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नन्हे फरिश्ते अभियान: अब तक 22 बच्चों को किया गया रेस्क्यू

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Published : Sep 24, 2020, 1:28 AM IST

रांची रेल मंडल की ओर से चलाए जा रहे नन्हे फरिश्ते अभियान अच्छा काम कर रही है. अभियान के तहत अब तक 22 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है.

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रांची रेल मंडल

रांची: रांची रेल मंडल की ओर से चलाए जा रहे नन्हे फरिश्ते अभियान के तहत अब तक 22 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है. रांची रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त प्रशांत यादव इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं. यह अभियान 18 अगस्त से शुरू हुई थी.

18 अगस्त से हुई है नन्हे फरिश्ते अभियान की शुरुआत
18 अगस्त से नन्हे फरिश्ते अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत रेल परिचालन के दौरान लावारिस बच्चों का रेस्क्यू किया जाता है. अब तक दक्षिणी पूर्वी रेलवे के रांची रेल मंडल में 22 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है. रेस्क्यू में राजधानी एक्सप्रेस से दो नाबालिग बच्चियों को दिल्ली ले जाने का मामला भी एक है. जिन्हें काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाने का प्रयास किया जा रहा था.

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जागरूकता अभियान

नन्हे फरिश्ते की टीम से जुड़ी महिला आरपीएफ जवान की सूझबूझ से बच्चियों को रेस्क्यू किया गया था. रेलवे का लक्ष्य है कि मानव तस्करी के शिकार बच्चों पर निगरानी और रेस्क्यू करना. रेलवे सुरक्षा बल की ओर से लगातार इसे लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को रेलवे सुरक्षा बल के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर भी नन्हे फरिश्ते अभियान को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया.

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पखवाड़ा भी मनाया गया
दक्षिणी पूर्वी रेलवे जोन के सभी मंडलों में राजभाषा पखवाड़ा भी मनाया गया. रेस्क्यू किए गए बच्चों को पूछताछ के बाद रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंपा जा चुका है.

रांची: रांची रेल मंडल की ओर से चलाए जा रहे नन्हे फरिश्ते अभियान के तहत अब तक 22 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है. रांची रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त प्रशांत यादव इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं. यह अभियान 18 अगस्त से शुरू हुई थी.

18 अगस्त से हुई है नन्हे फरिश्ते अभियान की शुरुआत
18 अगस्त से नन्हे फरिश्ते अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत रेल परिचालन के दौरान लावारिस बच्चों का रेस्क्यू किया जाता है. अब तक दक्षिणी पूर्वी रेलवे के रांची रेल मंडल में 22 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है. रेस्क्यू में राजधानी एक्सप्रेस से दो नाबालिग बच्चियों को दिल्ली ले जाने का मामला भी एक है. जिन्हें काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाने का प्रयास किया जा रहा था.

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जागरूकता अभियान

नन्हे फरिश्ते की टीम से जुड़ी महिला आरपीएफ जवान की सूझबूझ से बच्चियों को रेस्क्यू किया गया था. रेलवे का लक्ष्य है कि मानव तस्करी के शिकार बच्चों पर निगरानी और रेस्क्यू करना. रेलवे सुरक्षा बल की ओर से लगातार इसे लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को रेलवे सुरक्षा बल के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर भी नन्हे फरिश्ते अभियान को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया.

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पखवाड़ा भी मनाया गया
दक्षिणी पूर्वी रेलवे जोन के सभी मंडलों में राजभाषा पखवाड़ा भी मनाया गया. रेस्क्यू किए गए बच्चों को पूछताछ के बाद रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंपा जा चुका है.

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