क्या है मामला
18 अगस्त 2015 को रांची के तात्कालिन एसएसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में चले अभियान में भाकपा माओवादी चंदन सिंह मुंडा मारा गया था। इस दौरान प्रभात कुमार को भी सीने में गोली लगी थी, जबकि उनका चालक रूमुल सवैया शहीद हो गया था। मुठभेड़ खूंटी के दुलमी के जंगल में हुआ था, इस मामले को लेकर खूंटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। एनएचआरसी के द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है। एनएचआरसी ने बार बार रिपोर्ट की मांग किए जाने के बाद भी जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जतायी है।

चार हफ्ते का दिया वक्त

मुठभेड़ मामले में खूंटी पुलिस से एनएचआरसी ने रिपोर्ट मांगी थी। मुठभेड़ के दौरान इस्तेमाल में आए सारे हथियारों की बैलेस्टिक रिपोर्ट, मृत नक्सली के हथियार की बैलेस्टिक रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके अलावे नक्सलियों व मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के फिंगर प्रिंट, उनके हथियार की फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट, रिपोर्ट में ये मैच करते हैं या नहीं, इसकी जानकारी भी मांगी गई थी। एनएचआरसी ने खूंटी पुलिस को चार हफ्ते में ये रिपोर्ट मांगी है। खूंटी पुलिस को साफ साफ कहा गया है कि चार हफ्ते में रिपोर्ट नहीं मिला तो ह्यूमन राइट्स एक्ट 1993 के तहत आयोग नोटिस भेज आगे की कार्रवाई करेगा।

फाइल फोटो - मुठभेड़ के दिन ( घायल आईपीएस प्रभात कुमार)Body:1Conclusion:2
Last Updated : Oct 10, 2019, 3:26 PM IST
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