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अगले महीने तक तैयार हो जाएगा साहिबगंज का मल्टी मॉडल टर्मिनल, झारखंड-बिहार का बढ़ेगा समुद्री व्यापार - समुद्री व्यापार

राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के जेएमवीपी के सवाल पर पोत परिवहन राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मल्टी मॉडल टर्मिनल परियोजना के अगस्त 2019 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.

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Published : Jul 15, 2019, 6:50 PM IST

रांची: प्रदेश के साहिबगंज में जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत मल्टी मॉडल टर्मिनल परियोजना के अगस्त 2019 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. मल्टी मॉडल टर्मिनल का अनुमानित ट्रैफिक वॉल्यूम 2020-21 तक 2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष होगा. इसके साथ ही इस मल्टी मॉडल टर्मिनल के माध्यम से मुख्य रूप से स्टोन चिप्स, कोयला, सीमेंट, खाद्यान्न, रासायनिक खाद एवं चीनी की ढुलाई होगी.


साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल 2500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने में सक्षम होगा. राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पोत परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी. मंत्री मांडविया ने बताया कि साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में भारत के ईस्टर्न ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की लॉजिस्टिक्स चेन में महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है.

ये भी पढ़ें: 15 साल से अधूरे पड़े हैं 3 कॉलेजों के भवन, अब निर्माण को लेकर प्रबंधन सख्त
राष्ट्रीय राजमार्ग-80 और सकरीगली रेलवे स्टेशन इस मल्टी मॉडल टर्मिनल के समीप स्थित हैं. यह मल्टी मॉडल टर्मिनल क्षेत्र में कार्गो के आवागमन को बढ़ावा देगा जिससे इस क्षेत्र का व्यापक सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास होगा. यह नेपाल को जानेवाले कार्गो को वैकल्पिक संपर्क भी उपलब्ध कराएगा. राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा नदी) के माध्यम से चारों ओर जमीन से घिरे झारखंड और बिहार समुद्री व्यापार के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बनाएगा.

साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल

  • 183.13 एकड़ भूमि पर निर्माण
  • पहले चरण के सिविल निर्माण कार्यों की लागत-280.90 करोड़ रुपए
  • पुनर्वास और पुनर्स्थापन पैकेज सहित भूमि की लागत-187 करोड़ रुपए
  • प्रभावित परिवारों के लिए समदानाला और पलटनगंज में दो पुनर्स्थापन कॉलोनियां
  • टर्मिनल की क्षमता-2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष
  • परियोजना की शुरुआत-नवम्बर 2016
  • भौतिक प्रगति-94%
  • वित्तीय प्रगति-220.79 करोड़ रुपए

रांची: प्रदेश के साहिबगंज में जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत मल्टी मॉडल टर्मिनल परियोजना के अगस्त 2019 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. मल्टी मॉडल टर्मिनल का अनुमानित ट्रैफिक वॉल्यूम 2020-21 तक 2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष होगा. इसके साथ ही इस मल्टी मॉडल टर्मिनल के माध्यम से मुख्य रूप से स्टोन चिप्स, कोयला, सीमेंट, खाद्यान्न, रासायनिक खाद एवं चीनी की ढुलाई होगी.


साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल 2500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने में सक्षम होगा. राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पोत परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी. मंत्री मांडविया ने बताया कि साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में भारत के ईस्टर्न ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की लॉजिस्टिक्स चेन में महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है.

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राष्ट्रीय राजमार्ग-80 और सकरीगली रेलवे स्टेशन इस मल्टी मॉडल टर्मिनल के समीप स्थित हैं. यह मल्टी मॉडल टर्मिनल क्षेत्र में कार्गो के आवागमन को बढ़ावा देगा जिससे इस क्षेत्र का व्यापक सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास होगा. यह नेपाल को जानेवाले कार्गो को वैकल्पिक संपर्क भी उपलब्ध कराएगा. राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा नदी) के माध्यम से चारों ओर जमीन से घिरे झारखंड और बिहार समुद्री व्यापार के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बनाएगा.

साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल

  • 183.13 एकड़ भूमि पर निर्माण
  • पहले चरण के सिविल निर्माण कार्यों की लागत-280.90 करोड़ रुपए
  • पुनर्वास और पुनर्स्थापन पैकेज सहित भूमि की लागत-187 करोड़ रुपए
  • प्रभावित परिवारों के लिए समदानाला और पलटनगंज में दो पुनर्स्थापन कॉलोनियां
  • टर्मिनल की क्षमता-2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष
  • परियोजना की शुरुआत-नवम्बर 2016
  • भौतिक प्रगति-94%
  • वित्तीय प्रगति-220.79 करोड़ रुपए
Intro:
रांची। प्रदेश के साहिबगंज में जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत मल्टी मॉडल टर्मिनल परियोजना के अगस्त 2019 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल का अनुमानित ट्रैफिक वॉल्यूम 2020 – 21 तक 2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष होगा। साथ ही इस मल्टी मॉडल टर्मिनल के माध्यम से मुख्य रूप से स्टोन चिप्स, कोयला, सीमेंट, खाद्यान्न, रासायनिक खाद एवं चीनी की ढुलाई होगी।

साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल 2500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने में सक्षम होगा। राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पोत परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी।

Body:मंत्री मांडविया ने बताया कि साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल राष्ट्रीय जलमार्ग – 1 में भारत के ईस्टर्न ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की लॉजिस्टिक्स चेन में महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग – 80 और सकरीगली रेलवे स्टेशन इस मल्टी मॉडल टर्मिनल के समीप स्थित हैं। यह मल्टी मॉडल टर्मिनल क्षेत्र में कार्गो के आवागमन को बढ़ावा देगा जिससे इस क्षेत्र का व्यापक सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास होगा। यह नेपाल को जानेवाले कार्गो को वैकल्पिक संपर्क भी उपलब्ध कराएगा तथा राष्ट्रीय जलमार्ग – 1 (गंगा नदी) के माध्यम से चारों ओर जमीन से घिरे झारखण्ड और बिहार के लिए समुद्री व्यापार हेतु अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंच बनाएगा

Conclusion:साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल : एक नजर में
1.         183.13 एकड़ भूमि पर निर्माण
2.         पहले चरण के सिविल निर्माण कार्यों की लागत – 280.90 करोड़ रुपये
3.         पुनर्वास और पुनर्स्थापन पॅकेज सहित भूमि की लागत – 187 करोड़ रुपये
4.         प्रभावित परिवारों के लिए समदानाला और पलटनगंज में दो पुनर्स्थापन कॉलोनियां
5.         टर्मिनल की क्षमता – 2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष
6.         परियोजना की शुरुआत – नवम्बर 2016
7.         भौतिक प्रगति – 94%
8.         वित्तीय प्रगति – 220.79 करोड़ रुपये
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